Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

वायुसेना में अगले साल तक शामिल होगी ‘अस्त्र’ मिसाइल

Published

on

वायुसेना में अगले साल तक शामिल होगी 'अस्त्र' मिसाइल

Loading

वायुसेना में अगले साल तक शामिल होगी 'अस्त्र' मिसाइल

अंजलि ओझा

नई दिल्ली| भारतीय वायुसेना (आईएएफ) को उम्मीद है कि अगले साल तक वह अपने हथियारों के जखीरे में ‘अस्त्र’ मिसाइल को शामिल कर लेगी। हवा से हवा में सटीक निशाना साधने वाली इस उच्च प्रौद्योगिकी वाली मिसाइल को सार्वजनिक तौर पर पहली बार दागने की तैयारी हो चुकी है। आईएएफ के एक अधिकारी ने आईएएनएस को नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, “इस मिसाइल को बनाने में एक दशक से अधिक समय लग गया। इसका परीक्षण चल रहा है और यह परीक्षण इस साल के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।”

अस्त्र के जरिये वायुसेना के इसी 18 मार्च को अपनी शक्ति दिखाने का मौका मिलेगा। राजस्थान के पोखरण में इसे लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमकेआई के जरिये छोड़ा जाएगा। प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी भी पहली बार सार्वजनिक तौर पर इस मिसाइल की अद्भुत क्षमता का गवाह बनेंगे।

वैज्ञानिकों के मुताबिक, “इस मिसाइल की प्रौद्योगिकी बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि’ से बहुत अधिक उन्नत है। इसमें ऐसे यंत्र लगे हैं जिनसे मिसाइल को लक्ष्य को उस जगह से हटा देने पर भी उसे ढूंढने में मदद मिलती है।”

इसी उन्नत प्रौद्योगिकी की वजह से इसे बनाने में रक्षा शोध एवं अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) को इतनी देर हुई।

अधिकारी ने कहा कि परीक्षण सही ढंग से चल रहा है। परीक्षण में इस मिसाइल ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।

इसे दृष्टि सीमा से परे जाकर भी लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया जा सकता है। इसमें लगे अत्याधुनिक यंत्र इसे तेजी से लक्ष्य का पीछा करके उसे समाप्त करने की क्षमता देते हैं। इस मिसाइल ने पैंतरे बदलने वाले लक्ष्यों को भी परीक्षण के दौरान बहुत सटीक ढंग से भेदा है।

अब जो असली परीक्षण होना है उसमें दुश्मन के विमानों की तरह पैंतरे बदलने वाले लक्ष्यों को भेदना है। दुश्मन के विमानों द्वारा इलेक्ट्रो मैग्नेटिक क्षेत्र बना कर मिसाइलों को लक्ष्य से भटकाने की कोशिश करने की स्थिति में उससे निकल कर इसमें सटीक निशाना साधने की क्षमता है।

यह मिसाइल 3.57 मीटर लंबी है। इसका व्यास 178 मिलीमीटर है और प्रक्षेपण के समय इसका वजन 154 किलोग्राम रहता है। आम तौर पर इसमें 15 किलोग्राम विस्फोटक होता है।

डीआरडीओ के अनुसार, “यह मिसाइल 20 किलोमीटर से 80 किलोमीटर के तक लक्ष्य को भेदने में समर्थ है।”

समुद्र स्तर से दागने पर यह 20 किलोमीटर जाती है लेकिन यह 8 हजार मीटर की ऊंचाई से दागने पर 44 किलोमीटर और 15 हजार मीटर से दागने पर 80 किलोमीटर दूर के लक्ष्य को भेद सकती है। एक बार नाकाम होने की बात छोड़ दें तो यह मिसाइल अब तक के सभी परीक्षणों में सफल रही है।

नेशनल

राहुल गांधी रायबरेली पहुंचे, पीपलेश्वर मंदिर में दर्शन-पूजन कर लिया हनुमान जी का आशीर्वाद

Published

on

By

Loading

लखनऊ। कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक दिवसीय रायबरेली के दौरे पर हैं। राहुल गांधी ने रायबरेली लखनऊ बॉर्डर स्थित पीपलेश्वर मंदिर में दर्शन-पूजन कर हनुमान जी का आशीर्वाद लिया। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इसके बाद डिग्री कॉलेज चौराहा शहीद चौक पर पहुंचे। यहां माल्यार्पण कर डिग्री कॉलेज चौराहे का लोकार्पण किया।

लखनऊ एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उन्होंने सड़क मार्ग से रायबरेली तक का रास्ता तय किया। इस बीच वह चुरुवा हनुमान मंदिर में पूजा करने के लिए भी रुके। रायबरेली पहुंचने के बाद राहुल गांधी दिशा की बैठक में शामिल हुए। लोकसभा चुनाव के बाद राहुल का अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में तीसरा और यूपी का 5वां दौरा है।

कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि राहुल गांधी के दौरे से उत्तर प्रदेश कांग्रेस में नई ऊर्जा आएगी। चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ेगा। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लखनऊ पहुंच गए हैं। वह एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से रायबरेली के लिए रवाना हो गए हैं।

इसके पहले राहुल गांधी को रिसीव करने आए कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी एक जागरूक और जिम्मेदार नेता हैं। वह रायबरेली संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों की स्थिति जानने के लिए दिशा की बैठक में हिस्सा लेंगे। बैठक के बाद 2:30 बजे राहुल गांधी फुरसतगंज एयर पोर्ट के लिए रवाना होंगे।

Continue Reading

Trending