Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

रेवड़ी कल्चर एक गंभीर मुद्दा, डूब रही है अर्थव्यवस्था: मुफ्त चुनावी वादे पर बरसा SC

Published

on

Shock to Center from SC

Loading

नई दिल्ली। चुनावों के दौरान किए जाने वाले मुफ्त सुविधाओं के वादे को एक “एक गंभीर मुद्दा” मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सख्त टिप्पणी की है। रेवड़ी कल्चर को लेकर चल रही बहस के बीच कोर्ट ने कहा कि इस कल्चर के चलते अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान हो रहा है।

अदालत ने गुरुवार को कहा कि चुनावों के दौरान किए जाने वाले मुफ्त सुविधाओं के वादे एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है। शीर्ष अदालत ने वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने के दौरान ये टिप्पणी की।

याचिका में चुनावों के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए ‘मुफ्त’ का वादा करने वाले राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। याचिका में चुनाव घोषणापत्र को विनियमित करने के साथ-साथ उसमें किए गए वादों के लिए राजनीतिक दलों को जवाबदेह ठहराने के लिए कदम उठाने को कहा गया है।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा, “कोई यह नहीं कह रहा है कि यह मुद्दा नहीं है। यह एक गंभीर मुद्दा है। जिसे मिल रहा है वे चाहते हैं कि मिलता रहे, हम एक कल्याणकारी राज्य हैं। कुछ लोग कह सकते हैं कि वे टैक्स देते हैं और इसका इस्तेमाल विकास प्रक्रिया के लिए किया जाना चाहिए है। इसलिए यह एक गंभीर मुद्दा है। इसलिए दोनों पक्षों को समिति द्वारा सुना जाना है।”

मुख्य न्यायधीश ने यह भी कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां “गरीबी मौजूद है और केंद्र सरकार की भी भूखे लोगों का पेट भरने की योजना है।” उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था पैसे खो रही है इसलिए “लोगों के कल्याण को संतुलित करना होगा।”

गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी व न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने तीन अगस्त को केंद्र, नीति आयोग, वित्त आयोग और आरबीआई जैसे हितधारकों से मुफ्त चीजों के वादों के गंभीर विषय पर मंथन करने और इनसे निपटने के लिए सकारात्मक सुझाव देने को कहा था।

हालांकि इस दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि अभी हम कोई आदेश नहीं दे सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार इस मामले पर एक कमेटी बनाए। लोगों की भलाई के लाई जाने वाली वेलफेयर स्कीम और देश की आर्थिक सेहत दोनों में संतुलन बनाये रखने की जरूरत है। इसलिए ही हम सब इस पर चर्चा कर रहे हैं। मामले में अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।

‘रेवड़ी कल्चर’ को लेकर पीएम ने भी किया था आगाह

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों को ‘रेवड़ी कल्चर’ के खिलाफ आगाह किया था। पीएम मोदी ने कहा था कि यह देश के विकास के लिए खतरनाक हो सकती है। बुधवार को पीएम ने किसी पार्टी का नाम लिए बिना यह भी कहा कि आत्मनिर्भर बनने के भारत के प्रयास में मुफ्त उपहार एक बाधा है और यह करदाताओं पर बोझ भी है।

प्रधानमंत्री ने मुफ्त उपहार देने की राजनीति में शामिल होने को लेकर कुछ विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि इस तरह की चीजें राष्ट्र को केवल नुकसान ही पहुंचाएंगी क्योंकि इससे नयी प्रौद्योगिकी में निवेश बाधित होता है। उन्होंने कहा कि कोई अगर स्वार्थ की राजनीति में लिप्त है तो वह मुफ्त पेट्रोल-डीजल का वादा भी कर सकता है।

मोदी ने कहा, “इस तरह के कदम हमारे बच्चों को उनके हक से वंचित करने और देश को आत्मनिर्भर बनने से रोकने के समान होंगे। इस तरह की स्वार्थी नीतियां देश के ईमानदार करदाताओं पर अधिक बोझ डालेंगी।” उन्होंने कहा कि मुफ्त की सौगातें बांटने का वादा करने वालों को नयी प्रौद्योगिकियों में निवेश के लिए संसाधन कभी नहीं मिलेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह कोई सही नीति नहीं है, बल्कि भ्रामक है। यह राष्ट्रीय हित में नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र के खिलाफ है। यह राष्ट्र निर्माण नहीं, बल्कि देश को पीछे धकेलने का प्रयास है।’’

Continue Reading

नेशनल

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का 180 किमी प्रति घंटे की गति से परीक्षण

Published

on

Loading

राजस्थान। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन राजस्थान में 40 किलोमीटर लंबे मार्ग पर पिछले तीन दिनों में किए गए कई परीक्षणों में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार हासिल करने में सफल रही। रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “परीक्षण इस महीने के अंत तक जारी रहेगा। इसके बाद यह ट्रेन देशभर में रेल यात्रियों को लंबी दूरी की विश्व स्तरीय यात्रा की सुविधा देने के लिए उपलब्ध करा दी जाएगी।”

मंत्रालय ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से ‘एक्स’ पर हाल ही में जारी एक वीडियो भी साझा किया। उसने कहा, “वीडियो में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के अंदर एक टेबल पर मोबाइल फोन के बगल में पानी से भरा हुआ गिलास रखा दिखाया गया है। इसमें ट्रेन के 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार हासिल करने के बावजूद पानी का स्तर स्थिर बना हुआ नजर आता है, जो दर्शाता है कि यह हाई-स्पीड रेल यात्रा कितनी आरामदायक होगी।

राजस्थान में हो रहा ट्रायल

मंत्रालय ने कहा, “दो जनवरी को संपन्न तीन दिन के सफल ट्रायल के बाद यह वीडियो जारी किया गया, जिसमें वंदे भारत स्लीपर ट्रेन भरी अवस्था में अधिकतम रफ्तार हासिल करते दिखाई दी।” उसने बताया कि दो जनवरी को राजस्थान के बूंदी जिले में कोटा और लाबान के बीच 30 किलोमीटर लंबी यात्रा के दौरान ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति हासिल करने में कामयाब रही। मंत्रालय के मुताबिक, “एक दिन पूर्व यानी साल 2025 के पहले दिन, रोहलखुर्द से कोटा तक 40 किलोमीटर लंबे ट्रायल दौरान भी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार हासिल की थी।” उसने बताया, “उसी दिन कोटा-नागदा और रोहलखुर्द-चाउ महला खंड पर ट्रेन 170 किलोमीटर प्रति घंटे और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ी।

Continue Reading

Trending