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उत्तराखंड

Uttarakhand Board Results : 10वीं से खटीमा की काजल और 12वीं से जसपुर की दिव्यांशी बनी टॉपर

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हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट 2018 घोषित हो गए हैं। बोर्ड के परीक्षा परिणाम में छात्रों का 10वीं में 74.57 पास प्रतिशत रहा, वहीं 12वीं में 78.98 फीसदी छात्र पास हुए हैं।

बोर्ड परीक्षाओं में 12वीं से जसपुर की दिव्यांशी, खटीमा से सचित चंद और  नैनीताल से गर्भित कुमार टॉपर छात्र रहें, वहीं 10वीं से खटीमा की काजल प्रजापति, नानकमत्ता से रोहित चंद्र जोशी और ऊखीमठ सचिन ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया।

बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों का प्रदर्शन लगातार अच्छा रहा है। वर्ष 2013 में इंटर का पासिंग प्रतिशत 79.82 था, वर्ष 2014 में 70.39, वर्ष 2015 में 74.54, वर्ष 2016 में 78.41, वर्ष 2017 में 78.89, वर्ष 2018 में 78.97 पासिंग प्रतिशत रहा। वहीं हाईस्कूल में वर्ष 2018 में 74.57 पासिंग प्रतिशत रहा।

बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट जानने के लिए  uaresults.nic.in और ubse.uk.gov.in  वेबसाइट पर जाइए ।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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