उत्तराखंड
‘उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच खत्म होंगे विवाद’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तराखंड ने उत्तर भारत को दुनिया का सबसे उपजाऊ और समृद्ध क्षेत्र बताया है। ऋषिकेश में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड गठन के बाद चल रहे विवादों का जल्द समाधान निकालने पर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच बात हुई।
ऋषिकेश में गुरू गोरखनाथ की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने आए योगी ने अपने संबोधन में कहा,‘’ उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच कुछ विवाद पिछले 17-18 वर्षों से चले आ रहे हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और मेरा दोनों का मानना है कि ये विवाद अब जल्द समाप्त हो जाने चाहिए और दोनों राज्यों के बीच जमीन संबंधी कोई विवाद अब नहीं रहने चाहिए।”
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पिछले एक साल में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बटवारें से संबंधित कई प्रकरणों का समाधान हुआ है। दोनों राज्य एक-दूसरे के आपसी सहयोग से आगे भी कई मसलों पर सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ेंगे।” उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को समस्याओं के समाधान में विश्वास रखने वाला बताया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड को आध्यात्मिक ऊर्जा और भौतिक विकास की दृष्टि से आगे बढ़ाने के लिए त्रिवेंद्र सिंह रावत को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में सरकार ने सही दिशा में प्रयास शुरू किया है और राज्य से पलायन सहित कई समस्याओं का समाधान राज्य के सीमित संसाधनों के बावजूद तेज़ गति से और सहजता से निस्तारण किया है।”
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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