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कांग्रेस ने ‘बहन’ को दिया भाई को मनाने का जिम्मा

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9 विधायकों की बगावत, संकट में आई उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार, पूर्व सीएम विजय बहुगुणा, उप्र की विधायक रीता बहुगुणा जोशी, सीएम हरीश रावत

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9 विधायकों की बगावत, संकट में आई उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार, पूर्व सीएम विजय बहुगुणा, उप्र की विधायक रीता बहुगुणा जोशी, सीएम हरीश रावत

देहरादून। अपने 9 विधायकों की बगावत के चलते संकट में आई उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार ने बगावत के चीफ आर्किटेक्‍ट पूर्व सीएम विजय बहुगुणा को साधने का जिम्‍मा उनकी बहन व उप्र की विधायक रीता बहुगुणा जोशी को सौंपा है। हाईकमान को उम्मीद है कि भाई-बहन के संबंधों की डोर कांग्रेस की बगावत को खत्म करने का काम कर सकती है। हाईकमान के आदेश के बाद रीता बहुगुणा जोशी शनिवार सुबह देहरादून पहुंच गईं। विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री बनाए जाने के वक्त हरीश रावत के विरोध को थामने में भी रीता बहुगुणा जोशी ने अहम भूमिका निभाई थी। वह खुद विजय बहुगुणा को हरीश रावत के आवास पर मिलाने के लिए ले गई थीं। तब भी वे ही विजय बहुगुणा की ढाल बनी थीं लेकिन अब जबकि विजय बहुगुणा ने कांग्रेस के खिलाफ बगावत का बिगुल बजाकर विद्रोह कर दिया है तो कांग्रेस आलाकमान को विजय बहुगुणा की इसी बहन से मदद मांगनी पड़ रही है।

हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि गुटबाजी इस कदर बढ़ने के बाद रीता जोशी कितना कामयाब हो सकेंगी। अब इस विद्रोह मे हरक सिंह रावत का मसला भी काफी पेचीदा हो गया है। उन्हें मनाना स्वयं विजय बहुगुणा के भी बूते मे भी नहीं होगा। विजय बहुगुणा को संचालित करने वालों मे उनके बड़े बेटे साकेत का भी अहम रोल माना जाता है। विजय बहुगुणा जिस वक्त सूबे के सीएम थे तो साकेत ही पूरा राज्य और अफसरों को कंट्रोल करते थे।

उत्तराखण्ड का संकट

सूत्रों के मुताबिक हरीश रावत शनिवार शाम तक दिल्ली आकर कांग्रेस हाइकमान से मुलाकात कर राज्य के राजनीतिक हालात की जानकारी दे सकते हैं। उत्तराखंड विधानसभा के स्पीकर जीएस कुंजवाल ने कांग्रेस के 9 विधायकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इन विधायकों के खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है। शुक्रवार को भी जब विजय बहुगुणा एक बार कुछ ढीले पड़े और बगावत से निपटने के हालात पैदा हो गए तो साकेत को ही भाजपा मैनेजरों ने विधानसभा भेजा और उसके बाद बगावत जो शुरू हुई वह इस विद्रोह तक पहुंच गई। कहा जा रहा है कि विजय बहुगुणा की सबसे अधिक नाराजगी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से है। उनका कहना है कि बीते ढाई सालों में वे राज्य की समस्याओं को लेकर उनसे मिलने की मांग कर रहे थे, लेकिन उन्होंने वक्त ही नहीं दिया।

कांग्रेस आलाकमान को उम्मीद है कि विजय बहुगुणा कि हमेशा पैरवी करने वाली उनकी बहन रीता बहुगुणा जोशी शायद अब भी कोई रास्त निकल सकें और विजय बहुगुणा विद्रोह का रास्ता छोड़ दें। कांग्रेस को उम्मीद है कि विजय बहुगुणा के तेवर नरम पड़ने के बाद अन्य विधायक सदस्यता छिनने के डर से वापस हरीश रावत के पाले में आ सकते हैं।

विधायक माफी मांगें तो नहीं होगी कार्रवाई: हरीश रावत

मौजूदा संकट पर सीएम हरीश रावत ने कहा कि 4 से 5 बागी विधायक हमारे संपर्क में है। हम बागी विधायकों को माफी मांगने का एक मौका दे रहे हैं। रावत ने कहा कि हमने बागी विधायकों को उनकी गलती स्वीकार करने और माफी मांगने के लिए समय दिया है। उन्होंने कहा कि यदि विधायकों को कोई समस्या थी तो वह स्पीकर और राज्यपाल से अलग-अलग मिलकर अपनी बात कह सकते थे।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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