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प्रादेशिक

समाजवाद से ही होगा मजदूरों का भलाः शिवपाल यादव

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समाजवाद, मजदूरों का भला, शिवपाल यादव, अन्तर्राष्ट्रीय श्रम दिवस, मधु लिमये जयंती

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समाजवाद, मजदूरों का भला, शिवपाल यादव, अन्तर्राष्ट्रीय श्रम दिवस, मधु लिमये जयंती

shivpal yadav

लिमये ने समाजवादी व श्रमिक आन्दोलन को दी नई दिशा

लखनऊ। अन्तर्राष्ट्रीय श्रम दिवस व मधु लिमये जयंती के उपलक्ष्य में 7 कालीदास स्थित सभागार में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए समाजवादी नेता व सपा के प्रदेश प्रभारी शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि श्रमिकों का सर्वतोन्मुखी हित लोहिया-लिमये द्वारा प्रतिपादित समाजवादी सिद्धांतों से ही संभव है। जिस देश में श्रमिकों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति खराब होती है, वह देश कभी भी विकास की अगली कतार में नहीं आ पाता। मोदी सरकार की नीतियाँ श्रमिक विरोधी हैं। यही कारण है कि भारत में औद्योगिक विकास उस गति से नहीं हो रहा है, जिस गति से होना चाहिए। मोदी वही गलती कर रहे हैं जो मनमोहन सरकार कर चुकी है। औद्योगिक नीति श्रम प्रधान होनी चाहिए।

मायावती किसी मजदूर बस्ती में नहीं गईं

मायावती ने अपने शासन काल के दौरान कभी भी मजदूरों के लिए कोई भी रचनात्मक काम नहीं किया। वे कभी भी मजदूरों की बस्ती में नहीं गईं। उन्हें मजदूरों के पक्ष में बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है। महान समाजवादी चिन्तक मधु लिमये को यादव करते हुए शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि लिमये ने भारतीय श्रमिक आन्दोलन व समाजवादी विचारधारा को नई दिशा दी। वे एक अध्ययनशील और मेधावी व्यक्तित्व थे जिन्होंने लोहिया की विचारधारा की व्याख्या की। वे लोहिया और हमारी पीढ़ी के समाजवादियों के मध्य के सेतु थे, जिनके योगदान को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता उन्होंने लोहिया के जाने के बाद गोवा मुक्ति संग्राम को आगे बढ़ाया और पुर्तगाल से आजाद कराकर ही दम लिया। वे संसोपा के संसदीय दल के नेता रहे और चरण सिंह सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बावजूद स्वयं मंत्री नहीं बने। नई पीढ़ी मधु जी के साहित्य को पढ़े और विचारधारा का प्रचार-प्रसार करे।

समाजवादी लेखक संघ के अध्यक्ष व इण्टरनेशनल सोशलिस्ट काउंसिल के सचिव दीपक मिश्र ने कहा कि न केवल भारत अपितु दुनिया में समाजवादी विचारधारा के सशक्त व्याख्याताओं में लिमये जी का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है। उन्होंने सोशलिस्ट इण्टरनेशनल के बेल्जियम अधिवेशन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए जो जो भाषण दिया था वह वैश्विक समाजवादी विचारधारा की अनमोल थाती है। उन्होंने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर, सरदार पटेल और लोहिया समेत कई महापुरूषों पर हिन्दी, मराठी और अंग्रेजी में कई पुस्तकें लिखी हैं। मधु लिमये जितने बड़े लेखक थे उतने ही महान योद्धा थे। उन्होंने आजादी के दौरान स्वतंत्रता के लिए कई बार गिरफ्तारियाँ दी और आजादी के बाद आपातकाल का विरोध करते हुए लम्बा समय जेल में बिताया। मधु जी देश बुद्धिजीवियों और समाजवादियों के आदर्श थे।

IANS News

छत्तीसगढ़: सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 10 नक्सलियों को किया ढेर, AK-47 और SLR समेत कई हथियार बरामद

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 10 नक्सली ढेर हो गए हैं। मारे गए नकसलियों से AK-47 और SLR समेत कई हथियार बरामद किए गए हैं।

यह मुठभेड़ सुकमा जिले के कोराजुगुड़ा, दंतेवाड़ा, नगरम और भंडारपदर इलाकों में जंगलों में हुई। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने मुठभेड़ की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि जनवरी 2024 से नवंबर 2024 तक कुल 257 नकसलियों को सुरक्षाबलों ने ढेर किया है। 861 नकसलियों को गिरफ्तार किया गया और 789 नकसलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि जिला रिजर्व गार्ड (DRG) टीम और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान नकसलियों के खिलाफ अभियान का हिस्सा थे। सुरक्षा बलों को इलाके में माओवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी। अभी तक बरामद माओवादियों के शवों की पहचान नहीं हो पाई है।

टीमों ने इंसास राइफल, एके-47 राइफल और SLR राइफल सहित कई हथियार बरामद किए हैं। गुरुवार को भी ओडिशा के मलकानगिरी जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक माओवादी मारा गया था। ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई गोलीबारी में माओवादी ढेर किया गया था।

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