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राजनीति

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व विधायक धीरज गुर्जर ने अधिकारियों और कर्मचारियों को दी चेतावनी

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भीलवाड़ा। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व विधायक धीरज गुर्जर ने हाल ही में भीलवाड़ा के कोठाज गांव में आयोजित एक भजन संध्या के दौरान दिए गए अपने विवादास्पद बयान से राजनीतिक माहौल गर्मा दिया है। धीरज गुर्जर ने अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह बलपूर्वक कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे।

उन्होंने भाजपा नेताओं पर हमला करते हुए कहा,

“जो 14-15 साल में काम नहीं हुआ, वह काम हमने एक वर्ष में कर दिया, लेकिन अब इस एक साल में लोगों की जेब काटी जा रही है और चांदी के जूते पड़ रहे हैं। पुलिस स्टेशन, तहसील, पटवारी व सचिव के पास जो आदमी जा रहा है, उनके बिना पैसा काम नहीं हो रहा है।” इसके बाद उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा, “यह जवानी भी आपके नाम है और बुढ़ापा भी आपके नाम है, जब तक मैं और मेरे छोटे भाई नीरज गुर्जर जिंदा हैं, तब तक कोटडी के लोग अकेले नहीं होंगे। हम आपकी सेवा करेंगे, आपके सुख-दुख में आपके साथ खड़े रहेंगे।”

इस दौरान उन्होंने कहा, “अगर कोई आपकी बात प्रेम से नहीं मानता, तो (जरबे मेल कर) जूते मारकर काम कराने के लिए आपका बेटा धीरज तैयार है।” गुर्जर ने कहा, “धीरज गुर्जर मर जाएगा, लेकिन आपको अकेला नहीं छोड़ेगा। आपके मन में हिम्मत और विश्वास रखो, क्योंकि आपके लिए धीरज गुर्जर तलवार और ढाल बनकर खड़ा रहेगा।”

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नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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