मुख्य समाचार
माल्या को भागने में मोदी सरकार ने मदद की : कांग्रेस
नई दिल्ली| कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार ने देश के बैंकों के 9,000 करोड़ रुपये के कर्जदार विजय माल्या को देश से बाहर भागने में मदद की है। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, राजीव गौड़ा और रणजीत रंजन ने यहां एक बयान में कहा, “उपलब्ध तथ्यों से अब पता चलता है कि वास्तव में विजय माल्या को गुप्त तरीके से देश से बाहर जाने में मदद की गई, ताकि वह बैंकों के कंसोर्टियम के 9,000 करोड़ रुपये बकाए का भुगतान करने से बच जाएं।” उन्होंने कहा, “यदि सरकार ने माल्या से कोई गुप्त समझौता किया है या वह पिछले दरवाजे से इस मुद्दे को निपटा रही है, तो सच्चाई सबके सामने लाने की जिम्मेदारी उसकी है।”
महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने बुधवार को बेंकों की पैरवी करते हुए सर्वोच्च न्यायालय को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के हवाले से बताया था कि माल्या दो मार्च को देश छोड़ चुका है। माल्या के देश छोड़ने के छह दिनों बाद बैंकों के कंसोर्टियम ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर उसे ‘देश से बाहर जाने से रोकने’ की मांग की थी। कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाया, “क्या प्रधानमंत्री इस मामले में जवाबदेही तय कर सभी दोषियों को सजा देंगे, जिनमें सीबीआई, वित्त मंत्रालय, आव्रजन अधिकारी और बैंकों का कंसोर्टियम भी शामिल है?” उन्होंने कहा, “मोदी सरकार 100 दिनों के भीतर कालाधन वापस लाने का वादा कर सत्ता में आई थी।” कांग्रेस नेताओं ने कहा कि 9,000 करोड़ रुपये की देनदारी न चुकाने वाले को देश छोड़कर चले जाने दिया गया। वह भी तब, जबकि सीबीआई ने करीब सात महीने पहले वित्तीय अनियमितता और धन की हेराफेरी का एक आपराधिक मामला दर्ज किया था।
नेताओं ने कहा, “पूछताछ के दौरान न तो माल्या को गिरफ्तार किया गया, न ही उनका पासपोर्ट जब्त किया गया।” कांग्रेस नेताओं ने केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली पर हमला करते हुए कहा कि जब बैंक माल्या का पासपोर्ट जब्त करने की मांग कर रहा है, तब वह झूठे बहाने क्यों बना रहे हैं? कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बताया जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने माल्या के खिलाफ जांच शुरू कर दी है, लेकिन सच तो यह है कि अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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