Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

आयुध नगरी के रूप में विकसित हो रहा ‘पूरब का मैनचेस्टर’

Published

on

Loading

लखनऊ। कभी ‘पूरब का मैनचेस्टर’ कहा जाने वाला कानपुर आने वाले दिनों में आयुध नगरी के रूप में विख्यात होने जा रहा है। देश को रक्षा उत्पाद के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देशन में यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (यूपी डीआईसी) तेजी से आकार ले रहा है। यूपी डीआईसी के प्रदेश में छह नोड हैं, जिसमें कानपुर नोड में सर्वाधिक निवेश हो रहा है। कानपुर नोड में सबसे बड़े पैमाने पर रक्षा क्षेत्र से जुड़े उत्पादों का निर्माण होगा। इसमें छोटे-बड़े हथियारों से लेकर गोला-बारूद और देश की सेना के लिए अत्याधुनिक वस्त्रों का निर्माण भी शामिल है। यही नहीं कानपुर नोड में अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े उपकरणों को भी निर्मित किया जाएगा।

अदाणी समूह बना रहा गोला-बारूद

कानपुर के नरवल तहसील अंतर्गत साढ़ में 218 हैक्टेयर से अधिक भूमि पर डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर आकार ले रहा है। यूपीडा के अधिकारियों के अनुसार अबतक यहां 24 कंपनियों ने निवेश की इच्छा जाहिर की है, जिसमें से पांच कंपनियों ने निवेश शुरू करते हुए कार्य प्रारंभ कर दिया है। इसमें सबसे बड़ा नाम अदाणी समूह का है, जिसने बीते फरवरी माह से ही यहां अपनी फैक्ट्री शुरू कर दिया है। 1500 करोड़ रुपए के निवेश से शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के जरिए छोटे, मध्यम और बड़े कैलिबर के गोलाबारूद के विविध रेंज का निर्माण किया जाएगा। वहीं इसके अलावा 38 करोड़ रुपए से आधुनिक मैटेरियल एंड साइंसेज़ प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सैनिकों के लिए अत्याधुनिक वस्त्रों के निर्माण का कार्य भी शुरू हो चुका है। वहीं 360 करोड़ रुपए से नेत्र ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड आर्टलरी शेल का निर्माण करेगी और 3500 करोड़ रुपए से अनंत टेक्नोलॉजी एलईओ और जीईओ सैटेलाइट निर्माण से जुड़े उपकरण तैयार करेगी।

इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सरकार खर्च कर रही 62 करोड़ रुपए से अधिक

यूपीडा के अधिकारियों के अनुसान कानपुर नोड के लिए अबतक 210 हैक्टेयर से अधिक भूमि अलॉट की जा चुकी है। डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के कानपुर नोड से कुल 18 हजार से भी अधिक रोजगार सृजन होने की उम्मीद है। वहीं अबतक कुल 17 सौ करोड़ से अधिक का निवेश धरातल पर उतर भी चुका है, जिससे फिलहाल ढाई हजार रोजगार युवाओं को प्राप्त हुए हैं। कानपुर नोड में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए योगी सरकार 62 करोड़ रुपए से अधिक खर्च करेगी। इसमें से लगभग 33 करोड़ रुपए के कार्य पूरे हो चुके हैं। इसके अलावा 16 करोड़ रुपए से अधिक के कार्य निर्माणाधीन हैं। वहीं 13 करोड़ से अधिक के कार्यों के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

अयोध्या के कुम्हारों के जीवन में ‘दीप’ जला रही योगी सरकार

Published

on

Loading

अयोध्या। रामनगरी के दीपोत्सव ने अयोध्या के कुम्हारों का जीवन बदल दिया है। कभी रोजी-रोटी के लिए परेशान दिखने वाले कुम्हार अब दीपोत्सव के दौरान ही एक-एक लाख रुपये कमा लेते हैं। दीपोत्सव शुरू होने के बाद कुम्हार परिवार के युवा बाहर जाने के बजाय अब इलेक्ट्रिक चाक घुमाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। जयसिंहपुर गांव में दीपोत्सव को लेकर व्यापक तैयारियां शुरू हो गई हैं।

2017 में प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनते ही सर्वप्रथम अयोध्या को सजाने-संवारने का बीड़ा उठाया। इसके बाद भगवान राम के वनवास से लौटकर आने की खुशी में मनाई जाने वाली दीवाली ओर दीपोत्सव कराने का ऐलान कर दिया। हर वर्ष राम की पैड़ी पर इसका आयोजन होता है। इस दौरान लाखों की संख्या में दीप प्रज्ज्वलित होते हैं। दीयों की खरीदारी के लिए भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले के कुम्हारों को वरीयता दी। नतीजा यह है कि इन वर्ष दीपोत्सव का आठवां संस्करण होने जा रहा है। कुम्हारों ने बड़ी संख्या में दीयों को बनाने का काम शुरू कर दिया है। इस बार रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं। इसलिए कहा जा रहा है कि आठवां दीपोत्सव और भी भव्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने 25 लाख दीपों का जलाने का ऐलान किया है।

जलने हैं 25 लाख दीये, जुटा हुआ है परिवार

अयोध्या के विद्याकुण्ड के निकट स्थित जयसिंहपुर गांव में बड़े स्तर पर कुम्हार दीयों को बनाने में जुटे हुए हैं। यहां का 40 परिवार दीपोत्सव के लिए दीप बना रहा है। उनका मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका जीवन बदल दिया। दीपोत्सव में बिक्री होती ही है, लेकिन स्थानीय कुम्हारों के लिए की गई अपील के बाद लोग मिट्टी के दीयों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

30 से 35 हजार दीये बेच देते हैं: लक्ष्मी

जयसिंहपुर गांव की लक्ष्मी प्रजापति बताती हैं कि योगी सरकार की योजना ने हमारे घर को रोशन कर दिया है। दीपोत्सव में दीये बनाने का ऑर्डर मिलते ही पूरा परिवार जुट जाता है। 30 से 35 हजार दीये बनाकर बेचे जाते हैं।

सीएम के ऐलान के बाद बढ़ी आमदनी: राकेश

जयसिंहपुर गांव के राकेश प्रजापति बताते हैं कि अभी हमें ठेका नहीं मिला है, लेकिन विगत वर्षों में मिले आर्डर को देखते हुए हम लोगों ने दीये बनाने शुरू कर दिए हैं। सीएम के ऐलान के बाद हमारी आमदनी बढ़ी है।

पहले लोग चाइना की झालर से सजाते थे घर: आशा

गांव की आशा बताती हैं कि हम लोग हर वर्ष 20 से 25 हजार दीये बनाकर दीपोत्सव के लिए देते हैं। दीपोत्सव शुरू होने के बाद शहर के लोग दीयो से अपना घर सजाते हैं। नहीं तो लोग चाइना की झालरों का प्रयोग करते थे।

सीएम योगी ने दिलाई प्रजापतियों को पहचान: राजेश

गांव के राजेश प्रजापति ने बताया कि ये सीएम योगी की ही देन है कि दीपोत्सव के बाद से प्रजापति की भी पहचान हो गई है। नहीं तो हमें कोई पहचानता नहीं था। अभी टेंडर नहीं हुआ है, लेकिन हम लोगों ने अब तक 2 लाख से अधिक दीप तैयार कर लिए हैं।

शुरू हो चुका है दीपोत्सव का काउंट डाउन

आठवें दीपोत्सव का काउंट डाउन शुरू हो चुका है। अब सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं। उसके बाद अयोध्या नगरी एक नया कीर्तिमान रच देगी। दीपोत्सव को लेकर प्रशासनिक तौयारियाँ शुरू हो गई हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा अवध विश्वविद्यालय प्रशासन और वहां के छात्र भी जुट गए हैं।

दीपोत्सव में कब कितने दीप जले
सन-दीप
2017- 1.71 लाख
2018- 3.01 लाख
2019- 4.04 लाख
2020- 6.06 लाख
2021- 9.41 लाख
2022- 15.76 लाख
2023-22.23 लाख

Continue Reading

Trending