उत्तराखंड
सियासी संकट टला, अब मिलकर विकास करना होगाः रावत
केदारनाथ आपदा की तरह था यह संकट
देहरादून। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हरीश रावत ने पहली बार मीडिया से बात करते हुए उत्तराखंड की जनता और न्यायपालिका का धन्यवाद दिया। हरीश रावत ने पूरे मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अंत भला तो सब भला। साथ ही इस पूरे घटनाक्रम पर बोलते हुए रावत ने कहा कि उत्तराखंड का सियासी संकट केदारनाथ आपदा की तरह था। हरीश रावत ने चारों धामों और उत्तराखंड के देवताओं को नमन करते हुए कहा कि राज्य के विकास के लिए वे सभी को साथ लेकर चलना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि अब आरोप-प्रत्यारोप का समय नहीं है। दो माह में राज्य विकास के नजरिये से पिछड़ गया है। बुरे वक्त को भूलकर राज्य के हित में फिर से नई शुरुआत करनी होगी। उम्मीद है कि केन्द्र सरकार भी राज्य के हित को ध्यान में रखते हुए पूरा सहयोग करेगी।
हरीश रावत ने अपने साथ चट्टान की तरह खड़े रहने वाले अपने पीडीएफ के साथियों के साथ साथ मायावती का खासतौर पर धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वे सब भुलाकर सबके सहयोग से उत्तराखंड के विकास पर ध्यान देना चाहते हैं। हरीश रावत ने कहा कि इस पूरे राजनीतिक संकट से राज्य का बहुत सा समय बर्बाद हो गया। पिछले करीब दो महीने में जो कुछ हुआ वह जून 2013 में आई केदारनाथ आपदा की तरह था। उन्होंने कहा कि इसीलिए सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला उत्तराखंड की जीत है।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे समय-समय पर उठते रहे हैं। इसके खिलाफ अभियान चलाने के लिए सूचना आयोग और लोकपाल को मजबूत करना होगा, तभी प्रदेश को भ्रष्टाचार से मुक्त किया जा सकता है। रावत ने कहा कि उत्तराखंड में बढ़ते लैंड माफिया पर कार्रवाई करना उनकी प्राथमिकता होगी। इसके साथ ही प्रदेश को भू माफिया से भी मुक्त किया जाएगा। स्टिंग मामले में सीबीआई के सामने पेश न होने पर बोलते हुए रावत ने कहा कि ये व्यवस्था है कि सीबीआई किसी भी सीनियर सिटीजन को पूछताछ के लिए अपने पास नहीं बुलाती बल्कि स्वयं उसके पास जाती है। अतः उन्होंने सीबीआई से देहरादून में पूछताछ करने की अनुमति मांगी है। उसके लिए वह सीबीआई को पूरा सहयोग करेंगे।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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