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उत्तराखंड

उत्तराखंड के DGP ने पुलिसकर्मियों को दिया नए साल पर बड़ा गिफ्ट

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पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड अशोक कुमार ने पौड़ी गढ़वाल, टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, रूद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चम्पावत जिले में नियुक्त पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक विश्राम प्रदान करने के निर्देश जारी किये हैं।

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अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस कर्मियों के मनोबल एवं कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए प्रथम चरण में परीक्षण के तौर पर 1 जनवरी, 2021 से 9 पर्वतीय जनपदों में थाना/चौकी/पुलिस लाइन में नियुक्त मुख्य आरक्षी एवं आरक्षियों को साप्ताहिक विश्राम की सुविधा उपलब्ध कराये जाने का निर्णय लिया गया है।

साप्ताहिक विश्राम के दौरान पुलिस कर्मी नियुक्ति मुख्यालय नहीं छोड़ेगा तथा वह रिजर्व ड्यूटी पर समझा जाएगा। विशेष परिस्थिति में जैसे- आपदा, दुर्घटना एवं कानून व्यवस्था की स्थिति में यदि ड्यूटी पूरी नहीं हो पा रही है, तो साप्ताहिक विश्राम पर गये कर्मी को थाना प्रभारी द्वारा वापस बुलाया जा सकता है।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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