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हरीश रावत को मिला पूर्व सीएम एनडी तिवारी का समर्थन

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हरीश रावत, पूर्व सीएम एनडी तिवारी का समर्थन, उत्तराखंड का मौजूदा राजनीतिक संकट

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हरीश रावत, पूर्व सीएम एनडी तिवारी का समर्थन, उत्तराखंड का मौजूदा राजनीतिक संकट

देहरादून। उत्‍तराखण्‍ड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी भी मुख्यमंत्री हरीश रावत के समर्थन में उतर आए हैं। कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता एनडी तिवारी ने उत्तराखंड के मौजूदा राजनीतिक संकट पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इस संकट को सुलझाने की पेशकश की। दिल्ली में रहते हुये उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने सहयोग की पेशकश का पत्र जारी कर कहा कि चुनी हुई सरकार अपना कार्यकाल पूरा करे। तिवारी ने कहा है कि वे 31 मार्च तक दिल्ली में हैं और अगर उनका सहयोग चाहिये तो वह यह सहयोग करने को भी तैयार है। तिवारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के सभी विधायक आज भी उनके सम्पर्क में हैं और प्रदेश की राजनीति में आए इस गहन संकट को समाप्त करने में यदि उनके सहयोग की जरूरत पड़ी तो वे अवश्य सभी विधायकों से बात करने को तैयार हैं। इसके साथ ही तिवारी ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को भी बिना भेदभाव के हर विधायक के क्षेत्र में विकास करने की सलाह दी है। बहरहाल, एनडी का रुख मुख्यमंत्री हरीश रावत को राहत देने वाला साबित भी हो सकता है।

तिवारी की ओर से जारी पत्र में उत्तराखंड में उपजे सियासी संकट पर चिंता जाहिर की गई है। तिवारी का कहना है कि उत्तराखंड में चुनी गई सरकार को उसका कार्यकाल हर हाल में पूरा करना चाहिए और नियत समय पर ही चुनाव होने चाहिए। स्थिर सरकार होने पर ही प्रदेश का विकास संभव हो सकता है। तिवारी ने सरकार की स्थिरता पर जोर दिया है और कहा है कि प्रदेश का विकास तभी संभव है जब वहां स्थिर सरकार हो। हालांकि, हरीश रावत के साथ पहले तिवारी की पटरी कम ही बैठी। तिवारी के मुख्यमंत्री रहते हुये हरीश रावत कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी रहे और तिवारी लगातार हरीश रावत से परेशानी की शिकायत भी करते रहे। हाल ही में तिवारी हल्द्वानी में विकास के मामले को लेकर धरने पर बैठ गए थे।

रावत की संकट की घड़ी में सहारा बने एनडी

वयोवृद्ध नेता ने कहा कि प्रदेश में सभी पार्टियों के विधायक उनके द्वारा किये गये कार्यों की सराहना करते हैं, यह उनका सौभाग्य है। बदले हुये समीकरण में तिवारी ने हरीश रावत का साथ देने का ऐलान कर रावत को संकट की घड़ी में सहारा दिया है। इसके साथ ही तिवारी ने हरीश रावत को नसीहत भी दी। तिवारी ने कहा है कि प्रदेश का मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री को हर विधायक के क्षेत्र में बिना भेदभाव के विकास कार्य कराने चाहिये। उल्लेखनीय है कि बागी विधायकों का भी आरोप है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत उनके क्षेत्रों के विकास के कामों को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। बीजेपी ने भी सदन में मुख्यमंत्री हरीश रावत पर विपक्ष के विधायकों की उपेक्षा का आरोप जड़ा था। उस समय बाकायदा एनडी तिवारी का नाम लिया गया था और कहा गया था कि तिवारी विपक्ष के विधायकों की मांगों को कभी नजरअंदाज नहीं करते थे।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 रुपये के बदले देना पड़ेगा 35,453 रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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