उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ में पहली बार यूपी टूरिज्म करेगा ड्रोन शो
महाकुम्भ नगर। प्रयागराज में महाकुम्भ 2025 का आयोजन होने जा रहा है। विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन के कारण महाकुम्भ को लेकर तैयारियां भी विश्वस्तरीय हो रही हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ की दिव्य और भव्य महाकुम्भ की परिकल्पना को साकार करते हुए प्रयागराज में मंदिरों, गंगा जी के घाट, पार्क से लेकर सड़कों, फ्लाई ओवरों का निर्माण और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। इसके साथ ही महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को कई नये और अनोखे अनुभव भी प्राप्त होंगे। इसी क्रम में यूपी टूरिज्म विभाग महाकुम्भ में पहली बार ड्रोन शो करवाने जा रहा है। महाकुम्भ मेला क्षेत्र में संगम नोज पर ये अद्भुत नजारा श्रद्धालुओं को शाम के समय आकाश में देखने को मिलेगा।
ड्रोन शो में होगा महाकुम्भ और प्रयाग की पौराणिक कथा का प्रदर्शन
महाकुम्भ का आयोजन प्रत्येक बारह वर्ष पर होता है। महाकुम्भ 2025, 13 जनवरी से प्रारंभ होकर 26 फरवरी तक चलेगा। महाकुम्भ को लेकर तैयारियां अंतिम दौर में हैं। सीएम योगी की प्रेरणा से यूपी टूरिज्म विभाग महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को नये अनुभव देने का प्रयास कर रहा है। महाकुम्भ में यूपी टूरिज्म जहां एक ओर फ्लोटिंग रेस्टोरेंट, वाटर एक्टिविटी, हॉट एअर बैलून, लेजर लाइट शो जैसी गतिविधियां करवा रहा है तो वहीं दूसरी ओर महाकुम्भ में पहली बार ड्रोन शो का भी आयोजन करने जा रहा है। इस संबंध में जिला पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने कहा कि महाकुम्भ की शुरुआत और समापन के समय संगम नोज पर ड्रोन शो का आयोजन किया जाएगा। ये महाकुम्भ के यात्रियों और प्रयागराज वासियों के लिए एक नया और अनोखा अनुभव होगा। लगभग 2000 लाइटनिंग ड्रोन प्रयाग महात्म्य और महाकुम्भ की पौराणिक कथाओं का प्रदर्शन करेंगे। इसमें समुद्र मंथन और अमृत कलश निकलने के दृश्य का प्रदर्शन होगा। साथ ही प्रयाग के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को भी दर्शाया जाएगा।
2000 लाइटनिंग ड्रोन करेंगे संगम नोज के आकाश में प्रदर्शन
महाकुम्भ 2025 कई मायनों में अनोखा और अनूठा साबित होने जा रहा है। इस दिशा में यूपी टूरिज्म नये-नये प्रयोग कर रहा है। जनवरी के पहले सप्ताह से काली घाट, यमुना की लहरों पर म्यूजिकल फाउंटेन लेजर शो शुरू होने जा रहा है। जो प्रयागराज आने वाले पर्यटकों के लिए एक अनोखा अनुभव होगा। साथ ही महाकुम्भ के दौरान लाइटनिंग ड्रोन शो भी पर्यटकों और प्रयागराज वासियों के लिए विशिष्ट अनुभव होगा। इसमें लगभग 2000 लाइटनिंग ड्रोन आपस में सिंक्रोनाइज होकर संगम नोज के आकाश पर अद्भुत दृश्य और रंग बिखेरेंगे। ये सभी रंग और दृश्य धार्मिक और आध्यात्मिक भाव के होंगे।
उत्तर प्रदेश
अपने इष्ट गणपति और नागा संन्यासियों को लेकर महाकुम्भ क्षेत्र पहुंचा श्री शंभू पंच दशनाम अटल अखाड़ा
महाकुंभ नगर। प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ में जन आस्था के केंद्र सनातन धर्म के 13 अखाड़ो का अखाड़ा सेक्टर में प्रवेश जारी है। इसी क्रम में बुधवार को श्री शंभू पंचदशनाम अटल अखाड़े ने छावनी प्रवेश किया। छावनी प्रवेश को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
इष्ट देव भगवान गजानन को लेकर कुंभ क्षेत्र में हुआ प्रवेश
आदि गुरु शंकराचार्य के प्रयास से छठी शताब्दी में संगठित रूप में अस्तित्व में आये अखाड़ो की स्थापना शस्त्र और शास्त्र दोनों को आगे बढाने के लिए की गई। शास्त्र ने अगर शंकर के धार्मिक चिंतन को जन जन तक पहुचाया तो वही शस्त्र ने दूसरे धर्मो से हो रहे हमलो से इसकी रक्षा की। इन्ही अखाड़ो में शैव सन्यासी के अखाड़े श्री शंभू पञ्च दशनाम अटल अखाड़ा ने कुम्भ क्षेत्र में प्रवेश के लिए अपनी भव्य छावनी प्रवेश यात्रा निकाली। अलोपी बाग स्थिति अखाड़े के स्थानीय मुख्यालय से यह प्रवेश यात्रा निकाली गई। प्रवेश यात्रा में परम्परा, उत्साह और अनुशासन का खूबसूरत मेल देखने को मिला। आचार्य महा मंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती की अगुवाई में यह प्रवेश यात्रा निकली। सबसे आगे अखाड़े के ईष्ट देवता भगवान गजानन की सवारी और उसके पीछे अखाड़े के परंपरागत देवता रहे।
नागा संन्यासियों की फौज बनी आकर्षण और आस्था का केंद्र
स्थानीय मुख्यालय से शुरू हुए अटल अखाड़े के छावनी प्रवेश में नागा संन्यासियों की फौज को देखने के लिए शहर में स्थानीय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इष्ट देवता गणपति के पीछे चल रहे अखाड़े के पूज्य देवता भालो के बाद कतार में नागा सन्यासी चल रहे थे। यह पहला अखाड़ा था जिसमें नागा संन्यासिनियों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज की। छावनी प्रवेश में एक बाल नागा भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती का कहना है कि छावनी में दो दर्जन से अधिक महा मंडलेश्वर और दो सौ से अधिक नागा संन्यासी शामिल थे। रथों में सवार अखाड़े के संतों का आशीर्वाद लेने के लिए लोग सड़कों के दोनो तरफ दिखे।
“सूर्य प्रकाश” भाला रहा आकर्षण का केंद्र
अटल अखाड़े के जुलुस में एक बात अलग से देखी गई और वह है अखाड़े की प्रवेश यात्रा में सबसे आगे फूलों से सजे धजे वह भाले जिन्हें अखाड़ो के इष्ट से कम सम्मान नहीं मिलता। अखाड़े की पेशवाई में अखाड़े के जुलूस में भी आगे था “सूर्य प्रकाश” नाम का वह भाला जो केवल प्रयागराज के महाकुम्भ में ही अखाड़े के आश्रम से महाकुम्भ क्षेत्र में निकलता है।
जगह जगह अखाड़े के संतों का प्रशासन ने किया स्वागत
पांच किमी का रास्ता तय कर अखाड़े की प्रवेश यात्रा महाकुंभ के सेक्टर 20 पहुंची। रास्ते में कई जगह महा कुम्भ प्रशासन की तरफ से संतों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया।
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