उत्तर प्रदेश
गीडा के व्यावसायिक योजना में और मजबूत होगा इंफ्रास्ट्रक्चर
गोरखपुर। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद बीते सात साल से निवेश के पसंदीदा गंतव्य में सम्मिलित गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में कारोबारियों को कार्य सुगमता के लिए शानदार बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर मिल रहा है। इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इसी कड़ी में गीडा परिक्षेत्र के सेक्टर 22 के फेज 1 और 2 ट्रांसपोर्टनगर में व्यावसायिक योजना के अंतर्गत रोड कनेक्टिविटी पर पौने आठ करोड़ रुपये और खर्च किए जाएंगे।
योगी सरकार के सात साल में गीडा परिक्षेत्र में औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों को नई ऊंचाई मिली है। जिस गीडा क्षेत्र में 2017 के पहले तक लचर कानून व्यवस्था, ढांचागत सुविधाओं के घोर अभाव और सरकारों के उदासीन रवैये से निवेश दूर की कौड़ी लगती थी। अब उसी गीडा में योगी सरकार में निवेश की बहार है। जहां यूनिट लगाने से उद्यमी कतराते थे वहां अब उद्योगों की श्रृंखला खड़ी हो रही है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के बाद अब तक गीडा क्षेत्र में करीब 2800 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव पूरी तरह धरातल पर उतर चुके हैं। सरकार नोएडा की तर्ज पर गीडा को विकसित करने में जुटी है। उद्यमियों और उनकी पूंजी की सुरक्षा की गारंटी, इंडस्ट्री फ्रेंडली नीतियों, बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती के साथ समय-समय पर खुद उद्यमियों के बीच मुख्यमंत्री के होने से औद्योगिक माहौल बेहतर होता गया और नोएडा की तरह गीडा भी निवेश के लिए लिए बेहतरीन गंतव्य बन गया।
उद्योगों और कारोबार के विविध क्षेत्रों की बढ़ रही श्रृंखला में गीडा प्रशासन लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर भी ध्यान दे रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को और मजबूत करने के लिए नई सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है तो साथ ही पहले से बनी सड़कों के सड़कों के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण पर भी मुकम्मल ध्यान दिया जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्र के साथ ही इसमें व्यावसायिक क्षेत्र को भी शामिल किया गया है। हाल ही में गीडा प्रशासन की तरफ से गीडा परिक्षेत्र के सेक्टर 22 फेज 1 ट्रांसपोर्टनगर में सड़कों की मरम्मत और निर्माण के लिए 4 करोड़ 25 लाख रुपये तथा फेज 2 के लिए 3 करोड़ 59 लाख रुपये के कार्यों का टेंडर निकाला गया है। ये सभी कार्य नौ माह में पूरे कराए जाने है।
उत्तर प्रदेश
अपने इष्ट गणपति और नागा संन्यासियों को लेकर महाकुम्भ क्षेत्र पहुंचा श्री शंभू पंच दशनाम अटल अखाड़ा
महाकुंभ नगर। प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ में जन आस्था के केंद्र सनातन धर्म के 13 अखाड़ो का अखाड़ा सेक्टर में प्रवेश जारी है। इसी क्रम में बुधवार को श्री शंभू पंचदशनाम अटल अखाड़े ने छावनी प्रवेश किया। छावनी प्रवेश को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
इष्ट देव भगवान गजानन को लेकर कुंभ क्षेत्र में हुआ प्रवेश
आदि गुरु शंकराचार्य के प्रयास से छठी शताब्दी में संगठित रूप में अस्तित्व में आये अखाड़ो की स्थापना शस्त्र और शास्त्र दोनों को आगे बढाने के लिए की गई। शास्त्र ने अगर शंकर के धार्मिक चिंतन को जन जन तक पहुचाया तो वही शस्त्र ने दूसरे धर्मो से हो रहे हमलो से इसकी रक्षा की। इन्ही अखाड़ो में शैव सन्यासी के अखाड़े श्री शंभू पञ्च दशनाम अटल अखाड़ा ने कुम्भ क्षेत्र में प्रवेश के लिए अपनी भव्य छावनी प्रवेश यात्रा निकाली। अलोपी बाग स्थिति अखाड़े के स्थानीय मुख्यालय से यह प्रवेश यात्रा निकाली गई। प्रवेश यात्रा में परम्परा, उत्साह और अनुशासन का खूबसूरत मेल देखने को मिला। आचार्य महा मंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती की अगुवाई में यह प्रवेश यात्रा निकली। सबसे आगे अखाड़े के ईष्ट देवता भगवान गजानन की सवारी और उसके पीछे अखाड़े के परंपरागत देवता रहे।
नागा संन्यासियों की फौज बनी आकर्षण और आस्था का केंद्र
स्थानीय मुख्यालय से शुरू हुए अटल अखाड़े के छावनी प्रवेश में नागा संन्यासियों की फौज को देखने के लिए शहर में स्थानीय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इष्ट देवता गणपति के पीछे चल रहे अखाड़े के पूज्य देवता भालो के बाद कतार में नागा सन्यासी चल रहे थे। यह पहला अखाड़ा था जिसमें नागा संन्यासिनियों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज की। छावनी प्रवेश में एक बाल नागा भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती का कहना है कि छावनी में दो दर्जन से अधिक महा मंडलेश्वर और दो सौ से अधिक नागा संन्यासी शामिल थे। रथों में सवार अखाड़े के संतों का आशीर्वाद लेने के लिए लोग सड़कों के दोनो तरफ दिखे।
“सूर्य प्रकाश” भाला रहा आकर्षण का केंद्र
अटल अखाड़े के जुलुस में एक बात अलग से देखी गई और वह है अखाड़े की प्रवेश यात्रा में सबसे आगे फूलों से सजे धजे वह भाले जिन्हें अखाड़ो के इष्ट से कम सम्मान नहीं मिलता। अखाड़े की पेशवाई में अखाड़े के जुलूस में भी आगे था “सूर्य प्रकाश” नाम का वह भाला जो केवल प्रयागराज के महाकुम्भ में ही अखाड़े के आश्रम से महाकुम्भ क्षेत्र में निकलता है।
जगह जगह अखाड़े के संतों का प्रशासन ने किया स्वागत
पांच किमी का रास्ता तय कर अखाड़े की प्रवेश यात्रा महाकुंभ के सेक्टर 20 पहुंची। रास्ते में कई जगह महा कुम्भ प्रशासन की तरफ से संतों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया।
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