प्रादेशिक
उप्र: मंत्री ने पेश किया वर्ष 2016-17 का सिंचाई विभाग का बजट
लखनऊ। उप्र के सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने अपने विभाग का वर्ष 2016-17 का बजट उप्र विधानसभा में प्रस्तुत किया. बजट प्रस्तुत करते हुए सदन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि माननीय अध्यक्ष जी सदन के सभी सम्मानित सदस्य अवगत हैं कि हमारी सरकार ने वर्ष 2016-17 को किसान एवं युवा वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। किसानों की खुशहाली एवं तरक्की के लिए सुदृढ़ सिंचाई व्यवस्था आवश्यक है। आपकी अनुमति से वित्तीय वर्ष 2016-17 का सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग का बजट प्रस्तुत करने का आज मुझे पुनः सुअवसर प्राप्त हुआ है। सदन के सभी सदस्यों के लिए यह गर्व का विषय है कि उ.प्र. की सिंचाई व्यवस्था न केवल विश्व की सबसे बड़ी सिंचाई व्यवस्थाओं में से एक है अपितु इसका एक सौ पचास वर्ष का दीर्घ कालीन इतिहास रहा है। प्रदेश के कृषकों को सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराने के लिए लगभग चैहत्तर हजार किलोमीटर की नहरों, लगभग पचास हजार किलोमीटर लम्बी डेन्स, अट्ठाईस बड़ी लिफ्ट कैनाल तथा दो सौ उन्चास छोटी लिफ्ट कैनाल के साथ-साथ लगभग बत्तीस हजार सैंतालिस राजकीय नलकूप की व्यवस्था विभग द्वारा की जा रही है।
12821 करोड़ 26 लाख 37 हजार रू. के बजट का किया गया है प्रावधान
शिवपाल ने कहा उत्तर प्रदेश के अतिहास में पहली बार राजकीय सिंचाई की सुविधा किसानों को मुफ्त उपलब्ध कराई गई है। सदन के सभी सम्मानित सदस्य अवगत हैं कि प्राकृतिक आपदा के कारण विगत तीन वर्षें में प्रदेश को सूखे के संकट का सामना करना पड़ा। विभिन्न जलाशयों में जल की उपलब्धता में भी काफी कमी रही। बेहतर सिंचाई प्रबन्धन कर विगत चार चार वर्षों में पहरों की रिकार्ड सिल्ट सफाई कराकर हमने किसानों को टेल तक पानी पंहुचाने का सफल प्रयास किया है। फलस्वरूप लगभग पन्द्रह लाख हेक्टेअर सिंचन क्षमता में बढ़ोत्तरी हुई जो अपने आप में एक कीर्तिमान है। मा. अध्यक्ष जी पूर्वान्चल में सिंचाई की पर्याप्त सुविधायें उपलब्ध न होने के कारण वहां के किसान के आर्थिक पिछड़ेपन से हम सभी अवगत हैं।
समाजवादी सरकार ने पूर्वान्चल के नौ जिलों- बहराइच, श्रावस्ती, गोण्डा, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, सन्तकबीरनगर, महराजगंज एवं गोरखपुर में पिछले तीस वर्षों से अधूरी पड़ी सरयू नहर सिंचाई परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराकर अपने संसाधनों से अब तक लगभग चौदह सौ तीस करोड़ रूपये खर्च कर किसानों को सिंचाई सुविधा उपलबध कराई है। वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए दो हजार एक सौ पचपन करोड़ इकसठ लाख दस हजार रूपये का प्रस्ताव किया गया हैं इस परियोजना को मार्च, 2017 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित हैं परियोजना के पूर्ण होने पर पूर्वान्चल के उपर्युक्त नौ जनपदों में लगभग चैदह लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता का सृजन होगा। साथ ही इससे क्षेत्र में आर्थिक स्तर भी ऊंचा हो। हमारी सरकार की पूर्वांचल के किसानों के प्रति संवेदनशीतला दर्शाती है कि एक वर्ष में ही दो हजार एक सौ पचपन करोड़ धन एकमुश्त उपलब्ध कराया जा सकेगा।
इसी प्रकार मा.अध्यक्ष जी बाणसागर परियोजना, कनहर सिंचाई परियोजना, बदायू सिंचाई परियोजना, बुन्देलखण्ड क्षेत्र की परियोजनाएं एवं अन्य परियोजनाएं पिछले पन्द्रह से तीस वर्षों से अधूरी चल रही थीं, सदन को बताते हुए मुझे हर्ष हो रहा है कि उक्त योजनाओं को समयबद्ध रूप से पूरा करने के लिए विभाग द्वारा न केवल सक्षम स्तर से स्वीकृतियां प्राप्त की गयी अपितु प्रदेश सरकार द्वारा अपने बजट से समुचित संसाधन भी उपलब्ध कराये गये जिसके कारण यह सम्भव हो पाया कि पन्द्रह से तीस वर्षों से चल रही अधूरी परियोजनाओं में कुछ पूर्ण होने की स्थित में हैं। समाजवादी सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र की नौ परियोजनाएं क्रमशः लहचूरा बाँध परियोजना, कचनौधा बाँध परियोजना, उटारी बांध परियोजना, लोअर रोहणी बांध परियोजना, औगासी पम्प कैनाल परियोजना, कुरार बांध परियोजना, सिजार बांध परियोजना, लखेरी बांध परियोजना एवं पथरई बांध परियोजना को पूर्ण कराया गया है।
बुन्देलखण्ड में सूखे से निपटने के लिए किये गये प्रयास
बुन्देलखण्ड में बेतवा नहर प्रणाली को रोस्टर के अनुसार तिरसठ दिवस चलाना था जिसे सूखे के दृष्टिगत अट्ठासी दिवस चलाया जा चुका है। बयालिस अद्द नहरों को अनवरत चालू रखते हुए कृषकों को सिंचाई हेतु राहत दी जा रही है। सूखे की स्थिति को देखते हुए वर्ष 1983 के बाद पहली बार राजघाट बांध के न्यूनतम जल स्तर (’’हेड स्टोरोज’’) से 4.5 टी0एम0सी0 पानी को केन्द्रीय जल आयोग एवं बेतवा रिवर बोर्ड के अधिकारियों से सहमति प्राप्त कर बेतवा नहर प्रणाली को तृतीय पानी हेतु कम से कम एक सप्ताह के लिए चलाया जा रहा है।
बुन्देलखण्ड में स्थित प्रत्येक जलाशय में उपलब्धतानुसार पानी आरक्षित कर दिया गया हैं। ऊपरी गंगा नहर प्रणाली में प्रवाह बाधित होने के कारण पिछले चैदह वर्षों से दो हजार पांच सौ क्यूसेक पानी प्रदेश सरकार हरिद्वार में नहीं ले पा रही थीं । मुझे सदन में बताते हुए हर्ष हो रहा है कि हाल ही में दो हजार पांच सौ क्यूसेक अतिरिक्त जल ऊपरी गंगा नहर प्रणाली में उपलब्ध करा दिया गया है जिससे जनपद फिरोजाबाद, अलीगढ़, एटा, मथुरा, आगरा की टेलों में पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा। इस योजना से आगरा को तीन सौ क्यूसेक पानी , मथुरा को पचास क्यूसेक एवं दिल्ली को तीन सौ क्यूसेक अतिरिक्त पेयजल उपलब्ध कराना सम्भव हो सकेगा।
मा.अध्यक्ष जी पूर्वान्चल क्षेत्र के माननीय सदस्य अवगत हैं कि पिछली सरकारों में गण्डक नहर प्रणाली का पुनरुद्धार न कराये जाने के कारण इसकी क्षमता उत्तर प्रदेश में पन्द्रह हजार आठ सौ क्यूसेक से घटकर दस हजार क्यूसेक रह गयी थी। इस प्रणाली पर लगभग 100 करोड़ रूपये के कार्य पूर्ण कराये जा चुके हैं। इससे पचास हजार हेक्टेअर सिंचन छमता भी उपलब्ध हुई है। इस नहर प्रणाली का पुनरुद्धार होने पर नहर पूरी क्षमता से चल पायेगी, जिससे जनपद महराजगंज, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर जनपदों में पर्याप्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इस हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में नब्बे करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है।
मा. अध्यक्ष जी हमने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का कमाण्ड सेन्टर लखनऊ में स्थापित किया है जिसमें विश्व स्तरीय तकनीकि सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस सेन्टर में एक ही छत के नीचे किसानों से सम्बन्धित समस्याओं को प्राप्त करके उनके निराकरण की व्यवस्था काल सेन्टर (1800-180-5450) के माध्यम से की गयी है, जो सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है। हमारी सरकार ने गंगा की सहायक नहर गोमती को निरमल एवं अविरल बनाने का न केवल संकल्प लिया है अपितु रिकार्ड गति से कार्यों को कराया जा रहा हैं। गोमती नदी की तली की सफाई करायी गयी है। लगभग 10 किमी डायफ्राम वाल का निर्माण अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का कराया जा चुका है। गोमती नदी में गंदा पानी न आने पाये इस हेतु सत्ताइस किमी इन्टरसेप्टिंग डेन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। गोमती रिवरफ्रन्ट को विकसित करने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त एइकाम की सेवाएं ली गयी हैं जिन्होंने सिंगापुर एवं मलेशिया में इसी तरह के महत्वपूर्ण कार्य विकसित किये हैं। यह भी बताते हुए हर्ष हो रहा है कि गोमती के इस कार्य की चर्चा पूरे देश में हो रही है। गोमती का कार्य हम निर्धारित समय से छः माह पहले ही पूर्ण करा लेंगें । इस हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में तीन सौ दो करोड़ रूपये का प्राविधान प्रस्तावित किया गया है।
माननीय सदन, बनारस में वरूणा नदी की दुर्दशा से भली भांति अवगत हैं । हमारी सरकार का संकल्प है कि हम गोमती नदी की भांति वरूणा नदी को भी निर्मल एवं स्वच्छ बनाकर गंगा को स्वच्छ करेंगे। इसके लिए वर्ष 2016-17 के बजट में पच्चीस करोड़ रूपये का प्राविधान प्रस्तावित किया गया है। मा. अध्यक्ष जी गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बहस छिड़ी हुई हैं। पूरा सदन सहमत होगा कि गंगा पर अभी बहुत कार्य किये जाने की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश सरकार की गंगा एवं उसकी सहायक नदियों को अविरल एवं निर्मल बनाने की पूर्ण प्रतिबद्धता है। मा. अध्यक्ष जी हिण्डन, अरैल, जीसन, सिरसा, सेंगर, अनैया, चन्द्रावल एवं लखेरी नदियों के पुनर्जीवन की कार्यवाही शीघ्र ही की जा रही है। मा. अध्यक्ष जी प्रदेश में बाढ़ की विषम समस्या से सदन के सभी माननीय सदस्य अवगत हैं। राज्य सरकार द्वारा अपने सीमित संसाधनों से धनराशि की व्यवस्था करते हुए अतिसंवेदनशील एवं संवेदनशील बंधों को सुरक्षित रखा जा सका। बाढ़ परियोजनाओं हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 के आय-व्ययक में छः सौ छः करोड़ इकतीस लाख चालीस हजार रूपये का बजट प्राविधान प्रस्तावित किया गया है।
मा. अध्यक्ष जी सदन को बताते हुए मुझे हर्ष हो रहा है कि उत्तर प्रदेश के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के कार्यों की राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गयी है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर डब्लू.आर.जी. 2030 एवं राष्ट्रीय स्तर पर सेन्ट्रल बोर्ड आफ इरिगेशन पावर द्वारा प्रशस्ति- पत्र भी दिया गया है। हमारी सरकार ने पिछले तीन वर्षों में विश्व बैंक द्वारा संचालित परियोजनाओं पर लगभग छः सौ सत्तर करोड़ रूपये व्यय कर लिए हैं। योजना से बाइस सौ क्यूसेक अतिरिक्त पानी सिंचाई हेतु मिलना प्रारम्भ हो गया है। लगभग ग्यारह सौ करोड़ रूपये का कार्य समानान्तर निचली गंगा नहर प्रणाली में चल रहा है जिससे पच्चीस सौ क्यूसेक पानी शीघ्र मिलला प्रारम्भ हो जायेगा। इससे एटा, फिरोजाबाद, कासगंज, मैनपुरी, फर्रूखाबाद, इटावा, कन्नौज, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, फतेहपुर एवं कौशाम्बी जनपद लाभान्वित होंगे।
निकट भविष्य में हम शीघ्र ही एक इरिगेशन बुक बनाने जा रहे हैं, जिसमें सिंचाई विभाग से सम्बन्धित सूचनाएं उपलब्ध होंगी। हमारा यह प्रयास कार्यों में पारदर्शिता लाने में मील का पत्थर साबित होगा। मा. अध्यक्ष जी बांणसागर नहर परियोजना से दो जनपदों क्रमशः इलाहाबाद एवं मिर्जापुर के किसान लाभान्वित होगे। इस परियोजना के लगभग तिरानवे प्रतिशत कार्य पूर्ण करा लिए गये हैं तथा इससे पचार हजार हेक्टेयर सिंचाई की सुविधा किसानों को दी गयी हैं। इस परियोजना को पूर्ण करने हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में तीन सौ करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है।
मा. अध्यक्ष जी बदायू सिंचाई परियोजना से बदायूं एवं बरेली जनपद के कृषक लाभान्वित होंगे। इस परियोजना हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में नब्बे करोड़ रूपये का प्राविधान प्रस्तावित किया गया है। मा. अध्यक्ष जी कनहर सिंचाई परियोजना जनपद सोनभद्र के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्माणाधीन है। इस परियोजना से नक्सल बाहुल्य अति पिछडे़ क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा मिल सकेगी। इस परियोजना को पूर्ण करने हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में तीन सौ करोड़ रूपये का प्राविधान प्रस्तावित किया गया है। मा. अध्यक्ष जी जनपद के कन्नौज के तालग्राम एवं जलालाबाद ब्लाक के डार्क जोन में भू-जल स्तर रिचार्ज करने तथा कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु परियोजना तैयार की गयी है। परियोजना से भू जल स्तर को रिचार्ज किया जायेगा ताकि क्षेत्र को डार्क जोन से मुक्ति दिलाई जा सके। इस परियोजना हेतु वर्ष 2016-17 में एक सौ बीस करोड़ रूपये का बजट प्राविधान प्रस्तावित किया गया है।
मा. अध्यक्ष जी आपके माध्यम से माननीय सदन को अवगत कराना चाहता हूं कि जनपद फिरोजाबाद में एक सौ इकतीस करोड़ रूपये की लागत से निर्माणाधीन जसराना नहर परियोजना के अन्तर्गत लगभग चालीस किमी लम्बी नहर प्रणाली के कार्य प्रगति में हैं। इस परियोजन के माध्यम से सिंचाई के साथ-साथ फिरोजाबाद शहर को पीने का पानी भी उपलब्ध कराया जायेगा। परियोजना हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में दस करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है। मा. अध्यक्ष जी बुन्देलखण्ड क्षेत्र की कचनौधा बांध परियोजना हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में बीस करोड़ रूपये , उटारी बांध परियोजना हेतु पन्द्रह करोड़ पचपन लाख रूपये, अर्जन सहायक परियोजना हेतु सौ करोड़ रूपये, लोअर रोहणी बांध परियोजना हेतु बीस करोड़ रूपये, पहुज बांध परियोजना हेतु आठ करोड़ सत्तानवे लाख रूपये, भवानी बांध हेतु साठ करोड़ रूपये, बण्डई बांध हेतु तीस करोड़ बहत्तर लाख रूपये, पहाड़ी बांध परियोेजना हेतु बीस करोड़ रूपये, बबीना ब्लाक के 15 ग्रामों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराये जाने सम्बन्धी परियोजना हेतु दस करोड़ रूपये, एरच बहुउद्देशीय बांध परियोजना हेतु एक सौ पचास करोड़ रूपये को प्राविधान प्रस्तावित किया गया है।
मा. अध्यक्ष जी मैं आपके माध्यम से माननीय सदन को अवगत कराना चाहता हूं कि हमने पूरे प्रदेश में नलकूपों को जाल फैलाया है। वर्तमान सरकार ने तीन हजार एक सौ तेइस नलकूपों को बोर कराया तथा आठ सौ इकतीस नलकूपों का रिबोर कराया तथा दो संरचनाओं को आटोमेशन का कार्य कराया। डा. राम मनोहर लोहिया नवीन राजकीय नलकूप निर्माण एवं आधुनिकीकरण परियोजना हेतु एक सौ तैंतीस करोड़ रूपये का प्राविधान प्रस्तावित किया गया है। मा. अध्यक्ष जी आपके माध्यम से माननीय सदन को अवगत कराना चाहता हूं कि ट्यूबेलों के माध्यम से अट्ठारह लाख हेक्टेयर की सिंचाई की जाती है। बिजली आपूर्ति में ट्रिपिंग होंने के कारण पम्प बन्द हो जाते हैं जिससे सिंचाई की समस्या बनी रहती है। हमने सौर ऊर्जा से ट्यूबेलों को चलाने की एक योजना बनायी है। इस सम्बन्ध में सभी स्तरों पर चर्चा के उपरान्त बजट में एक सौ पच्चीस करोड़ रूपये का प्राविधान प्रस्तावित किया गया है।
मा. अध्यक्ष जी आपके माध्यम से सदन मे माननीय सदस्यों को अवगत कराना चाहता हूं कि राज्य सरकार किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु संवेदनशील है तथा तथा अपने सीमित संसाधनों से निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूर्ण करने हेतु बजट व्यवस्था कराकर धननाशि समय-समय पर आवन्टित की गयी है। मा. अध्यक्ष जी माननीय सदन को मैं यह भी अवगत कराना चाहता हूं कि भारत सरकार की सहायता से सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना, बाणसागर नहर परियोजना, अर्जन सहायक परियोजना एवं मध्य गंगा नहर परियोजना-द्वितीय चरण निर्माणाधीन है। भारत सरकार द्वारा अपने हिस्से की धनराशि इन परियोजनाओं हेतु अवमुक्त नहीं की गयी है। एम.ओ.यू. के अनुसार सरयू नहर, राष्ट्रीय परियोजना हेतु एक हजार पांच सौ पचास करोड़ रूपये, बाणसागर परियोजना हेतु एक सौ तीन करोड़ रूपये, अर्जुन सहायक परियोजना हेतु एक सौ दस करोड़, मध्य गंगा नहर परियोजना हेतु बावन करोड़ तथा बाढ़ परियोजनाओं हेतु लगभग तीन सौ करोड़ भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को अवमुक्त नहीं किया गया हैं। किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु हम सब को मिलकर एक प्रस्ताव भारत सरकार को धन उपलब्ध कराने हेतु पुनः भेजना होगा।
मा. अध्यक्ष जी वित्तीय वर्ष 2016-17 हेतु प्रदेश की सिंचाई व्यवस्था को सुदृण करने के लिए अनुदान संख्या-94 (निर्माण कार्य) के अन्तर्गत आठ हजार आठ सौ छः करोड़ चैहत्तर लाख उन्नीस हजार रूपये तथा अनुदान संख्या 95-(अधिष्ठान) के अन्तर्गत चार हजार चैदह करोड़ बावन लाख अट्ठारह हजार रूपये इस प्रकार बारह हजार आठ सौ इक्कीस करोड़ छब्बीस लाख सैंतीस हजार रूपये मा0 सदन के समक्ष पारित किये जाने का प्रस्ताव है।
अन्य राज्य
हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल
बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।
हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां
बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था
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