उत्तराखंड
कभी देखी है ऐसी कार … 15 रुपए में चलती है 140 किलोमीटर
उत्तराखंड में ई-परिवहन यात्रा शुरू हो गई है। इसी के साथ-साथ लोगों को पहली बार हाईटेक इलेक्ट्रॉनिक कार देखने का मौका भी मिलने वाला है। अब लोग इस खास ई-वाहन पर बैठकर न केवल सस्ते किराए में सैर कर सकेंगे, बल्कि इन वाहनों से पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
राज्य के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह को भारत सरकार के उपक्रम एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने पहली इलेक्ट्रॉनिक कार की चाभी सौंपी। यह चाभी ग्रहण करने के बाद सचिव वित्त अमित नेगी को यह गाड़ी टेस्ट ड्राइव के लिए सौंपी गई।
हाईटेक इलेक्ट्रॉनिक कार की खूबियां बताते हुए मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया, ” इस वाहन की मदद से कार्बन-डाई-ऑक्साईड का उत्सर्जन कम होगा। प्रदूषण और लागत को कम करने के लिए राज्य में इस ई-वाहन का संचालन किया जाएगा। पहले चरण में 20 वाहन ईईएसएल से लिए जाएंगे।”
भारत सरकार ने वर्ष 2020 तक भारतीय सड़कों पर 60 से 70 लाख इलैक्ट्रिक वाहन लाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए नेशनल इलैक्ट्रिक मोबिलिटी प्लान शुरू किया गया है। इंटरनल कंबस्टर्न इंजन पर आधारित परिवहन की जगह इलैक्ट्रिक वाहन लाने के इस बदलाव से तेल आयात में कमी होगी। इस वाहन की मदद से देश में प्रतिवर्ष 5.6 लाख टन कार्बन-डाई-ऑक्साईड उत्सर्जन काम होगा।
ई-वाहन के बारे में राधिका झा सचिव ऊर्जा ने बताया,” इन वाहनों के लिए ईईएसएल 38 हज़ार रुपए प्रति माह किराया लेगा। इसमें ड्राईवर का खर्चा भी शामिल किया गया है।”
हाईटेक इलेक्ट्रॉनिक कार की विशेषताएं
– इस इलेक्ट्रॉनिक कार को एक दिन में सिर्फ एक बार चार्ज करने की ज़रूरत होगी।
– इलेक्ट्रॉनिक कार की चार्जिंग में मात्र 15 रुपए प्रतिदिन के खर्च पर होगी।
– मात्र 28 पैसे प्रति किलोमीटर के खर्च पर गाड़ियों का होगा संचालन।
– एक बार में चार्ज होने पर यह कार 140 किलोमीटर तक चल सकेगी।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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