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प्रादेशिक

यूपी पानी पत्रिका किसानों की मित्र एवं मार्ग दर्शक हैः शिवपाल

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शिवपाल सिंह यादव, केके जैन, पैक्ट के तकनीकी सलाहकार

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शिवपाल सिंह यादव, यूपी पानी पत्रिका, किसानों की मित्र एवं मार्ग दर्शक

shivpal singh yadav

लखनऊ। सिंचाई विभाग, पैक्ट द्वारा प्रकाशित यूपी पानी पत्रिका किसानों की मित्र एवं मार्ग दर्शक है। यह बात सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने गत दिनों यूपी पानी पत्रिका के बसंत जल मंथन विशेषांक का विमोचन करने के उपरान्त कही। शिवपाल यादव ने कहा कि यूपी पानी पत्रिका सरकार और किसानों के मध्य सफल संवाद सेतु का कार्य भी कर रही है।

शिवपाल ने कहा जहां एक तरफ वह कृशि वैज्ञानिकों, सिंचाई विशेषज्ञों एवं शासन की उपलब्धियों को गांव-गांव पहुंचाती है, वहीं दूसरी तरफ वह किसानों की समस्याओं, सुझावों एवं प्रतिक्रियाओं को शासन तक पहुंचाकर दुतरफा संवाद स्थापित करती है।

सिंचाई मंत्री ने किसानों से अपील की कि वे अपने अनुभवों तथा सकारात्मक सुझावों को निसंकोच भेजें, जिससे की उन पर विचार कर पत्रिका में भी प्रकाशित किया जायेगा और आवष्यकतानुसार उन पर आवष्यक कार्यवाही भी किया जायेगा।

यूपी पानी पत्रिका के बसंत जल मंथन ग्रीष्म विषेशांक का विमोचन सिंचाई मंत्री के आवास सभा कक्ष में किया गया। इस अवसर पर राज्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह पटेल तथा प्रमुख सचिव, सिंचाई एवं अध्यक्ष, पैक्ट सुरेश चन्द्रा एवं पत्रिका के सम्पादक आदि उपस्थित थे।

उत्तर प्रदेश

50 साल पुरानी मस्जिद को हटाने का आदेश, मस्जिद के मुतवल्ली पर 4.12 लाख रुपये का जुर्माना

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बागपत। बागपत के राजपुर खामपुर गांव में 50-60 साल पहले तालाब की जमीन पर बनी अवैध मस्जिद को हटाने का आदेश जारी हुआ है। तहसीलदार की अदालत में सुनवाई के बाद यह निर्णय लिया गया, जिसमें मस्जिद के मुतवल्ली पर 4.12 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

विवाद कैसे शुरू हुआ?

गांव के निवासी गुलशार ने जुलाई में हाईकोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने मुतवल्ली पर आरोप लगाया कि उन्होंने गांव के तालाब की जमीन पर अवैध रूप से मस्जिद का निर्माण किया है। गुलशार का कहना था कि तालाब की जमीन पर मस्जिद का निर्माण करके मुतवल्ली ने सरकारी संपत्ति का अतिक्रमण किया है, इसलिए इसे हटाया जाना चाहिए।

कोर्ट की सुनवाई और फैसला

हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्व संहिता के आधार पर कार्रवाई करने का आदेश दिया। आदेश में 90 दिन के अंदर मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद, डीएम के आदेश पर तहसीलदार ने मस्जिद की जमीन की माप कराई, जिसमें पाया गया कि मस्जिद वास्तव में तालाब की जमीन पर स्थित है।

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