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उत्तराखंड

देवभूमि उत्तराखंड पहुंचे उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, सीएम त्रिवेंद्र ने किया स्वागत

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देहरादून। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू अपने एक दिवसीय दौरे पर आज देवभूमि उत्तराखंड पहुंचे। उपराष्ट्रपति यहां एक निजी शिक्षण संस्थान के दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग करेंगे। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पर विशेष विमान से देवभूमि उत्तराखंड पहुंचे।

ये अधिकारी थे मौजूद

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के स्वागत के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, डॉ रमेश पोखरियाल निशंक और प्रोटोकॉल मंत्री धन सिंह रावत एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

शिक्षण संस्थान में पहुंचेंगे उपराष्ट्रपति

जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू सेना के हेलीकॉप्टर से इंडियन मिलिट्री एकेडमी के ग्राउंड उतरेंगे। जिसके बाद सड़क मार्ग से वह प्रेम नगर स्थित शिक्षण संस्थान में पहुंचेंगे।

 

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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