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उत्तर प्रदेश

बरेली में तौकीर रजा के समर्थन में सड़कों पर हंगामा, जुमे की नमाज के बाद उमड़ी भारी भीड़

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Uproar on the streets in support of Tauqeer Raza in Bareilly

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बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) का प्रदर्शन शुरू हो गया है। IMC नेता मौलाना तौकीर रजा ने जेल भरो अभियान का ऐलान किया था। इसको लेकर सड़कों पर शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद लोग जमा हो गए। सड़कों पर उतरे लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया।

तौकीर रजा के समर्थन में सड़कों पर लोगों की भीड़ उमड़ी। IMC नेता मौलाना तौकीर रजा ने ऐलान किया है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद इस्लामिया मैदान में सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य बनाया गया था।

वहीं, मौलाना तौकीर रजा ने गिरफ्तारी देने की घोषणा की। एक बार फिर वे गिरफ्तारी देने पर अड़ गए। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम ने तौकीर रजा के घर को घेर लिया है। ज्ञानवापी मामले में जिला कोर्ट का फैसला आने के बाद तौकीर रजा ने यह घोषणा की थी।

हल्द्वानी विवाद पर तौकीर रजा ने कहा कि कोई हम पर हमला करेगा तो हम खुद इसका जवाब देंगे। दरअसल, हल्द्वानी हिंसा प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान भड़की थी। बरेली की सड़कों पर हंगामे के बाद यूपी के अन्य जिलों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है।

मौलाना तौकीर रजा ने किया बड़ा ऐलान

मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि हमें अपने देश से प्यार है। इसलिए, इसलिए हमने अब तक चुप्पी साधे रखी थी। हमारी चुप्पी को कमजोरी समझा नहीं जाना चाहिए। अब पानी सिर से ऊपर हो गया है। लोकतंत्र में अगर हमारी बात नहीं सुनी जाएगी तो ऐसी आजादी हमें नहीं चाहिए। उन्होंने सरकार पर बड़ा हमला बोला।

उन्होंने कहा कि आज देश में ऐसी सरकार शासन कर रही है, जो हमारी आवाज दबा रही है। हल्द्वानी हिंसा पर तौकीर रजा ने कहा कि हमारी आवाज को अब दबाया नहीं जा सकता है। IMC प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि हम किसी बुलडोजर को अब बर्दाश्त नहीं करेंगे।

भारी संख्या में पुलिस की तैनाती

1400 पुलिसकर्मियों को इस्लामिया मैदान में तैनात किया गया है। अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत हल्द्वानी में भड़की हिंसा और उसके बाद पुलिसकर्मियों एवं प्रशासन की टीम को घेरकर जलाने के प्रयास के बाद से माहौल गरमाया हुआ है। उत्तराखंड पहले से हाई अलर्ट पर है।

वहीं, मौलाना तौकीर रजा के ऐलान के बाद उत्तराखंड से लेकर बरेली तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मस्जिदों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था चौकस की गई है। बरेली के इस्लामिया मैदान में 6 एएसपी और 12 सीओ की तैनाती की गई है।

50 इंस्पेक्टर और 150 दारोगा की भी तैनाती वहां की गई है। किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए चार कंपनी पीएसी और एक कंपनी आरएएफ की तैनाती बरेली पुलिस प्रशासन ने की है।

देश में नफरत का माहौल बना दिया गया है: तौकीर रजा

मौलाना तौकीर रजा ने जुमे की नमाज के बाद गिरफ्तारी का ऐलान किया है। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि देश में नफरत का माहौल बना दिया गया है। हम सब की जिम्मेदारी है कि अपनी इबादतगाहों को बचाए रखने के लिए संविधान में दिए अधिकार के साथ हम शांतिपूर्वक अपना विरोध दर्ज कराएं।

मौलाना रजा ने कहा कि हमसे बोलने का अधिकार छीना जा रहा है। जुल्म को किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार की स्थिति हम नहीं देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम जब कुछ नहीं कर सकते तो ऐसी आजादी से बेहतर जेल जाना है।

तौकीर रजा खान ने कहा कि लोगों में गुस्सा काफी भर चुका है। उन्होंने अपील की कि हमें कोई भी ऐसा काम नहीं करना है, जिससे गलत संदेश जाए। प्रदर्शन या विरोध को संवैधानिक दायरे में रहकर करने की अपील भी की।

उन्होंने कहा विरोध दर्ज कराने के अलग- अलग तरीके हैं। हमें अपने-अपने तरीके से विरोध दर्ज कराना है। कारोबार को बंद कर विरोध दर्ज कराना सही है। पुलिस और प्रशासन से कोई लड़ाई न होने की भी बात उन्होंने की। हम शांतिपूर्वक गिरफ्तारी देंगे।

तौकीर रजा समेत 30 को नोटिस

तौकीर रजा समेत 30 लोगों को रेड नोटिस जारी किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सिटी एसटी राहुल भाटी ने कहा कि तौकीर रजा समेत 20 लोगों को नोटिस जारी किया गया है। हमने हायर अथॉरिटी से सुरक्षा बलों की उपलब्धता का अनुरोध किया।

दूसरे जिलों से 700 पुलिसकर्मियों की उपलब्धता कराई गई है। जिले के सुरक्षा बलों को प्वाइंट बनाकर तैनात किया गया है। दंगा नियंत्रण का सामान और आंसू गैस के वाहनों की तैनाती की गई है। कॉलेज परिसर में किसी प्रकार के कार्यक्रम की अनुमति नहीं है। उन्हें सील किया गया है। रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई है।

एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान के नेतृत्व में पुलिस ने गुरुवार रात बिहारीपुर की मिश्रित आबादी वाले क्षेत्र में गश्ती हुई। इसमें पुलिस, पीएसी और आरएएफ के साथ घुड़सवार पुलिस की टुकड़ी भी इसमें शामिल रही। अधिकारियों ने तंग गलियों में घूमकर लोगों से बात कर उन्हें सुरक्षा का अहसास कराया।

सीमा पर चेकिंग अभियान

एसपी सिटी ने बताया कि दूसरे जिलों से लगी सीमा पर बैरियर लगाया गया है। अवैध आयोजन में शामिल होने के लिए भीड़ के आने की निगरानी की जा रही है। अगर ऐसे लोग उधर आए तो उन्हें वापस भेजा जाएगा। अड़ने वाले लोगों को कार्रवाई की जाएगी।

जिले के कस्बों और बड़े गांवों में वहां की पुलिस को निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। वहां से कोई आया तो कार्रवाई होगी। उत्तराखंड के हल्द्वानी में हिंसा की घटना को लेकर कार्रवाई की जाएगी। शुक्रवार को माहौल बिगड़ा तो ऐसे लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

एसपी सिटी राहुल भाटी ने बताया कि कार्यक्रम की अनुमति नहीं ली गई है। संवैधानिक तरीके से बात रखने का सबको अधिकार है। अगर सड़क पर उतरकर किसी ने माहौल खराब करने की कोशिश की तो पुलिस सख्ती से निपटेगी।

उत्तर प्रदेश

कासगंज में चंदन गुप्ता हत्याकांड के सभी 28 दोषियों को NIA की स्पेशल कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

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लखनऊ। यूपी के कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुए दंगे में मारे गए चंदन गुप्ता हत्याकांड के सभी 28 दोषियों को NIA स्पेशल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सभी दोषियों को गुरुवार को दोषी करार दिया था और शुक्रवार को सजा का ऐलान किया। कासगंज में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी।

जिन दोषियों को उम्रकैद का सजा सुनाई गई है उनमें वसीम जावेद उर्फ वसीम, नसीम जावेद,मोहम्मद जाहिद कुरैशी उर्फ जाहिद उर्फ जग्गा, आसिफ कुरैशी उर्फ हिटलर, असलम कुरैशी, अकरम, तौफीक, खिल्लन, शवाब अली खान, राहत ,सलमान ,मोहसिन, आसिफ जिमवाला, साकिब, बबलू, निशु उर्फ जीशान, वासिफ, इमरान, शमशाद ,जफर, साकिर ,खालिद परवेज ,फैजान ,इमरान ,साकिर, मोहम्मद आमिर रफी, कासगंज जेल में बंद मुनाजिर और कोर्ट में सरेंडर हुए सलीम शामिल हैं।

चंदन की हत्या के बाद हुए थे कई दिन दंगे

विश्व हिंदू परिषद और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता करीब 100 मोटर साइकिलों पर तिरंगा और भगवा झंडा लेकर निकले थे। इस तिरंगा यात्रा में ABVP कार्यकर्ता चंदन गुप्ता भी शामिल था। यात्रा के दौरान कुछ मुस्लिम युवकों ने झड़प हो गई थी। इसके बाद दंगा भड़क गया था। इसमें चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी उसकी मौत के बाद कासगंज में हालात कई दिनों तक खराब हो थे। कासगंज में करीब एक हफ्ते तक दंगे हुए थे।

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