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उत्तराखंड

उत्तराखंड में बिजली की लाइनें होंगी भूमिगत, सड़क चौड़ीकरण का काम होगा आसान

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जल्द ही उत्तराखंड के हरिद्वार और देहरादून जैसे क्षेत्रों में बिजली के नुकसान को कम किया जा पाएगा। प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार ने जल्द ही उत्तराखंड के मार्गों के किनारे बनी विद्युत लाइनों को भूमिगत करने का फैसला लिया है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व केन्द्रीय उर्जा, नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर.के.सिंह ने शुक्रवार को ऋषिकुल मैदान, हरिद्वार में एकीकृत विद्युत विकास योजना (आईडीपीएस) में हरिद्वार के कुम्भ क्षेत्र में लगभग 200 करोड़ लागत के विद्युत लाईनों के अंडर ग्राउंड कार्य का शिलान्यास किया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ” हरिद्वार कुम्भ नगरी होने के साथ-साथ मेलों और उत्सवों का भी शहर है। यहां बड़ी संख्या में वर्षभर तीर्थयात्री आते हैं। धार्मिक स्थान साफ-सुथरे होने के साथ ही इन स्थानों पर तीर्थ यात्रियों के लिए सभी सुविधाएं होनी चाहिए। इस दिशा में हरिद्वार के कुम्भ क्षेत्र में विद्युत तारों को अंडर ग्राउंड किया जाना बहुत ज़रूरी है।”

हरिद्वार में एकीकृत विद्युत विकास योजना (आईडीपीएस) का किया गया शिलान्यास।

मौजूदा समय में पूरे देश में बनारस के बाद अब हरिद्वार में विद्युत लाईनों को भूमिगत किया जा रहा है। हरिद्वार के बाद देहरादून में भी विद्युत लाईनों को अंडर ग्राउंड अण्डर ग्राउण्ड किए जाने के कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।

इस मौके पर मौके मौजूद सांसद हरिद्वार, रमेश पोखरियाल (निशंक) ने बताया, ” प्रदेश में रुड़की से हरिद्वार होकर ऋषिकेश तक के लिए मेट्रो ट्रेन की मांग केन्द्र सरकार से की जा रही है। आशा है कि हमें शीघ्र ही यह सौगात भी मिलेगी।”

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने हरिद्वार के भूपतवाला में पीएचसी की स्थापन, नगर निगम हरिद्वार के भवन निर्माण और हरिद्वार शहर में 10 प्रतिशत शेष रहे सीवरेज कार्य के लिए धनराशि दिए जाने पर अपनी सहमति जताई। हरिद्वार शहर की जलभराव समस्या के निदान के लिए अमृत योजना के अन्तर्गत वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने और साईंस व योगा पार्क के लिए 10 करोड़ रुपए दिए जाने की भी घोषणा की है।

‘हरिद्वार कुम्भ नगरी होने के साथ-साथ मेलों और उत्सवों का भी शहर भी।’ त्रिवेंद्र सिंह रावत।

इस मौके पर केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आरके सिंह ने कहा,”  देश में यह दूसरा शहर है जहां यह कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार कोई साधारण शहर नहीं है। यह पूरे विश्व की आस्था का केन्द्र है। हरिद्वार के लिए यह योजना बहुत आवश्यक थी। विद्युत लाईनों के भूमिगत होने से विद्युत नुकसान कम होगा, सड़कों से व्यवधान हटने से सड़के चैड़ी होगी और फाल्ट भी बहुत कम होगें।”

उत्तराखंड में विद्युत लाईन भूमिगत किए जाने की योजना में दो चरणों में काम पूरा होगा। इसके लिए कुल 600 करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। योजना में 10 करोड़ रुपए हरिद्वार शहर के विकास कार्यों को दिए जाने की घोषणा की गई है, जिसे मुख्यमंत्री शहर की कई योजनाओं में व्यय कर सकते हैं।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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