उत्तराखंड
भाजपा के दबाव में मंत्रिमंडल के फैसले न बदले ब्यूरोक्रेसी: हरीश रावत
हमारे लिए अब असंगत हैं बहुगुणा
देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक तीर से कई निशाने साधते हुए ब्यूरोक्रेसी को चेतावनी दी कि उत्तराखंड में भले ही राष्ट्रपति शासन लागू हो, लेकिन भाजपा के दबाव में मंत्रिमंडल के फैसले न बदले जायें, यह जनता का अपमान है, विधानसभा अभी भंग नहीं हुई है। इसी क्रम में उन्होंने केंद्र सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया। भाजपा के अंबेडकर जयंती मनाने की हंसी उड़ाई और गैर भाजपा राजनीतिक दलों से कांग्रेस के समर्थन में एकजुट होने की अपील की।
जनता देगी इसका जवाब
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पूर्व मंत्री इंदिरा हृदयेश, मंत्री प्रसाद नैथानी, विधायक राजकुमार के साथ मीडिया कर्मियों से वार्ता कर रहे थे। पूर्व मंत्रिमंडल के फैसलों के अनुरूप कार्य नहीं होने पर नाराजगी जाहिर जाहिर करते हुए रावत बोले कि ‘फैसलों का डाइल्युशन किया जा रहा है।’ यह गलत है। निर्वाचित सरकार के फैसले में रद्दो-बदल दूसरी निर्वाचित सरकार ही कर सकती है। अफसर अगर फैसले बदलते हैं तो जनता इसका जवाब देगी। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह बड़ा प्रश्न है कि देश में धर्म निरपेक्ष, विकासवादी, संवैधानिक सरकारें रह पाएंगी? अगर भाजपा कांग्रेस मुक्त भारत चाहती है तो जनता के पास आए। संवैधानिक व्यवस्था का गलत इस्तेमाल न करे।
बसपा, यूकेडी, सीपीआई समेत अन्य गैर भाजपा दलों से पूर्व मुख्यमंत्री ने एकजुट होने की अपील की और कहा कि निरंकुशता थोपी जा रही है, धर्म निरपेक्षता, सहिष्णुता खतरे में है। राज्य को बचाने के लिए कांग्रेस का समर्थन करें। अब सवाल राजनीतिक प्रतिद्वंदिता का नहीं रहा, संवैधानिक व्यवस्था बचाने का है। अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड के बाद अब दूसरे गैर भाजपा शासित राज्यों की बारी है। सुनियोजित तरीके से साजिश रची जा रही है। हरीश रावत बोले कि भाजपा का अंबेडकर से दूर-दूर का संबंध नहीं है। अंबेडकर जयंती पर वह हर जिले में जाएंगे और हर धर्म, जाति के लोगों को लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ने का संकल्प दिलाएंगे।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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