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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में पहली बार श्रद्धालुओं की निगहबानी करेंगी 25 हाईटेक जेट स्की

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प्रयागराज |  महाकुंभ 2025 में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा योगी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जल, थल और नभ, हर जगह सुरक्षा के प्रबंध किए जा रहे हैं। इसी क्रम में स्नान के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए पहली बार जल पुलिस को छोटा जहाज कहे जाने वाले जेट स्की से लैस किया जा रहा है।

पलक झपकते ही पहुंचेगी जल पुलिस

महाकुंभ में जल पुलिस की भूमिका हर बार की तुलना में इस बार कहीं अधिक महत्वपूर्ण होने जा रही है। देश दुनिया से यहां आने वाले तमाम स्नानार्थियों और साधु संतों के साथ स्नान के दौरान कोई भी अनहोनी न होने पाए इसके लिए पहली बार महाकुंभ में छोटे जहाज उतारे जा रहे हैं। ये हाईटेक जेट स्की पलक झपकते ही कहीं भी पहुंचने में सक्षम होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के चुनिंदा अफसर महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं। इसी के तहत जल पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को और ज्यादा चाक चौबंद किया जा रहा है।

जरूरतमंद तक तत्काल पहुंच सकेगी मदद

किला थाना की जल पुलिस के प्रभारी जनार्दन प्रसाद साहनी ने बताया कि महाकुंभ में पहली बार श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हाईटेक जेट स्की उतारे जा रहे हैं। 25 हाईटेक जेट स्की की डिमांड की गई है, जो दिसंबर तक जल पुलिस के बेड़े में शामिल हो जाएंगे। पहली बार जल पुलिस के बेड़े में शामिल हो रहे ये छोटे जहाज कितनी भी दूरी पर स्नानार्थियों की मदद के लिए मिनटों में पहुंचकर उन्हें बचाने में सक्षम होंगे। सबसे खास बात यह है कि इसकी रफ्तार 70 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी। यह हाईटेक जेट स्की इशारा मिलते ही जरूरतमंद तक तत्काल पहुंचने में सक्षम होगा।

इस तरह काम करेगी जेट स्की

जेट स्की में एक शक्तिशाली इंजन लगाया जाता है। ये पानी को अंदर खींचता है और इसी के साथ पीछे के छोर से बाहर बाहर फेंकता है। महाकुंभ में जरूरत के हिसाब से यह काफी कारगर साबित होगा। इसमें एक साथ तीन लोग सफर कर सकते हैं। आपात स्थिति में इसका एक ड्राइवर त्वरित गति से मौके पर पहुंचकर कम से कम दो लोगों को सुरक्षित करने में सक्षम साबित होगा। 70 किलोमीटर प्रति घंटे की इसकी रफ्तार ही जल पुलिस की सबसे बड़ी मददगार साबित होगी।

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उत्तर प्रदेश

अपने इष्ट गणपति और नागा संन्यासियों को लेकर महाकुम्भ क्षेत्र पहुंचा श्री शंभू पंच दशनाम अटल अखाड़ा

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महाकुंभ नगर। प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ में जन आस्था के केंद्र सनातन धर्म के 13 अखाड़ो का अखाड़ा सेक्टर में प्रवेश जारी है। इसी क्रम में बुधवार को श्री शंभू पंचदशनाम अटल अखाड़े ने छावनी प्रवेश किया। छावनी प्रवेश को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

इष्ट देव भगवान गजानन को लेकर कुंभ क्षेत्र में हुआ प्रवेश

आदि गुरु शंकराचार्य के प्रयास से छठी शताब्दी में संगठित रूप में अस्तित्व में आये अखाड़ो की स्थापना शस्त्र और शास्त्र दोनों को आगे बढाने के लिए की गई। शास्त्र ने अगर शंकर के धार्मिक चिंतन को जन जन तक पहुचाया तो वही शस्त्र ने दूसरे धर्मो से हो रहे हमलो से इसकी रक्षा की। इन्ही अखाड़ो में शैव सन्यासी के अखाड़े श्री शंभू पञ्च दशनाम अटल अखाड़ा ने कुम्भ क्षेत्र में प्रवेश के लिए अपनी भव्य छावनी प्रवेश यात्रा निकाली। अलोपी बाग स्थिति अखाड़े के स्थानीय मुख्यालय से यह प्रवेश यात्रा निकाली गई। प्रवेश यात्रा में परम्परा, उत्साह और अनुशासन का खूबसूरत मेल देखने को मिला। आचार्य महा मंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती की अगुवाई में यह प्रवेश यात्रा निकली। सबसे आगे अखाड़े के ईष्ट देवता भगवान गजानन की सवारी और उसके पीछे अखाड़े के परंपरागत देवता रहे।

नागा संन्यासियों की फौज बनी आकर्षण और आस्था का केंद्र

स्थानीय मुख्यालय से शुरू हुए अटल अखाड़े के छावनी प्रवेश में नागा संन्यासियों की फौज को देखने के लिए शहर में स्थानीय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इष्ट देवता गणपति के पीछे चल रहे अखाड़े के पूज्य देवता भालो के बाद कतार में नागा सन्यासी चल रहे थे। यह पहला अखाड़ा था जिसमें नागा संन्यासिनियों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज की। छावनी प्रवेश में एक बाल नागा भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती का कहना है कि छावनी में दो दर्जन से अधिक महा मंडलेश्वर और दो सौ से अधिक नागा संन्यासी शामिल थे। रथों में सवार अखाड़े के संतों का आशीर्वाद लेने के लिए लोग सड़कों के दोनो तरफ दिखे।

“सूर्य प्रकाश” भाला रहा आकर्षण का केंद्र

अटल अखाड़े के जुलुस में एक बात अलग से देखी गई और वह है अखाड़े की प्रवेश यात्रा में सबसे आगे फूलों से सजे धजे वह भाले जिन्हें अखाड़ो के इष्ट से कम सम्मान नहीं मिलता। अखाड़े की पेशवाई में अखाड़े के जुलूस में भी आगे था “सूर्य प्रकाश” नाम का वह भाला जो केवल प्रयागराज के महाकुम्भ में ही अखाड़े के आश्रम से महाकुम्भ क्षेत्र में निकलता है।

जगह जगह अखाड़े के संतों का प्रशासन ने किया स्वागत

पांच किमी का रास्ता तय कर अखाड़े की प्रवेश यात्रा महाकुंभ के सेक्टर 20 पहुंची। रास्ते में कई जगह महा कुम्भ प्रशासन की तरफ से संतों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया।

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