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उत्तर प्रदेश

मिशन रोजगार: सीएम योगी ने 7720 लेखपालों को वितरित किए नियुक्ति पत्र

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोकभवन में आयोजित मिशन रोजगार कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के तहत चयनित 7720 लेखपालों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस अवसर पर सीएम योगी ने नवचयनित लेखपालों को उनके कर्तव्यों के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा कि ये नियुक्ति प्रक्रिया पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई है। इसमें कहीं कोई भेदभाव नहीं हुआ, कोई सिफारिश की आवश्यकता नहीं पड़ी। ऐसे में ये आपकी जिम्मेदारी बनती है कि बिना किसी सिफारिश के प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ ही एक गरीब की ईज ऑफ लिविंग के लिए आपको अपने स्तर पर विशेष कार्य करना है। एक गरीब के जीवन के लिए आपकी ऊर्जा और प्रतिभा लगे, निवेश की संभावनाओं में आपका सकारात्मक सहयोग मिले, जाति, निवास, आय प्रमाणपत्र के लिए जो समय सीमा तय की गई है उसके अनुसार आम जनमानस और युवाओं को सहयोग प्राप्त हो। वरासत, नामांतरण और पैमाइश से जुड़ी कार्यवाही समय से पूरी हों। लोगों के बीच में आपकी अच्छी छवि बने और लेखपाल के नाम से लोग घबराएं नहीं। कार्यक्रम के दौरा सीएम योगी के समक्ष मिशन रोजगार को लेकर एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। लोकभवन के साथ ही विभिन्न कमिश्नरी में भी कार्यक्रम का लाइव आयोजन किया गया।

ईमानदारी से करें अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन

सीएम योगी ने नव चयनित लेखपालों से अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी से निर्वहन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आपका जनता के बीच नजदीकी जुड़ाव होता है। किसी को पट्टे की जमीन देनी है, किसी को वरासत का कार्य करना है, किसी के नामांतरण का कार्य करना है, कृषि को अकृषि घोषित करते हुए निवेश की संभावना को आगे बढ़ाना है, कहीं पर पैमाइश की कार्यवाही को बढ़ाना है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एक फुट, दो फुट के लिए हिंसक घटनाएं होती हैं। अगर हम समय पर पैमाइश करके सीमांकन कर लें तो कोई विवाद नहीं होगा। कोई दबंग भूमाफिया जबर्दस्ती सरकारी या गरीब की जमीन पर कब्जा कर रहा है तो वहां एंटी भूमाफिया टास्क के साथ जाकर हम बड़ी कार्रवाई करें। कहीं पर निवेश के लिए कोई प्रस्ताव आया है तो उसको समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ा दें। बाढ़ जैसी आपदा में समय पर लोगों को राहत दे दें। कृषक दुर्घटना बीमा में कृषक, उसके परिवार के किसी सदस्य या फिर बटाईदार और उसके परिवार के सदस्य की किसी आपदा में मृत्यु होने पर समयबद्ध तरीके से राहत की धनराशि उसके परिवार को मिल जाए। गलत तरीके से कोई भी कार्य न करें और टेक्नोलॉजी का उपयोग करें। राजस्व की पूरी व्यवस्था ही डिजिटाइज हो रही है। लैपटाप और टैबलेट उपलब्ध कराने की कार्यवाही को ट्रेनिंग के समय से ही जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाला कोई भी व्यक्ति अगर परंपरागत रूप से ग्राम समाज की आबादी की जमीन पर मकान बनाकर रह रहा है तो उसकी जमीन का मालिकाना हक उसे घरौनी के माध्यम से मिल सके। अब तक 63 लाख से ज्यादा लोगों को हमने यह व्यवस्था दे दी है और हमारा प्रयास है कि इस वर्ष तक सभी 1.25 करोड़ परिवारों को यह सुविधा उपलब्ध करा देंगे।

जल्द पूरी की जाएंगी 4700 नई नियुक्तियां

सीएम योगी ने कहा कि इस नियुक्ति प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने के लिए 2022 में राजस्व विभाग ने अपना अधियाचन अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को दिया था। चयन की प्रक्रिया पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ आयोग ने संपन्न की, लेकिन कुछ लोगों की फितरत होती है कि हर अच्छे कार्य में रोड़ा अटकाया जाए। नवचयनित लेखपालों के नियुक्ति पत्र वितरण में भी रोड़े अटकाने के कार्य हुए, लेकिन राजस्व विभाग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग इसके लिए लड़ा और अंततः सुप्रीम कोर्ट से भी फैसला अपने पक्ष में करके आज 7720 नवचयनित युवाओं को उनकी आकांक्षा के अनुरूप ये नियुक्ति पत्र प्रदान किए जा रहे हैं। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद 4700 और नई नियुक्ति के अधियाचन हम भेज चुके हैं और जल्द ही उस प्रक्रिया को भी पूर्ण करने वाले हैं। इस प्रक्रिया के पूरा होते ही 3837 लेखपाल जो प्रदेश में नियुक्त होने चाहिए, उनकी संख्या पूरी हो जाएगी।

प्रदेश की नई पहचान को बरकरार रखने के लिए लगानी होगी ऊर्जा

2017 के पहले की तस्वीर सबने देखी है। लेखपालों के आधे पद खाली पड़े थे,क्योंकि भर्ती नहीं होती थी। भर्ती की प्रक्रिया में तमाम होल थे। प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही चाचा-भतीजे की जोड़ी वसूली के लिए निकल पड़ती थी और पूरे खानदान को जिले आवंटित हो जाते थे। ये वही उत्तर प्रदेश है जिसका युवा बाहर कहीं जाता था तो उसे पहले ही साइड कर दिया जाता था। कुछ जिलों की छवि तो ऐसी बना दी गई थी कि लोग नौकरी की बात तो दूर होटल और धर्माशाला में भी जगह नहीं देते थे। आज युवा कहीं भी जाएगा बड़े सम्मान की निगाहों से देखा जाता है, क्योंकि उन्हें मालूम है कि यह नए उत्तर प्रदेश का नया युवा है, इसकी प्रतिभा का लोहा दुनिया मान रही है। ये जो कार्य हुए हैं, उसने उत्तर प्रदेश को एक पहचान दी है। यह जो नई पहचान बनी है, उसे बरकरार रखने की आवश्यकता है और इसमें पूरी ताकत और ऊर्जा लगानी है।

इस अवसर पर वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, अध्यक्ष राजस्व परिषद डॉ रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव राजस्व पी गुरु प्रसाद, राजस्व विभाग के अधिकारीगण मौजूद रहे।

प्रदेश में निवेश और योजनाओं से करोड़ों नौकरियों का हुआ सृजन

सीएम योगी ने प्रदेश में मिशन रोजगार को लेकर कहा कि पिछले 7 वर्ष में आपने देखा होगा कि प्रदेश सरकार नियुक्ति की प्रक्रिया को पूरी इमानदारी और बिना भेदभाव के युवा की योग्यता और उनकी क्षमता के अनुरूप आगे बढ़ा रही है। इसी का परिणाम है कि 6 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है और आज वो सभी युवा अलग-अलग क्षेत्र में प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। प्रदेश में एक लाख 55 हजार से अधिक पुलिस कार्मिकों की नियुक्ति की गई है, जबकि 1 लाख 54 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को पूरा किया गया। इसके अतिरिक्त अन्य विभागों में भी इसी प्रकार की भर्तियों की प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा किया गया है। सीएम ने कहा कि प्रदेश में अब तक हमारी सरकार 15 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश को धरातल पर उतार चुकी है। हमारे पास अभी लगभग 30 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव बाकी है, जिन्हें धरातल पर उतारने की कार्यवाही चल रही है। प्रदेश में निवेश का बेहतरीन माहौल बना है, एमएसएमई सेक्टर को प्रोत्साहित करने का कार्य हुआ, इन सबसे भी हमने प्रदेश में एक करोड़ 62 लाख युवाओं को अपने ही जनपद में नौकरी की संभावनाएं उपलब्ध कराई हैं। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में अपने जनपद और गांव में रोजगार की सुविधा प्राप्त हुई। यही नहीं, प्रदेश ने स्वरोजगार के लिए भी केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ाने का कार्य किया, जिससे प्रदेश में 62 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ। आज इसी का परिणाम है कि यूपी का अनइंप्लायमेंट रेट तेजी से नीचे गिर रहा है और अधिक से अधिक युवाओं को नौकरी व स्वरोजगार से जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ है।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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