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उत्तर प्रदेश

यूपी का आदर्श गांव भरतौल, जहां सभी घरों में आता है आरओ का पानी

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लखनऊ। उप्र के बरेली जनपद का भरतौल गांव कई मायनो में आदर्श गांव की श्रेणी में है, गांव में जहां एक ओर घर-घर आरओ का पानी पहुंच रहा है वहीं दूसरी ओर कूड़ा निस्तारण से लेकर इंग्लिश मीडियम सरकारी स्कूल ने पूरे प्रदेश में गांव की एक अलग पहचान बनाई है।

भरतौल गांव प्रदेश का पहला ऐसा गांव बन गया है जहां घर-घर आरओ का पानी पहुंच रहा है। गांव में घरों के आसपास ग्राम निधि से 20 आरओ सिस्टम लगाए गए है। सभी पानी के टैंक से जोड़े गए हैं। ग्रामीण इन्हीं आरओ सिस्टम से होकर आने वाले पानी का घरों में इस्तेमाल कर रहे हैं।

क्या है आरओ

रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) जल उपचार प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के दौरान, दूषित पदार्थों को फिल्टर किया जाता है और स्वच्छ पीने के पानी को छोड़कर अन्य दूषित पदार्थ को हटा दिया जाता है।

जाट रेजीमेंट से सटे भरतौल गांव की आबादी करीब सात हजार है। यहां प्रदेश का सबसे सुंदर पंचायत सचिवालय बना है। गांव को पंचायती राज व्यवस्था को बेहतर ढंग से लागू करने के मामले में पिछले वित्तीय वर्ष में पंडित दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण और मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार मिले हैं।

इनमें 12-12 लाख की पुरस्कार राशि ग्राम पंचायत के विकास के लिए दी गई थी। ग्राम प्रधान प्रवेश कुमारी ने ग्राम निधि से आरओ के पीने के पानी का इंतजाम किया है। प्रति आरओ 75 हजार की लागत आई है। घरों के आसपास सार्वजनिक स्थानों पर इन्हें लगाया गया है। सिस्टम के लिए बिजली आपूर्ति का इंतजाम भी किया गया है।

इंग्लिश मीडियम सरकारी स्कूल  

इंग्लिश मीडियम प्राथमिक स्कूल की वजह से प्रदेश में भरतौल गांव की अलग पहचान है। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले गांव के बच्चे अंग्रेजी में बातचीत करते हैं। बरेली मंडल के सबसे अच्छे कम्युनिटी टॉयलेट भी भरतौल में ही बने हैं।

सीसीटीवी की निगरानी में है पूरा गांव

गांव की सुरक्षा के लिए ग्राम पंचायत ने पंचायत सचिवालय से लेकर चौराहों तक पर सीसीटीवी लगवाए हैं। पंचायत सचिवालय से सीसीटीवी का कंट्रोल रूम बनाया गया है।

40 फीसदी आबादी फौजियों की

भरतौल गांव जाट रेजीमेंट के करीब है। गांव में 850 मकान हैं। इनमें से 350 मकान फौजियों के हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात काफी फौजियों के परिवार भरतौल गांव में रहते हैं।

कूड़ा कलेक्शन सेंटर में कांच-प्लास्टिक सब अलग

गांव में कूड़ा के एकत्र करने के लिए शेड बनाया गया है। डोर-डोर टू कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था है। ग्राम पंचायत के पास ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ-साथ ठेले भी रहते हैं। जो कूड़े को लेकर शेड में पहुंचते हैं। प्लास्टिक और कांच के साथ सूखा-गीला कूड़ा भी अलग किया जाता है।

ग्राम प्रधान प्रवेश कुमारी का कहना है ग्रामीणों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने की कोशिश की जा रही है। पीने के पानी को लेकर दिक्कतें थीं। गांव में आरओ सिस्टम लगाए हैं। जरूरत के मुताबिक कुछ और आरओ सिस्टम लगाएंगे। साफ-सफाई को लेकर ग्रामीण जागरूक हैं। भरतौल निर्मल ग्राम पंचायत है।

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उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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