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राजनीति

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इंटरनेट सेंसेशन “डॉली चायवाला” की भी एंट्री

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नागपुर पूर्व। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव इंटरनेट सेंसेशन डॉली चायवाला की भी एंट्री हो चुकी है. दरअसल,गुरुवार को नागपुर ईस्ट में भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में आयोजित प्रचार सभा में डॉली चायवाला की मौजूदगी देखी गई. वह भाजपा के बड़े नेता और नागपुर के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के साथ मंच पर नजर आए. इस रैली में बीजेपी के उम्मीदवार कृष्णा खोपड़े और अन्य पार्टी सदस्य शामिल थे, जो पन्ना प्रमुखों और समिति के कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने आए थे.

कैलाश विजयवर्गीय ने क्या बताया?

भाजपा के प्रचार में डॉली चायवाला के साथ तस्वीर शेयर करते हुए भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने लिखा- “नागपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के पन्ना प्रमुख एवं पन्ना समिति के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के संबंध में चर्चा की। जोश से भरे कार्यकर्ताओं ने भाजपा की महाविजय के लिए प्राण प्रण से जुटने का संकल्प लिया। इस अवसर पर भाजपा प्रत्याशी कृष्णा खोपड़े सहित पार्टी के अनेक सदस्य उपस्थित रहे।”

नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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