Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

ऑफ़बीट

KGMU के ऑपरेशन थियेटर में बावर्ची कर रहे डॉक्टर्स की मदद

Published

on

Loading

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिसे सुनकर आपके पैरों तले जमीं खिसक जाएगी दरअसल, यहां के आईसीयू में मरीजों का इलाज डॉक्टर्स नहीं बल्कि बावर्ची करते है जी हां आईसीयू में इन बावर्चियों से मरीजों को ऑक्सीजन लगवाई जाती है। इन्हें नहीं पता कि किस मरीज को कितने प्रेशर पर ऑक्सीजन देनी है। इसके साथ ही इन्हें ड्रेसिंग करनी भी नहीं आती। ऐसे में मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है।

Related image

इन विभागों में लगाए गए हैं बावर्ची-

कार्डियॉलजी विभाग में दो, क्रिटिकल केयर यूनिट में दो, मेडिसिन विभाग में एक, ऑर्थोपेडिक विभाग में दो, न्यूरो और पैथॉलजी में एक-एक और बाल विभाग में दो कुक तैनात किए गए हैं। पहले ये सभी ट्रॉमा-2 में तैनात थे।

Related image
खबरों के मुताबिक़, इन बावर्चियों को विभिन्न विभागों में चतुर्थ श्रेणी के पद पर तैनात किया गया था। कर्मचारी संघ ने शिकायत की है कि इन सभी से सिक अटेंडेंट का काम लिया जा रहा है। उन्होनें कहा है कि, संस्थान के जिम्मेदारों से इस संबंध में बात की जाएगी।

कुक बोले- हमसे न हो पाएगा-

अयोग्य बावर्चियों ने कर्मचारी संघ से शिकायत की है कि उन्हें उपकरणों की सफाई तक करने नहीं आती है। डॉक्टरों के कहने पर वह उपकरणों की सफाई तो कर देते हैं पर कई बार उपकरणों पर खून के धब्बे रह जाते हैं। इस वजह से उन्हें कई बार डॉक्टरों की फटकार का सामना भी करना पड़ता है।

ये है पूरा मामला-

केजीएमयू के ऑपरेशन थियेटर, इंटेंसिव केयर यूनिट, कैथ लैब और क्रिटिकल केयर वॉर्डों में सिक अटेंडेंट के पद पर कुक तैनात हैं। आरोप है कि रजिस्ट्रार के निर्देश के बाद पिछले तीन महीनों में 11 कुक ट्रॉमा-2 से लाकर केजीएमयू के विभिन्न विभागों में तैनात कर दिए गए हैं। इनसे ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को विसंक्रमित करवाने, मरीजों की ड्रेसिंग सहित और आईसीयू में मरीजों की देखभाल जैसे काम लिए जा रहे हैं। लेकिन इन कुकों को ऐसे किसी भी काम के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया है। केजीएमयू के कर्मचारी संघ ने यह आरोप लगाया है।

Image result for KGMU OPERATION THEATRE

संस्थान को सौंपा गया पत्र-

इस सम्बन्ध में रजिस्ट्रार को पत्र सौंपा गया है। पत्र में कहा गया है कि विभागों में सिक अटेंडेंट के पद पर ट्रॉमा-2 से आए 11 बावर्चियों को रखा गया है। एमसीआई के नियमानुसार, ओटी-आईसीयू और वॉर्डों में काम करने वाले कर्मचारियों को पूरी तरह से प्रशिक्षित होना चाहिए। इसके साथ ही इन कर्मचारियों को उपकरणों, ओटी सहित वॉर्डों को विसंक्रिमित करने की ट्रेनिंग पूरी करनी चाहिए।

Continue Reading

अन्य राज्य

सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी

Published

on

Loading

राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।

नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।

 

इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।

Continue Reading

Trending