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करोड़पति बंदर, जिसके नाम से मंदिर भी है

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करोड़पति बंदर। यह शब्द सुनकर आपका चौंकना लाजिमी है। एक महिला ने अपने बंदर के नाम अपनी पूरी संपत्ति कर दी।

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में जानवरों के प्रति अनूठे प्यार की दिलचस्प कहानी सामने आई है। इस कहानी में सबसे बड़ा किरदार चुनमुन (बंदर) है। चुनमुन की वजह से एक महिला की झोली में इतनी खुशियां आ गईं कि उसने सारी संपत्ति अपने पालतू बंदर के नाम कर दी। चुनमुन की पिछले साल जब मौत हो गई, तो महिला ने अपने घर में उसका मंदिर बनवा दिया।

बीते मंगलवार को मंदिर में राम-लक्ष्मण और सीता के साथ बंदर की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। इस मौके पर भंडारा भी कराया गया। महिला ने अपने घर का नाम भी बंदर के नाम पर रखा है।

रायबरेली के शक्तिनगर निवासी कवयित्री सबिस्ता को यह बंदर करीब 13 साल पहले मिला था। सबिस्ता मानती हैं कि चुनमुन के आने के बाद मानो उनकी जिंदगी ही बदल गई थी। चुनमुन उनके लिए भाग्यशाली साबित हुआ था।

सबिस्ता मुस्लिम हैं, इसके बावजूद उन्होंने अपने घर में मंदिर बनवाया। उन्होंने 1998 में ब्रजेश श्रीवास्तव से प्रेम विवाह किया था। दोनों की कोई संतान नहीं है।

बकौल सबिस्ता, “जब हमने बृजेश से लव मैरिज की, तो समाज में जीना दूभर हो गया था। कामकाज ठप्प होने से हमारे ऊपर कर्ज भी बढ़ता चला गया। मन की शांति के लिए हम हिंदू धर्मग्रंथों को पढ़ने लगे। साधु-संतों की शरण में जाने लगे। इसी बीच एक जनवरी, 2005 को चुनमुन हमारे घर का नन्हा मेहमान बना।”

उन्होंने कहा, “जब हमने एक मदारी से चुनमुन को लिया, तब उसकी उम्र तीन महीने थी। चुनमुन हमारे लिए भाग्यशाली साबित हुआ। न सिर्फ हमारा सारा कर्ज उतर गया, बल्कि धन-दौलत सबकुछ हासिल हुआ।”

साबिस्ता ने बंदर की अच्छी तरह से परवरिश की। घर के तीन कमरे उसके लिए विशेषतौर रखे गए थे। चुनमुन के कमरे में एयरकंडीशनर और हीटर भी लगा हुआ था। 2010 में शहर के पास ही छजलापुर निवासी अशोक यादव के यहां पल रही बंदरिया से उसका विवाह भी कराया गया।

सबिस्ता के मुताबिक, उनकी कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्होंने चुनमुन को ही अपना बेटा मान लिया। चुनमुन के नाम से एक संस्था बनाई और सारी संपत्ति उसके नाम कर दी। (इनपुट आईएएनएस)

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पकिस्तान के वो काले कानून जो आप जानकर हो जाएंगे हैरान

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नई दिल्ली। दुनिया के हर देश में कई अजीबोगरीब कानून होते हैं जो लोगों को हैरान करते हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी कई अजीबोगरीब कानून हैं। इस मामले में पड़ोसी देश पहले नंबर पर है। ऐसे कानूनों की वजह से पाकिस्तान की दुनियाभर में आलोचना भी होती है। अभी कुछ महीने पहले ही एक कानून को लेकर उसकी खूब आलोचना हुई थी।

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक अजीबोगरीब विधेयक का प्रस्ताव पेश किया गया था। यह विधेयक पड़ोसी देश के साथ ही दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया था। इस बिल में कहा गया था कि 18 साल की उम्र होने पर लोगों की शादी को अनिवार्य कर देना चाहिए। इसके अलावा इस कानून को नहीं मानने वालों को सजा का भी प्रावधान है। पाकिस्तानी राजनेताओं का इसके पीछे तर्क है कि इससे सामाजिक बुराइयों और बच्चों से बलात्कार को रोकने में मदद मिलेगी। आईए जानते हैं पाकिस्तान के कुछ ऐसे ही अजीबोगरीब कानून के बारे में।

बिना इजाजत नहीं छू सकते हैं फोन

पाकिस्तान में बिना इजाजत किसी का फोन छूना गैरकानूनी माना जाता है। अगर कोई गलती से भी किसी दूसरे का फोन छूता है, तो उसे सजा का प्रावधान है। ऐसा करने वाले शख्स को 6 महीने जेल की सजा हो सकती है।

अंग्रेजी अनुवाद है गैरकानूनी

 

पाकिस्तान में आप कुछ शब्दों का अंग्रेजी अनुवाद नहीं कर सकते हैं। इन शब्दों का इंग्लिश ट्रांसलेशन करना गैरकानूनी माना जाता है। यह शब्द हैं अल्लाह, मस्जिद, रसूल या नबी। अगर कोई इनका अंग्रेजी अनुवाद करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होती है।

पढ़ाई की फीस पर लगता है टैक्स

 

पाकिस्तान में पढ़ाई करने पर टैक्स देना पड़ता है। अगर कोई छात्र पढ़ाई पर 2 लाख से अधिक खर्च करता है, तो उसको पांच प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। शायद इसी डर से पाकिस्तान में लोग कम पढ़ाई करते हैं।

लड़की के साथ रहने पर होती है कार्रवाई

अगर कोई लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे जेल की सजा होती है। यहां पर कोई किसी लड़की के साथ दोस्ती नहीं कर सकता है। पड़ोसी देश में कानून है कि शादी के पहले लड़का और लड़की एक साथ नहीं सकते हैं।

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