अन्तर्राष्ट्रीय
‘हमने कर दिखाया’, कब्जा किए रूसी टैंक का आनंद लेते यूक्रेनी लोगों की देखें ख़ुशी
रूस और यूक्रेन के बीच आज नौंवे दिन भी जंग जारी है। कई जगहों पर भीषण लड़ाई जारी है। वहीं, यूक्रेनियन लोग इस तनावपूर्ण स्थिति में अपना हौंसला नहीं खो रहे हैं। रूसी सेना को आगे बढ़ने से रोकने के लिए वहां की आम जनता भी सड़कों पर लड़ रही है। वे हथियारों के साथ तो हैं ही बल्कि वे रूसी सैनिकों को मानसिक रूप से भी तोड़ रहे हैं। हाल ही में एक वीडियो में देखा गया था, जब एक रूसी सैनिक ने यूक्रेनी लोगों के सामने सरेंडर कर दिया था। वहीं, अब एक वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ यूक्रेनी लोगों के हाथ एक रूसी सैन्य टैंक लग गया है। टैंक पर बैठकर वे पूरा आनंद ले रहे हैं और सेल्फी व हंसते-खेलते नजर आ रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूक्रेन के खारकीव में पुरुषों के एक ग्रुप ने बर्फीले मैदान में पकड़े गए रूसी टैंक को चलाते हुए खुद का एक वीडियो बनाया। T-80BVM बख्तरबंद युद्धक टैंक के ऊपर सवार होते ही एक व्यक्ति अपनी मातृभाषा में चिल्लाया, ‘यूक्रेन की जय!’ ‘हमने यह कर दिखाया’, साथ में अन्य मित्र भी दोस्त का खुशमिजाज देख आनंद ले रहा है।
#Слатино, Харьковская обл.: тероборона где-то отжала российский танк на ходу https://t.co/050tMba0cI #RussiaUkraineWar pic.twitter.com/9jfXPegj4q
— Necro Mancer (@666_mancer) March 2, 2022
बता दें कि रूस ने पिछले हफ्ते यूक्रेन पर हमला किया था। वहां से तबाही की कई तस्वीरें और वीडियो सामने आ चुकी हैं। यूक्रेन का दावा है कि उसके द्वारा रूसी सैनिकों को कड़ा जवाब दिया जा रहा है। वहीं, यूक्रेनियन का दावा है कि ये टैंक रूसी सैनिकों द्वारा छोड़े गए थे जिनपर कब्जा कर लिया गया था। वे युद्ध से भाग गए थे। बख्तरबंद कर्मियों के वाहक से लेकर टैंकों तक, जले और नष्ट रूसी सैन्य वाहनों की कई तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए हैं। ऐसी कई रिपोर्टें आई हैं कि यूक्रेन पर हमला करने वाले रूसी सैनिकों ने निराश होने के कारण आत्मसमर्पण कर दिया है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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