अन्तर्राष्ट्रीय
ये है पीएम मोदी की कूटनीति का दम, कतर में फांसी के फंदे से निकलकर वापस भारत पहुंचे नौसैनिक
नई दिल्ली। ये भारत और पीएम मोदी की कूटनीति का ही असर है कि कतर में मौत की सजा पाए भारतीय नौसेना के 8 पूर्व जवान सकुशल वापस भारत लौट आये हैं। बता दें कि 26 अक्टूबर को कतर की अदालत ने आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थे। यह खबर आते ही भारत में हड़कंप मच गया। तमाम विपक्षी दलों ने भारत सरकार और पीएम मोदी पर सवाल खड़े कर दिए।
सवाल उठा कि क्या सरकार इन्हें बचा पाएगी, लेकिन सम रहते सरकार ने न केवल आठों पूर्व नौसैनिकों को फांसी के फंदे से बचाया और सकुशल वापस भारत भी ले आई।
वहीं, आठों नौसैनिकों ने वापस भारत लौटने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की सतत प्रयास के फलस्वरूप उनकी रिहाई संभव हुई है। उन्होंने कहा कि यदि पीएम मोदी ऐसा नहीं करते तो शायद वो आज यहां नहीं लौट पाते। नौसेना अधिकारियों ने सोमवार तड़के दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। न्यूज एजेंसी से बात करते हुए नौसेना के एक पूर्व अधिकारी ने पीएम मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा,’प्रधानमंत्री की ओर से लगातार राजनयिक प्रयासों के बाद सजा में नरमी बरती गई है।
उधर, भारत ने कतर की अदालत के जरिए आठों भारतीय नागरिकों को रिहा किए जाने के फैसले का स्वागत किया है। खाड़ी देश की अदालत की तरफ से जब मौत की सजा का ऐलान किया गया था, तो भारत ने अपने कूटनीतिक चतुराई पेश करते हुए, इसके खिलाफ अपील की थी। इसका फायदा भी देखने को मिला था, क्योंकि 28 दिसंबर, 2023 को भारत की अपील को ध्यान में रखते हुए आठों नागरिकों को सुनाई गई मौत की सजा पर रोक लगा दी गई थी।
विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए अल-दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है। उनमें से आठ में से सात भारतीय सुरक्षित भारत लौट आए हैं। मंत्रालय ने आगे कहा, ‘हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी सुनिश्चित करवाने के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं।
दरअसल, आठों भारतीयों की रिहाई के लिए कतर और भारत के बीच राजनयिक वार्ता चल रही थी। इसका नतीजा ये हुआ कि नौसैनिकों की मौत की सजा को बढ़ी हुई जेल की सजा में बदल दिया गया। जेल में रहने की अवधि और भी ज्यादा छोटी गई, जब भारतीयों के परिजनों ने विदेश मंत्रालय से उनकी रिहाई के लिए गुहार लगाई। परिजनों की परेशानी को समझते हुए मंत्रालय ने सभी कानूनी उपायों और कूटनीतिक रास्तों के जरिए उन्हें रिहा करवा लिया है।
अन्तर्राष्ट्रीय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात
ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।
Glad to have met Prime Minister Giorgia Meloni on the sidelines of the Rio de Janeiro G20 Summit. Our talks centred around deepening ties in defence, security, trade and technology. We also talked about how to boost cooperation in culture, education and other such areas.… pic.twitter.com/BOUbBMeEov
— Narendra Modi (@narendramodi) November 18, 2024
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