उत्तराखंड
पलायन रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार गाँवों में बनाएगी ग्रोथ सेंटर्स
उत्तराखंड के गाँवों में लोगों के पलायन को रोकने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य की 670 न्यायपंचायतों में ग्रोथ सेंटर्स सुविधा शुरू करने का अहम फैसला लिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में प्रति व्यक्ति आय में सुधार लाने के लिए ग्रोथ सेंटर्स कैसे काम करेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री ने सभी विभागों के साथ विशेष बैठक की है।
डायरेक्टर अॉफ इंडस्ट्रीज़, उत्तराखंड सुधीर चंद्र नौटियाल के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक न्याय पंचायतों में शुरू किए जाने वाले ग्रोथ सेंटर्स में मुख्यरूप से कृषि उत्पादों की मार्केटिंग, हस्तशिल्प उद्योग, प्राकृतिक जड़ी-बूटियां , पर्यटन और वस्त्र उद्योग से जुड़े लोगों को लाभ दिया जाएगा।
670 न्यायपंचायतों में स्थापित होने वाले #ग्रोथ_सेन्टर राज्य से पलायन रोकने व ग्रामीण क्षेत्रों के सर्व समावेशी विकास में बड़ी भूमिका निभाएंगे। ग्रोथ सेन्टरों द्वारा पहाडों में प्रति व्यक्ति आय में सुधार होगा। ग्रोथ सेंटर की कार्ययोजना बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। pic.twitter.com/GiYl7eBMZX
— Trivendra S Rawat (@tsrawatbjp) April 9, 2018
ग्रोथ सेंटर्स सुविधा की शुरूआत को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने ट्विटर एकाउंट पर इस योजना का ज़िक्र किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए जा रहे इन ग्रोथ सेंटर्स की भूमिका युवाओं, किसानों और लघु उद्योगों में शामिल लोगों की आय में सुधार करना रहेगी। उत्तराखंड सरकार ने इस प्रोजेक्ट को राज्य के लिए अहम मानते हुए इसके लिए 15 करोड़ रुपए का बजट भी जारी कर दिया है।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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