उत्तर प्रदेश
साथियों से बिछड़ने के बाद और खूंखार हुआ भेड़ियों का लंगड़ा सरदार, दो बच्चियों को हमला कर किया घायल
बहराइच। यूपी के बहराइच में आतंक का पर्याय बन चुका पांचवां भेड़िया भी पकड़ लिया गया है। हालांकि एक भेड़िया अब भी वन विभाग की पहुंच से दूर है। अब वो और भी खूंखार हो गया है। कहा जाता है कि अपने साथी से बिछड़ने के बाद भेड़िए और भी खूंखार हो जाते हैं। बहराइच में आखिरी बचे भेड़िए ने मंगलवार रात दो बच्चियों को निशाना बनाया। इसके चलते बच्चियां बुरी तरह घायल हो गई। अस्पताल में उनका इलाज जारी है। वन विभाग के मुताबिक अभी एक भेड़िया पकड़ा जाना बाकी है। वो लंगड़ा है। जानकारी के अनुसार ये भेड़िया ही झुंड का सरदार था। भेड़िए ने दो अलग – अलग क्षेत्र में हमला किया है। जानकारी के अनुसार भेड़िए ने देर रात गदरन पुरवा गांव की 11 वर्षीय सुमन और खैरीघाट की शिवानी पर हमला किया था। सुमन का इलाज बहराइच के जिला अस्पताल में किया जा रहा है वहीं शिवानी को सीएमचसी महसी में एडमिट किया गया है।
बता दें कि इन आदमखोर भेड़ियों के झुंड ने जुलाई के मध्य से अब तक 11 लोगों को अपना निवाला बनाया है। मरने वालों में 9 बच्चे शामिल हैं। वहीं 50 से ज्यादा लोगों को भेड़ियों के झुंड ने घायल कर दिया है। वन अधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने को बताया कि मंगलवार की सुबह पांचवां भेड़िया हरभंसपुर गांव के पास घाघरा नदी के किनारे पकड़ा गया। सोमवार रात को इलाके में भेड़िये के पैरों के निशान पाए गए थे, जिसके बाद चार टीमों ने इलाके को सुबह घेर लिया और भेड़िया जाल में फंस गया।
अधिकारी ने बताया कि यह पता चला है कि आदमखोर भेड़िए के झुंड में एक लंगड़ा भेड़िया भी शामिल है लेकिन मंगलवार को जो भेड़िया पकड़ा गया है वह लंगड़ा नहीं है। जब तक उसे नहीं पकड़ लिया जाता तब तक परेशानी खत्म नहीं होगी। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार जब भी भेड़ियों को पकड़ा जाता है उसके साथी आक्रामक हो जाते हैं। जब पहली बार चार भेड़ियों को पकड़ा था तब भी हमले तेज हो गए थे। अब पांचवें भेड़िए को पकड़े जाने के बाद लंगड़ा भेड़िया और आक्रामक हो गया है। इसके चलते उसने एक ही रात में दो हमले कर दिए।
उत्तर प्रदेश
झांसी मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में लगी भीषण आग, 10 बच्चों की मौत
झंडी। झांसी के मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में शुक्रवार रात आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। जबकि पांच बच्चों की हालत नाजुक बताई जा रही है। बचाव टीम रेस्क्यू में लगी हुई है। वार्ड में करीब 47 नवजात भर्ती थे। शुक्रवार देर-रात महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष एसएनसीयू वार्ड में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई। जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 47 नवजात भर्ती थे।
खबर लिखे जाने तक वार्ड से 31 नवजात को बाहर निकाल लिया गया था। हादसे की सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। सेना को भी बुला लिया। सेना एवं दमकल की गाड़ियां आग बुझाने में जुटी हैं। दस नवजात की मौत से अस्पताल परिसर में कोहराम मचा हुआ है। नवजातों के माता-पिता भी अपने नवजातों को बचाने की गुहार लगा रहे हैं। शुरुआती जांच में सिलेंडर ब्लास्ट की बात कही जा रही है।
खिड़की तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला गया
बच्चों और मरीजों को अस्पताल की खिड़कियां तोड़कर बाहर निकाला गया। सूत्रों ने बताया कि करीब 31 बच्चों को बचाया जा गया है। सूत्रों का कहना है कि करीब 47 बच्चे वार्ड में भर्ती थे। परिजनों का आरोप है कि उन्हें उनके बच्चों से मिलने नही दिया जा रहा है।
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