Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

उत्तराखंड: सदन में बहुमत परीक्षण तय!

Published

on

उत्तराखंड, सदन में बहुमत परीक्षण, फ्लोर टेस्ट का आदेश, रामेश्वर जजमेंट, उत्तराखंड में जारी राजनीतिक घमासान

Loading

उत्तराखंड, सदन में बहुमत परीक्षण, फ्लोर टेस्ट का आदेश, रामेश्वर जजमेंट, उत्तराखंड में जारी राजनीतिक घमासान

uttarakhand assembly

देहरादून। इतिहास अपने को दोहराता है, क्या सुप्रीम कोर्ट उत्तराखंड के मामले में हाईकोर्ट के फैसले को यथावत रख फ्लोर टेस्ट का आदेश देगा। प्रदेश के राजनीतिक हलकों में यह सुगबुगाहट होने लगी है। यह कयासबाजी सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंगलवार को की गई टिप्पणी के बाद लगायी जा रही है। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा केंद्र को उत्तराखंड में फ्लोर टेस्ट पर विचार करना चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने अटार्नी जनरल से पूछा कि क्यों न रामेश्वर जजमेंट के आलोक में उत्तराखंड में भी बहुमत परीक्षण का मौका मिलना चाहिए। इसे कोर्ट की निगरानी में करवाया जा सकता है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई अब कल तक के लिए टाल दी है। माना जा रहा है कल सरकार कोर्ट के सुझाव पर अपनी बात रखेगी। बता दें कि उत्तराखंड में जारी राजनीतिक घमासान के बीच केंद्र ने वहां राष्ट्रपति शासन की संस्तुति कर दी थी। जिसे बाद में हाइकोर्ट ने रद करते हुए सरकार को बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था। लेकिन एक दिन बाद ही हाईकोर्ट के इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाते हुए राष्ट्रपति शासन को जारी रखने का निर्देश दिया था। इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में लगातार सुनवाई जारी है।

प्रदेश में सियासी हलचल फिर तेज

सुनवाई में कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट कराने के संकेत दिए हैं। शीर्ष अदालत ने इस मसले को लेकर तीन, चार और पांच मई को सुनवाई करने का निर्णय लिया है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने गत 27 अप्रैल को उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को जारी रखने का आदेश दिया था। साथ ही शीर्ष अदालत ने 29 अप्रैल को विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट पर लगी रोक भी बरकरार रखी थी। पिछली सुनवाई में पीठ ने इस मसले पर विस्तृत सुनवाई करने का निर्णय लेते हुए सात प्रश्न उठाए थे।

13 मई तक हो जाएगा राष्ट्रपति शासन पर फैसला

शीर्ष अदालत ने कहा था कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना एक दुर्लभ कार्रवाई है। अगर सरकार अल्पमत में हो तो फ्लोर टेस्ट ही अंतिम समाधान है। पीठ ने कहा कि अगर हम राष्ट्रपति शासन को सही भी ठहराते हैं तो फ्लोर टेस्ट तो होगा ही। राष्ट्रपति शासन को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी शुरू हुई। 27 अप्रैल को कोर्ट ने साफ कर दिया था कि सुनवाई तीन मई से होगी और लगातार चलेगी। कोर्ट का यह भी कहना था कि इस सुनवाई को 13 मई से पहले-पहले पूरा कर लिया जाएगा। 21 अप्रैल को नैनीताल हाई कोर्ट ने राष्ट्रपति शासन को पलट दिया था और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को बहुमत परीक्षण का आदेश दिया था। इस फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। 27 अप्रैल को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने तीन मई से सुनवाई शुरू करने का ऐलान किया था।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

Published

on

Loading

उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

Continue Reading

Trending