उत्तर प्रदेश
ओबीसी समाज में बजरंबली की शक्ति, हिंदू समाज को तोड़ने में लगे रावण की लंका का करेगा दहन: सीएम योगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कालांतर में जिस तरह से विदेशी आक्रांताओं ने हिंदू समाज में फूट डालने का षड्यंत्र रचा था। उसी तरह से विपक्षी दल भी छद्म धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिंदू समाज को आपस में लड़ाने की साजिश रच रहे हैं। ओबीसी समाज में बजरंगबली की शक्ति है, बस उस शक्ति को जगाने की आवश्यकता है। हिंदू समाज को तोड़ने में लगे रावण की लंका के दहन में देरी नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े छः-सात वर्षों में प्रदेश में सरकारी नौकरियों में साढ़े छः लाख भर्तियां हुई हैं, जिसमें 60 प्रतिशत ओबीसी समाज के लोग भर्ती हुए हैं।
सीएम योगी सोमवार को भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में वर्ष 2015-2016 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा की आयोग की भर्ती में 86 में से 56 एसडीएम एक ही जाति विशेष के चयनित हुए थे। यह ओबीसी समाज के हितों पर कुठाराघात था। सीएम योगी ने कहा कि बेसिक शिक्षा की 69000 भर्ती पर प्रश्न खड़ा करने वाले लोग समाजवादी पार्टी के वही मोहरें हैं, जिन्होंने 86 में से 56 एक ही परिवार और एक ही समाज के लोगों को भर्ती किया था। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में बेसिक शिक्षा में 125000 शिक्षकों की भर्ती हुई। सीएम योगी ने कहा कि 69000 भर्ती में अगर 27 प्रतिशत आरक्षण की बात जाए तो 18200 ओबीसी शिक्षकों की भर्ती होती, लेकिन ओबीसी समाज के 31500 शिक्षकों की भर्ती हुई।
सीएम योगी ने कहा कि विपक्षी दलों को इस बात की चिंता है कि ओबीसी समाज के युवा अपने बुद्धि और विवेक के बल पर कैसे इतनी अधिक सीटें प्राप्त कर ले रहे हैं। इसलिए वह भर्ती को विवादित करने की साजिश रचते हैं। उन्होंने कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस की सरकार में कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया था। कांवड़ यात्रा केवल शिव भक्तों का मंगलगान ही नहीं है बल्कि इसके साथ रोजगार भी जुड़ा हुआ है। कांवड़ यात्रा से छोटे दुकानदारों और हस्तशिल्पियों का रोजगार भी मिलता है, जिसे पिछली सरकारों ने रोकने का कार्य किया था। सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश में 60 और सपा ने चार-चार बार शासन किया, लेकिन इन दलों की सरकारों ने ओडीओपी के लिए कुछ नहीं किया। ओडीओपी से जुड़े हुए हस्तशिलपी ओबीसी समाज से आते हैं।
सीएम योगी ने कहा कि 2006 में भारतीय जनता पार्टी के विधायक कृष्णानंद राय की हत्या हुई थी। उस हत्याकांड में कृष्णानंद राय के साथ मरने वाले उमेश पटेल और रमेश यादव भी थे। क्या वे ओबीसी समाज से नहीं थे? राजू पाल और उमेश पाल की प्रायगराज में जिस माफिया ने हत्या की थी, उस माफिया को गले से किसने लगाया था, इसे सब जानते हैं। उन्होंने कहा कि सपा ने माफिया को गले से लगाकर प्रदेश को अराजकता, गुंडागर्दी और दंगों की आग में झोंकने का कार्य किया था।
सीएम योगी ने कहा कि जिन लोगों ने ओबीसी समाज की नौकरियों में डकैती डाली, जिन लोगों ने युवाओं का रोजगार छीना और जिन लोगों प्रदेश के सामने पहचान का संकट खड़ा किया, वे लोग आज वह समाज में फूट डालो और राज करो की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा ने ओबीसी समाज के लोगों का रोजगार छीना। वहीं भाजपा ने इस समाज के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार किसानों और बटाईदारों को मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा के तहत पांच लाख रुपए की धनराशि उपलब्ध करा रही है। कृषि सेक्टर से जुड़े हुए ज्यादातर लोग ओबीसी समाज के आते हैं।
सीएम योगी ने कहा कि जब समाज विभाजित था, तब अयोध्या में प्रभु श्रीराम, मथुरा में भगवान कृष्ण और काशी में महादेव का मंदिर अपवित्र हुआ। ओबीसी समाज सबसे अधिक गो सेवा करता था। उनसे गायों को छीनकर कसाइयों के हवाले किया जाने लगा, गोकशी होने लगी। आपकी आस्था के साथ खिलवाड़ होने लगा। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल अयोध्या, मथुरा, काशी, कांवड़ यात्रा, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, होली, दीपावली, पर्व त्योहार, दंगों और माफिया राज पर बात नहीं करेंगे।
सीएम योगी ने कहा कि ये लोग जाति के नाम पर आपको लड़ाने का कार्य करेंगे। इसके लिए इन्होंने स्मार्ट फोन और सोशल मीडिया को हथियार बनाया है। जिसके माध्यम से ये झूठे वक्तव्य को फैला रहे हैं। इसलिए इनसे सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ओबीसी के हितों का संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2047 तक भारत को दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने के लिए संकल्पित हैं, जिससे हम सभी को जुड़ने की आवश्यकता है। साथ ही विकसित भारत के संकल्प को साकार करना है।
कार्यक्रम में ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री संगम लाल गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप और प्रभारी राम प्रताप सिंह चौहान के साथ भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे।
उत्तर प्रदेश
कासगंज में चंदन गुप्ता हत्याकांड के सभी 28 दोषियों को NIA की स्पेशल कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
लखनऊ। यूपी के कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुए दंगे में मारे गए चंदन गुप्ता हत्याकांड के सभी 28 दोषियों को NIA स्पेशल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सभी दोषियों को गुरुवार को दोषी करार दिया था और शुक्रवार को सजा का ऐलान किया। कासगंज में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी।
जिन दोषियों को उम्रकैद का सजा सुनाई गई है उनमें वसीम जावेद उर्फ वसीम, नसीम जावेद,मोहम्मद जाहिद कुरैशी उर्फ जाहिद उर्फ जग्गा, आसिफ कुरैशी उर्फ हिटलर, असलम कुरैशी, अकरम, तौफीक, खिल्लन, शवाब अली खान, राहत ,सलमान ,मोहसिन, आसिफ जिमवाला, साकिब, बबलू, निशु उर्फ जीशान, वासिफ, इमरान, शमशाद ,जफर, साकिर ,खालिद परवेज ,फैजान ,इमरान ,साकिर, मोहम्मद आमिर रफी, कासगंज जेल में बंद मुनाजिर और कोर्ट में सरेंडर हुए सलीम शामिल हैं।
चंदन की हत्या के बाद हुए थे कई दिन दंगे
विश्व हिंदू परिषद और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता करीब 100 मोटर साइकिलों पर तिरंगा और भगवा झंडा लेकर निकले थे। इस तिरंगा यात्रा में ABVP कार्यकर्ता चंदन गुप्ता भी शामिल था। यात्रा के दौरान कुछ मुस्लिम युवकों ने झड़प हो गई थी। इसके बाद दंगा भड़क गया था। इसमें चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी उसकी मौत के बाद कासगंज में हालात कई दिनों तक खराब हो थे। कासगंज में करीब एक हफ्ते तक दंगे हुए थे।
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