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उत्तराखंड

Video : इस बार चारधाम यात्रा में पॉलीथीन का प्रयोग पड़ सकता है महंगा

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चारधाम यात्रा करते हुए पॉलीथीन का उपयोग आपके लिए महंगा पड़ सकता है। इस बार चाम धाम की यात्रा के दौरान उत्तराखंड सरकार ने पॉलीथिन के प्रयोग पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है।

उत्तराखंड में 18 अप्रैल से यमुनोत्री-गंगोत्री धाम के कपाट खुल जाएंगे। इसके बाद चार धाम की यात्रा शुरू हो जाएगी। चार धाम यात्रा में इस वर्ष पॉलीथीन के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। सरकार ने यात्रा के दौरान व्यापारियों को पॉलीथीन बेचने और यात्रियों को इसका प्रयोग न करने की बात को ज़ोरों से उठाया है। इसके अलावा इस बार सरकार ने श्रद्धालुओं को वाहनों की कमी से होने वाली दिक्कत से बचाने के लिए भी कई इंतजाम किए हैं।

पॉलीथीन का प्रयोग न करने के लिए व्यापारियों और यात्रियों को दिए गए निर्देश। ( फोटो – चारधाम टूरिज्म)

चार धाम यात्रा के दौरान पॉलीथीन पर बैन लगाए जाने की बात कहते हुए पर्यटन मंत्री, उत्तराखंड सतपाल महाराज ने कहा कि चार धाम यात्रा में हिमालयी क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से निजात पाने इस बार पॉलीथिन को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस बार यात्रा में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।

इस वर्ष चारधाम की यात्रा में उत्तराखंड सरकार ने शुरू की कई सुविधाएं । 

यात्रा के दौरान उत्तराखंड सरकार ने बढ़ा रही यातायात व्यवस्था

चारधाम की यात्रा पर आने वाले लोगों के लिए इस वर्ष खास तौर पर देहरादून से 100 बसें चलाई जा रही हैं। इसके साथ-साथ रोडवेज की 100 व केएमओयू हल्द्वानी से भी 50 बसों की व्यवस्था की गई है। यात्रा के दौरान छोटी दूरियों के लिए 12,000 टैक्सी भी मौजूद रहेंगी।

चारधाम यात्रा का रूट।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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