Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

भारत का पहला UCC बिल उत्तराखंड विधानसभा में पास, 10 बातों के साथ जानें अब क्या होगा आगे

Published

on

India's first UCC bill passed in Uttarakhand Assembly

Loading

देहरादून। आजादी के बाद देश का पहला समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 विधानसभा में पास हो गया। दो दिन लंबी चर्चा, बहस और तर्कों के बाद बुधवार की शाम सदन में विधेयक ध्वनिमत से पास हुआ। विपक्ष ने चर्चा के दौरान बिल प्रवर समिति को भेजने की सिफारिश की थी। उसका यह प्रस्ताव भी ध्वनिमत से खारिज हो गया।

इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस बिल से समाज का भेदभाव, कुरीतियां खत्म होंगी। कहा, इस कानून में संशोधन की भी गुंजाइश होगी। पास होने के बाद अब बिल राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा जाएगा, जहां से मुहर लगने के बाद यह कानून राज्य में लागू हो जाएगा। सभी विधिक प्रक्रिया और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा।

देश के पहले गांव माणा में संवाद से की थी ड्राफ्ट समिति ने शुरुआत

विधेयक में सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक कानून का प्रावधान है। महिला-पुरुषों को समान अधिकारों की सिफारिश की गई है। अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है।

विधेयक पर चर्चा के दौरान नेता सदन मुख्यमंत्री धामी ने कहा, देश के पहले गांव माणा में संवाद से ड्राफ्ट समिति ने इसकी शुरुआत की थी। उन्होंने अब अन्य राज्यों को भी इस दिशा में प्रयास करने का आह्वान करते हुए कहा, जिस प्रकार गंगा सबके लिए सुखदायी है, वैसे ही यूसीसी भी मातृशक्ति व पूरे समाज के लिए सुखद होगा।

12 फरवरी को संकल्प लिया, सात फरवरी को विधेयक पास

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, विधानसभा चुनाव के दौरान 12 फरवरी 2022 को उन्होंने जनता के सामने दोबारा सत्ता में आने पर समान नागरिक संहिता कानून लाने का संकल्प लिया था। आज करीब दो साल बाद सात फरवरी को यह संकल्प सिद्ध हो गया है। जनता ने जिस मकसद से उन्हें चुना, वह समानता का अधिकार सबको मिलने जा रहा है। कहा, इसे वोट बैंक की राजनीति से जोड़कर न देखें।

यूसीसी रामयुग की बड़ी पहल

मुख्यमंत्री ने सदन में कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस रामयुग की शुरुआत हुई है, यूसीसी उसमें एक बड़ी पहल साबित होगा। यह देश के लिए मील का पत्थर बनेगा। कहा, प्रधानमंत्री राष्ट्रऋषि नरेंद्र मोदी विकसित भारत का सपना देख रहे हैं। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है।

उनके नेतृत्व में यह देश तीन तलाक और अनुच्छेद-370 जैसी ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के पथ पर है। समान नागरिक संहिता का विधेयक प्रधानमंत्री के देश को विकसित, संगठित, समरस और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे यज्ञ में उत्तराखंड की ओर से अर्पित की गई एक आहुति मात्र है। इस विधेयक में जाति, धर्म, क्षेत्र व लिंग के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है।

विस से पास होने के बाद अब आगे क्या

विधानसभा से यूसीसी बिल पास होने के बाद अब यह राजभवन को भेजा जाएगा। चूंकि यह संविधान की समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए बिल अनुमोदन के लिए राज्यपाल से राष्ट्रपति को भेज दिया जाएगा। इस पर राष्ट्रपति भवन को फैसला लेना है। वहां से मुहर लगने के बाद राज्य में कानून लागू हो जाएगा।

विपक्ष ने की थी प्रवर समिति को भेजने की मांग

सदन में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में विपक्ष ने इस बिल को जल्दबाजी में उठाया गया कदम करार दिया था। विपक्ष में इसमें कई खामियां गिनाते हुए सदन में इसे प्रवर समिति को भेजने की मांग की थी। हालांकि, विपक्ष की ये मांग खारिज हो गई।

भाजपा शासित राज्यों के लिए मॉडल

समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक विधानसभा में पारित कराकर उत्तराखंड की धामी सरकार ने भाजपा शासित राज्यों के सामने लंबी लकीर खींच दी है। माना जा रहा है कि अब उत्तराखंड की इस लीक पर भाजपा शासित राज्यों के चलने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। उत्तराखंड के बाद असम की भाजपा सरकार यूसीसी बिल विधानसभा में सबसे पहले पेश कर सकती है। राजस्थान सरकार भी यूसीसी लाने का एलान कर चुकी है।

भाजपा के तरकश में आया एक और तीर

उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का विधेयक लाने के बाद भाजपा के तरकश में एक और तीर आ गया है। अयोध्या में श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा और भव्य मंदिर निर्माण के मुद्दे के साथ भाजपा अब लोकसभा चुनाव में यूसीसी के मुद्दों को भुनाएगी।

धामी की पुख्ता रणनीति

ऐतिहासिक यूसीसी बिल को सदन में पास कराने की सरकार की रणनीति के आगे विपक्ष ज्यादा मीन-मेख नहीं निकाल पाया। बुधवार को भोजनावकाश के बाद सरकार ने इसकी पृष्ठभूमि बनाने की पुख्ता तैयारी कर रखी थी, जो बखूबी नजर आई। इसमें जहां यूसीसी को बाबा भीमराव आंबेडकर का सपना बताया गया तो वहीं सरकार ने मंत्रियों, महिला विधायकों और कांग्रेस छोड़कर भाजपा से विधायक बने सदस्यों से विपक्ष को खामोश रखने की कोशिश की। भोजनावकाश से पहले विपक्ष की बहस का नजारा खूब दिखा, लेकिन तीन बजे से छह बजे तक सदन में सत्ता पक्ष की रणनीति नजर आई।

महिला विधायकों ने की वाहवाही

सरकार ने अपनी महिला विधायकों सरिता आर्य, शैलारानी रावत, रेनू बिष्ट को भी बिल के समर्थन में बोलने के लिए तैयार किया था। तीनों ने इस बिल को मातृशक्ति के लिए जरूरी करार देते हुए कानून की वकालत की। बताया, किस तरह से यह बिल महिलाओं, बेटियों के लिए ऐतिहासिक कामयाबी बन सकता है।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

Published

on

Loading

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

Continue Reading

Trending