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उत्तर प्रदेश

अतीक के भाई अशरफ के सहपाठी नफीस बिरयानी की थी उमेश हत्याकांड में इस्तेमाल कार  

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Nafees Biryani car

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प्रयागराज। प्रयागराज में उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की हत्या की जांच में जुटी पुलिस को नई जानकारी मिली है। पता चला है कि हत्याकांड में इस्तेमाल की गई सफेद रंग की क्रेटा कार पहले माफिया अतीक के भाई अशरफ के सहपाठी नफीस बिरयानी के नाम पर थी, जिसे बाद में उसने रुखसार के नाम ट्रांसफर कर दिया था।

बता दें खुल्दाबाद थाना क्षेत्र के करबला पुलिस चौकी के पास गुलाबबाड़ी मोहल्ले में नफीस अहमद का मकान है। वह बचपन में माफिया अतीक के भाई अशरफ के साथ पढ़ता था।

वह पहले सिविल लाइंस के एमजी मार्ग पर फुटपाथ पर ठेला लगाकर बिरयानी बेचता था, लेकिन अशरफ ने उसे पाश इलाके में दुकान दिलवाई तो हर महीने लाखों का वारा-न्यारा करने लगा। इसके बाद वह नफीस बिरयानी के नाम से मशहूर हो गया। पुलिस का कहना है कि क्रेटा कार पहले नफीस के नाम पर थी, लेकिन बाद में उसने रुखसार के नाम ट्रांसफर कर दिया था।

अशरफ का सहपाठी है नफीस

हत्याकांड में नफीस से शनिवार को भी पुलिस पूछताछ करती रही। इस दौरान उसके माफिया से संबंध की पड़ताल की गई तो अशरफ के सहपाठी होने का पता चला। यह भी बताया गया कि नफीस ठेले पर बिरयानी बेचता था। हालांकि बिरयानी के शौकीन लोग अटाला की तरफ खाने के लिए जाते थे। इस कारण उसकी ज्यादा बिक्री नहीं होती थी। तब नफीस ने अशरफ से संपर्क साधा और फिर उसकी मदद से दुकान खोल लिया।

नवाब यूसुफ रोड पर माफिया अतीक की जमीन पर ही नफीस का बिरयानी का कारखाना था लेकिन CAA NRC आंदोलनकारियों को बिरयानी सप्लाई किए जाने का मामला सामने आने के बाद कारखाने को प्रशासन ने बुलडोजर से ढहा दिया था।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जारी हो रहे छह रंग के ई-पास

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महाकुम्भनगर| महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की सुविधा, सुगम व्यवस्था और सुरक्षा के लिए छह रंग के ई-पास जारी किए जा रहे हैं। पुलिस से लेकर अखाड़े और वीआईपी तक के लिए अलग-अलग रंग के ई-पास जारी किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। कैटेगरी के आधार पर कोटा निर्धारित किया जा रहा है। देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए इस लिहाज से विभागीय स्तर पर नोडल अधिकारी भी नामित किए जा रहे हैं।

इस तरह जारी होंगे अलग अलग ई-पास

उच्च न्यायालय, वीआईपी, विदेशी राजदूत, विदेशी नागरिक और अप्रवासीय भारतीयों के साथ केंद्र, राज्य के विभाग के लिए सफेद रंग का ई-पास जारी किया जा रहा है। अखाड़ों और संस्थाओं को केसरिया रंग का ई-पास प्रदान किया जा रहा है। वहीं, कार्यदायी संस्थाओं, वेंडर, फूड कोर्ट और मिल्क बूथ के लिए पीले रंग का ई-पास जारी किया जा रहा है। मीडिया को आसमानी, पुलिस बल को नीला और आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं के लिए लाल रंग का ई-पास प्रदान किया जा रहा है।

सभी सेक्टर में सुनिश्चित की गई वाहन पार्किंग की व्यवस्था

महाकुम्भ के अवसर पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अफसरों को स्पष्ट निर्देश है कि देश दुनिया के कोने-कोने से आने वाले एक भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए। इसी के मद्देनजर मेला प्राधिकरण की ओर से सभी सेक्टर में वाहन पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। निकटतम पार्किंग तक पहुंचाने के लिए सभी विभागों, कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के वाहनों के ई-पास जारी किए जाने हैं। वाहनों के पास के लिए कैटेगरी के आधार पर कोटा निर्धारित किया गया है, जिसके अनुरूप वाहन पास के अनुमोदन के लिए प्रत्येक विभाग के स्तर से नोडल अधिकारी नामित किया जा रहा है। उनकी संस्तुति के आधार पर ही वाहन पास के लिए जरूरी सभी विवरण ऑनलाइन भरकर सबमिट किए जा रहे हैं।

यूपीडेस्को के माध्यम से ई-पास प्रणाली लागू करने की व्यवस्था

वाहन ई-पास के लिए उत्तर प्रदेश की नोडल आईटी संस्था यूपीडेस्को के माध्यम से ई-पास प्रणाली लागू करने की व्यवस्था की गई है। व्यवस्था के सुचारु संचालन के लिए विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारी, मेला पुलिस, सभी संस्थाओं के वाहन पास के आवदेनों का सत्यापन निर्धारित कोटा के आधार पर करेंगे।

आवेदन करने से पहले जरूरी हैं ये सभी कागजात

आवेदन प्रक्रिया के अंतर्गत प्रत्येक वाहन पास के लिए आवेदक का व्यक्तिगत विवरण, कलर्ड पासपोर्ट फोटो, आधार कार्ड अथवा पैन कार्ड और वाहन का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र एवं ड्राइविंग लाइसेंस की स्वहस्ताक्षरित छाया प्रति लेनी होगी। यूपीडेस्को की ओर से अनुबंधित कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि की ओर से अस्थायी मेला पुलिस स्थल पर अनुमोदित ई-पास को प्रिंट कर मेला पुलिस कार्यालय से ही उपलब्ध कराया जाएगा।

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