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प्रादेशिक

जीबीसी 4.0: आकांक्षाओं पर खरे उतरे यूपी के आकांक्षात्मक जिले

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लखनऊ| 19 फरवरी को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी 4.0) के माध्यम से प्रदेश में 10 लाख करोड़ से अधिक की निवेश परियोजनाओं का शुभारंभ होने जा रहा है। इसमें प्रदेश के अकांक्षात्मक जिलों का भी महत्वूपर्ण योगदान है। इससे योगी सरकार काफी गदगद है। जीबीसी में आकांक्षात्मक जिलों की 1,57,651 करोड़ से अधिक की परियोजनाअों का शुभारंभ होगा, जो ओवरआल टाॅरगेट का 102 प्रतिशत से अधिक है। बता दें कि योगी सरकार ने जीबीसी के माध्यम से प्रदेश के आठ आकांक्षात्मक जिलों को 1,53,400 करोड़ की परियोजनाअों को धरातल पर उतारने का लक्ष्य दिया था। इन जिलों को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए योगी सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का ही नतीजा है कि जीबीसी में परियोजनाओं के शुभारंभ में यूपी के बड़े और औद्योगिक शहर ही नहीं बल्कि आकांक्षात्मक जनपद भी पीछे नहीं हैं।

गौतमबुद्धनगर के बाद सबसे ज्यादा सोनभद्र में परियोजनाएं लेंगी आकार

जीबीसी 4.0 में गौतमबुद्धनगर में सर्वाधिक 223887.77 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ होने जा रहा है। इसके बाद दूसरे स्थान पर आकांक्षात्मक जिला सोनभद्र में सर्वाधिक 1,21,220.62 करोड़ की परियोजनाएं मूर्त रूप लेने जा रही हैं। सोनभद्र को एक लाख करोड़ का लक्ष्य दिया गया था। इस लक्ष्य के सापेक्ष आकांक्षात्मक जिले ने 121.22 प्रतिशत हासिल कर लिया है। इस निवेश से ना सिर्फ पूर्वांचल बल्कि प्रदेश के विकास को भी रफ्तार मिलेगी। इसी तरह कभी नक्सल गतिविधियों का गढ़ माने जाने वाले चंदौली जिले में 23,457.61 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ होगा। चंदौली को बीस हजार करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, जिसके सापेक्ष जनपद ने 117.29 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है। वहीं आकांक्षात्मक जिलों में शामिल फतेहपुर में 1687.05 करोड़ की परियोजनाएं धरातल पर उतरेंगी, जबकि जनपद को 1600 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था। इस तरह फतेहपुर जनपद ने लक्ष्य का 105.44 प्रतिशत योगदान दिया है। इसके साथ ही तराई वाले जिले बहराइच में 2548.74 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ होगा, जबकि उसे 2500 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था। यह लक्ष्य का 101.95 प्रतिशत है। इसके अलावा श्रावस्ती में 832 करोड़, बलरामपुर में 415.35 करोड़, सिद्धार्थनगर में 442.39 करोड़ और चित्रकूट में 7047.37 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ होगा। इस तरह 8 आकांक्षात्मक जिलों में से 4 ने शत प्रतिशत से अधिक लक्ष्य हासिल कर नजीर पेश की है।

प्रदेश के आकांक्षात्मक जिले बने यूपी के विकास का दूसरा ग्रोथ इंजन

यूपी का सोनभद्र, चंदौली जिला, जो कभी देश में नक्सलियों से प्रभावित था, आज प्रदेश के विकास में अपनी अहम भूूमिका निभा रहा है। इसके अलावा डकैतों के आतंक से प्रभावित चित्रकूट और पिछड़ा जिला होने का दंश झेल रहे सिद्धार्थनगर, बहराइच, फतेहपुर, श्रावस्ती और बलरामपुर ने बड़ी संख्या में निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित किया है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छोटे जिलों को विकास से जोड़ने की मुहिम का ही असर है। वहीं पहले इन जिलों में अव्यवस्था और नक्सल-दस्यु गतिविधियों के चलते उद्योग जगत यहां बड़ा निवेश करने से कतराते रहे हैं। हालांकि, अब परिस्थितियां बिल्कुल बदल चुकी हैं। योगी सरकार की अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति, दुर्गम और हाशिये वाले क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विकास, आधारभूत संरचनाओं का निर्माण और बेहतर कनेक्टिविटी से ये जिले यूपी के विकास के ग्रोथ इंजन बनने जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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