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वायुसेना में अगले साल तक शामिल होगी ‘अस्त्र’ मिसाइल

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वायुसेना में अगले साल तक शामिल होगी 'अस्त्र' मिसाइल

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वायुसेना में अगले साल तक शामिल होगी 'अस्त्र' मिसाइल

अंजलि ओझा

नई दिल्ली| भारतीय वायुसेना (आईएएफ) को उम्मीद है कि अगले साल तक वह अपने हथियारों के जखीरे में ‘अस्त्र’ मिसाइल को शामिल कर लेगी। हवा से हवा में सटीक निशाना साधने वाली इस उच्च प्रौद्योगिकी वाली मिसाइल को सार्वजनिक तौर पर पहली बार दागने की तैयारी हो चुकी है। आईएएफ के एक अधिकारी ने आईएएनएस को नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, “इस मिसाइल को बनाने में एक दशक से अधिक समय लग गया। इसका परीक्षण चल रहा है और यह परीक्षण इस साल के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।”

अस्त्र के जरिये वायुसेना के इसी 18 मार्च को अपनी शक्ति दिखाने का मौका मिलेगा। राजस्थान के पोखरण में इसे लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमकेआई के जरिये छोड़ा जाएगा। प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी भी पहली बार सार्वजनिक तौर पर इस मिसाइल की अद्भुत क्षमता का गवाह बनेंगे।

वैज्ञानिकों के मुताबिक, “इस मिसाइल की प्रौद्योगिकी बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि’ से बहुत अधिक उन्नत है। इसमें ऐसे यंत्र लगे हैं जिनसे मिसाइल को लक्ष्य को उस जगह से हटा देने पर भी उसे ढूंढने में मदद मिलती है।”

इसी उन्नत प्रौद्योगिकी की वजह से इसे बनाने में रक्षा शोध एवं अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) को इतनी देर हुई।

अधिकारी ने कहा कि परीक्षण सही ढंग से चल रहा है। परीक्षण में इस मिसाइल ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।

इसे दृष्टि सीमा से परे जाकर भी लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया जा सकता है। इसमें लगे अत्याधुनिक यंत्र इसे तेजी से लक्ष्य का पीछा करके उसे समाप्त करने की क्षमता देते हैं। इस मिसाइल ने पैंतरे बदलने वाले लक्ष्यों को भी परीक्षण के दौरान बहुत सटीक ढंग से भेदा है।

अब जो असली परीक्षण होना है उसमें दुश्मन के विमानों की तरह पैंतरे बदलने वाले लक्ष्यों को भेदना है। दुश्मन के विमानों द्वारा इलेक्ट्रो मैग्नेटिक क्षेत्र बना कर मिसाइलों को लक्ष्य से भटकाने की कोशिश करने की स्थिति में उससे निकल कर इसमें सटीक निशाना साधने की क्षमता है।

यह मिसाइल 3.57 मीटर लंबी है। इसका व्यास 178 मिलीमीटर है और प्रक्षेपण के समय इसका वजन 154 किलोग्राम रहता है। आम तौर पर इसमें 15 किलोग्राम विस्फोटक होता है।

डीआरडीओ के अनुसार, “यह मिसाइल 20 किलोमीटर से 80 किलोमीटर के तक लक्ष्य को भेदने में समर्थ है।”

समुद्र स्तर से दागने पर यह 20 किलोमीटर जाती है लेकिन यह 8 हजार मीटर की ऊंचाई से दागने पर 44 किलोमीटर और 15 हजार मीटर से दागने पर 80 किलोमीटर दूर के लक्ष्य को भेद सकती है। एक बार नाकाम होने की बात छोड़ दें तो यह मिसाइल अब तक के सभी परीक्षणों में सफल रही है।

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केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के

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कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।

सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।

चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट

पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।

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