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नेशनल

भोपाल की बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी में बवाल, मंदिर जाने से हॉस्टल वार्डन ने रोका

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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी विवादों के घेरे में है। यहां हॉस्टल वार्डन पर छात्राओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्राओं का कहना है कि, हॉस्टल वार्डन ने उन्हें मंदिर जाने से रोका है। एबीवीपी अब इस मामले में प्रदर्शन करने की तैयारी में है। सोमवार को ABVP बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी में रामधुन का आयोजन करेगी।

छात्राओं का कहना है कि, हॉस्टल वार्डन ने उनसे कहा है कि, मंदिर जाने के लिए उन्हें परमिशन लेनी होगी। परमिशन के बिना हॉस्टल जाने पर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा और उन्हें हॉस्टल से निकाल दिया जाएगा। इस पूरे मामले की जानकारी अब एबीवीपी को लगी है।

मामले ने लिया राजनीतिक रूप :

छात्राओं का आरोप है कि, हॉस्टल प्रशासन द्वारा उन्हें डराया धमकाया गया था। इस मामले ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी प्रशासन का विरोध करते हुए सोमवार दोपहर एक बजे रामधुन का आयोजन किया है।

बता दें कि, इसके पहले भी मुर्ति स्थापना को लेकर बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी विवादों में घिरी थी। उस समय विवाद के बाद यूनिवर्सिटी को मूर्ति स्थापना की परमिशन देनी पड़ी थी। इस मामले में अब तक बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी की ओर से कोई सफाई पेश नहीं की गई है।

ABVP ने किया विरोध प्रदर्शन

इस विवाद को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ABVP के छात्र विश्वविद्यालय के मेन गेट पर एकत्रित हुए और रामधुन का आयोजन कर प्रशासन से इस मुद्दे पर सद्बुद्धि की अपील की। दिवाकर शुक्ला, ABVP के अध्यक्ष ने बताया कि छात्राओं को मंदिर जाने और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने से रोकने की यह कार्रवाई निंदनीय है और इसके खिलाफ उनका विरोध जारी रहेगा।

नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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