उत्तराखंड
Uttarakhand : कैबिनेट बैठक में 7 फैसलों पर लगी मुहर, सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी
देहरादूनः उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सचिवालय में सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई।
राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट बैठक में 10 बिंदुओं पर चर्चा हुई, जिनमें से 7 फैसलों पर कैबिनेट की मुहर लगाई गई।
कैबिनेट बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण फैसले निम्नलिखित हैंः-
# कैबिनेट ने सेवानिवृत विशेषज्ञ चिकित्सकों को 100 पदों पर अस्थाई नियुक्ति देने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इन डॉक्टरों की आयु सीमा को 60 से बढ़ाकर 65 कर दिया गया है।
# कैबिनेट ने खरीफ सत्र 2018-19 में धान का लक्ष्य 7 लाख 50 हजार मीट्रिक टन रखे जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
# बैठक में राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को 2 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है। अब कर्मचारियों को 7 फीसदी के स्थान पर 9 फीसदी तक महंगाई भत्ता मिलेगा।
# देहरादून में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की आमवाला तरला में 4046 हेक्टेयर भूमि को आवासीय से सार्वजनिक और अर्द्ध सार्वजनिक करने के प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई है।
# विश्व बैंक पोषित पेरीअर्बन क्षेत्रों में काम करने को लेकर कई संशोधनों को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इसके अन्तर्गत पेयजल योजना संचालन में न्यूनतम काम करने की समयसीमा को कम करके 2 साल कर दिया है।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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