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उत्तराखंड

ऋषिकेश में 150 ज़रूरतमंद परिवारों को दी गई आर्थिक मदद

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उत्तराखंड के ऋषिकेश में आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को विवेकाधीन राहत कोष की मदद से सहायता दी गई। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल 150 जरुरत मन्द गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता के चैक  बांटे।

ऋषिकेश कैंप कार्यालय में क्षेत्र के लोगों को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष  प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि गरीबों के चेहरे पर मुस्कान से ही प्रदेश का विकास होगा। इस बीच आज विधानसभा अध्यक्ष ने 150 जरुरत मन्द गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता के चैक वितरित किये।

विधानसभा अध्यक्ष ने आज अपने कैंप कार्यालय में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष विवेकाधीन राहत कोष से लगभग सात लाख 50 हज़ार रुपये की सहायता राशि बेसहारा, अस्वस्थ एवं आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को चेक के माध्यम से वितरित की।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र का चहुमुखी विकास हो रहा है। उन्होने कहा कि मैं जनता के सेवक के रुप मे काम कर रहा हूं। अग्रवाल ने जनता से विकास में सहयोग की अपेक्षा की।

इस मौके पर प्रमुख कार्यकर्ता शिवकुमार गोतम सुमित पंवार , ऋषि गुप्ता , अक्षत जाटव ,अरुण बडोनी, मनोज ध्यानी ,  संगीता ,नरेन्द्र रावत ,संजीव चोहान , राजू शर्मा अमन कुकरेती उपस्थित थे ।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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