Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

पहाड़ों को प्लास्टिक कचरे से दूर करने की सार्थक पहल

Published

on

Loading

उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने प्रदेश में छुट्टियां बिताने आ रहे सैलानियों को ( Never Refuse to Reuse! Be Smart. Save Environment. Be Responsible ) मुहिम के ज़रिए पहाड़ों पर प्लास्टिक का प्रयोग न करने की अपील की है।

पर्यटन विभाग, उत्तराखंड ने अपने ट्विटर एकाउंट पर प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ यह प्रयास शुरू किया है। इस प्रयोग में पर्यटन विभाग ने बड़े ही रोचक तरीके से अपनी छुट्टियां प्लान करने का उपाय दिया है। इन तरीकों से आप अपनी छुट्टियां पॉलीथीन फ्री बना सकते हैं।

उत्तराखंड को पॉलीथीन फ्री करने के लिए इससे पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह आदेश दिया था कि 31 जुलाई से पॉलीथिन और प्लास्टिक के लिए रखे गए नियम-कानूनों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। पॉलीथीन फ्री उत्तराखंड के उद्देश्य लेकर प्रदेश सरकार ने प्रदेश, जिला व ब्लॉक स्तर टास्क फोर्स का गठन किया है। यह टास्क फोर्स लोगों में पॉलीथीन का प्रयोग न करने की जागरूकता फैलने व पॉलीथीन के प्रयोग को रोकने पर निगरानी भी करेगी।

इस वर्ष चारधाम यात्रा में भी पॉलीथीन के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा हुआ है। सरकार ने यात्रा के दौरान व्यापारियों को पॉलीथीन बेचने और यात्रियों को इसका प्रयोग न करने की बात को ज़ोरों से उठाया है।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

Published

on

Loading

उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

Continue Reading

Trending