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मुख्य समाचार

लंबे समय तक जेल में रहेंगे कमलेश तिवारी

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पैगंबर मोहम्‍मद पर अपमानजनक टिप्‍पणी, हिंदू महासभा नेता कमलेश तिवारी, नैशनल सिक्यॉरिटी ऐक्ट अडवाइजरी बोर्ड, इलाहाबाद हाई कोर्ट और केंद्रीय गृह मंत्रालय से उम्मीद

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लखनऊ। पैगंबर मोहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणी कथित हिंदू महासभा नेता कमलेश तिवारी पर भारी पड़ सकती है। एनएसए सलाहकार बोर्ड द्वारा उनपर आरोप निश्चित किए जाने के बाद अब 12 महीने तक उनकी रिहाई की संभावना नहीं लग रही है। नैशनल सिक्यॉरिटी ऐक्ट अडवाइजरी बोर्ड द्वारा कमलेश तिवारी पर आरोप निश्चित किए जाने के बाद उनकी जल्द रिहाई के लिए उनके परिवार को अब इलाहाबाद हाई कोर्ट और केंद्रीय गृह मंत्रालय से उम्मीद है। लखनऊ पुलिस ने तिवारी पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ ‘अपमानजनक’ टिप्पणी करने पर एनएसए के तहत मामला दर्ज किया था। रविवार को मुख्य सचिव देबाशीष पांडा ने तिवारी पर लगे आरोपों की पुष्टि की। समिति ने हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पैनल के लिए तीन लोगों को शामिल किया है। इसका मतलब है कि कारावास की तारीख से अगले 12 महीनों के बीच तिवारी की रिहाई नहीं होगी। हालांकि यह इलाहाबाद हाई कोर्ट या केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों पर भी निर्भर करेगा।

इस बीच तिवारी के बेटे सत्यम ने कहा कि उनके पिता को राहत दिलाने के लिए परिवार अब हाई कोर्ट से अपील करने की तैयारी कर रहा है। हिंदू महासभा के नेता मोहित ने कहा, ‘चूंकि अब अडवाइजरी बोर्ड ने एनएसए की पुष्टि कर दी है, इसलिए हमने राज्यपाल राम नाइक से गुहार लगाई है। साथ ही हम अपनी याचिका गृह मंत्रालय को पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।’ अखिल भारतीय हिंदू महासभा (एबीएचएम) ने भी तिवारी के लिए हाई कोर्ट जाने का फैसला किया है। कमलेश तिवारी के एबीएचएम के अध्यक्ष होने का दावा किया जाता है। रविवार को हुई एक मीटिंग में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने विधानसभा के बजट सेशन के दौरान तिवारी पर एनएसए लगाए जाने के खिलाफ बड़ा विरोध करने का फैसला किया है। कमलेश तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल नवंबर में एक प्रेस नोट के जरिए पैंगबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की और मुस्लिमों के खिलाफ प्रचार पुस्तिकाएं बांटीं। उनका यह बयान यूपी के कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान द्वारा आरएसएस सदस्यों को ‘समलैंगिक’ बताए जाने के बाद आया था। इसके बाद जबर्दस्त विरोध के चलते गत 3 दिसंबर को पुलिस ने तिवारी को गिरफ्तार कर लिया था। लखनऊ जिला अधिकारियों ने उनके खिलाफ एनएसए के तहत केस दर्ज किया था। हालांकि तिवारी को स्थानीय अदालत से बेल मिल गई थी, लेकिन एनएसए लगे होने की वजह से उन्हें रिहाई नहीं मिली।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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