उत्तराखंड
यात्रा सीजन में 25 होटलों पर एनजीटी की गाज!
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तैयार की है सूची
देहरादून। यदि राज्य प्रदूषण नियंत्रण समिति ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशों पर ईमानदारी से अमल किया तो चारधाम यात्रा सीजन में प्रदेश के 25 होटलों पर गाज गिर सकती है। ये होटल गंगा किनारे बने हुए हैं। एनजीटी ने इस संबंध में प्रदूषण नियंत्रण समिति को आदेश दिये हैं कि गंगा किनारे बने होटल गंगा में प्रदूषण फैला रहे हैं और इन पर अंकुश लगना चाहिए। बताया जा रहा है कि प्रदूषण नियंत्रण समिति ने केदारनाथ से हरिद्वार तक 25 होटलों की सूची तैयार की है।
केदारनाथ से हरिद्वार तक गंगा किनारे बने होटल हो सकते हैं सील
गौरतलब है कि एनजीटी गंगा में प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्त आदेश जारी कर रहा है। इस कड़ी में अब तक तीन बड़े होटलों जिनमें एक पांच सितारा होटल भी है, सीलिंग की कार्रवाई हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार एनजीटी ने होटलों को लेकर कड़े प्रावधान किये हैं। सूत्र मानते हैं कि प्रदूषण बोर्ड से अधिकारी यदि पूरी तरह से काम में ईमानदारी व पारदर्शिता बरतते हैं तो इन होटलों को सील कर दिया जाएगा। राज्य सरकार ने भी एनजीटी के आदेशों को मानने की पूरी तैयारी की है। गौरतलब है कि प्रदूषण बोर्ड के अफसर इस मामले को लेकर गंभीर नहीं थे, हाल में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को एनजीटी से कड़ी फटकार लगी। इसके बाद ही बोर्ड सक्रिय हुआ है। माना जा रहा है कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले ही इन होटलों पर गाज गिर सकती है।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
-
लाइफ स्टाइल1 day ago
सुबह डल नजर आता है चेहरा, तो अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय
-
आध्यात्म2 hours ago
नौकरी में चाहिए प्रमोशन तो अपनाएं ज्योतिष के ये उपाय
-
खेल-कूद2 hours ago
विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना
-
नेशनल7 hours ago
दिल्ली में सांस लेना हुआ मुश्किल, कई इलाकों में AQI 4OO पार
-
उत्तर प्रदेश1 day ago
दिवाली के दिन यूपी के इस जिले में 25 करोड़ की शराब पी गए लोग
-
खेल-कूद7 hours ago
HAPPY BIRTHDAY KING KOHLI : भारतीय क्रिकेट टीम के किंग विराट कोहली आज मना रहे हैं अपना 36वां जन्मदिन
-
खेल-कूद5 hours ago
फुटबॉल खेलते वक्त मैदान पर गिरी बिजली, एक प्लेयर की मौत, वीडियो वायरल
-
उत्तर प्रदेश4 hours ago
तांत्रिक की सलाह पर सनकी शख्स ने पत्नी और तीन बच्चों को मार डाला, वारदात को अंजाम देकर हुआ फरार