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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और सकुशल घर वापसी का बनाया फूल प्रूफ प्लान

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महाकुम्भनगर। मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत महाकुम्भ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। योगी सरकार ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगमता से मेले तक पहुंचाने के साथ ही उन्हें सकुशल घर वापसी का फूल प्रूफ़ प्लान तैयार कर लिया है। महाकुम्भ 2025 की अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने मजबूत सात चक्रीय सुरक्षा घेरा बनाया है जिसमें प्रयागराज पुलिस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रयागराज पुलिस कुम्भ मेला पुलिस के लिए आउटर कोर्डन का काम करेगी। इस आउटर कोर्डन को सुदृढ़ बनाए रखने के लिए प्रयागराज पुलिस ने अपनी अवस्थापना सुविधाओं एवं जनशक्ति में वृद्धि करते हुए शहर और ग्रामीण क्षेत्रो में अस्थाई पुलिस थाने और चौकियां स्थापित की हैं। इसके अलावा पीएसी, एनडीआरएफ, सेंट्रल आर्मड पुलिस फोर्स, बीडीडीएस, एएस चेक टीम मुस्तैदी से तैनात रहेगी। कुम्भ मेले के दौरान मेला क्षेत्र के अलावा शहर और ग्रामीण क्षेत्रो के लिए पुलिस फ़ोर्स रिज़र्व में भी रहेंगी।

कमिश्नरेट में अब 44 नहीं, 57 थाने

कमिश्नरेट पुलिस प्रयागराज में अब 44 नहीं, बल्कि 57 थाने होंगे। रेलवे स्टेशन, बस अड्डों, एयरपोर्ट और अन्य मार्गो से आने वाले श्रद्धालुओ को सुरक्षित मेला क्षेत्र तक पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने नए अस्थाई थाने और चौकियां स्थापित की हैं। पुलिस कमिश्नर प्रयागराज तरुण गाबा ने बताया की 13 अस्थाई पुलिस थाने और 23 चौकियां स्थापित की जा रही हैं। इसके अलावा पैरामिलिट्री फोर्स, पीएसी, बम निरोधक दस्ता और अन्य फ़ोर्स भी तैनात रहेगी। प्रयागराज कमिश्नरेट पुलिस के शहरी और ग्राणीण क्षेत्रों में लगभग 10 हज़ार पुलिस फोर्स तैनात की जा रही है।

प्रमुख मार्गों पर थाने और चौकियां स्थापित

पुलिस कमिश्नर प्रयागराज ने बताया कि कुम्भ मेला क्षेत्र की तरफ़ जाने और वापसी के विभिन्न मार्गों को चिन्हित किया गया है। इन्हीं मार्गों पर प्रमुख रूप से अस्थायी थाने और चौकियां स्थापित की गई हैं और अन्य पुलिस बल की तैनाती की जा रही है। जिससे यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से बनी रहे, साथ ही बड़ी तादात में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सके। साथ ही 8 जोन और 18 सेक्टर भी बनाए गए हैं, जिनमें क्रमशः अपर पुलिस अधीक्षक तथा पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी प्रभारी बनाए गए हैं।

प्रयागराज कमिश्नरेट के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में स्थाई/अस्थाई पुलिस संरचना

जोन– 8
सेक्टर –18
अस्थाई थाने -13
स्थाई थाने -44
अस्थाई चौकियां -23
सीएपीएफ -21 कंपनी, 2
रिज़र्व कंपनी
पीएसी -5 कंपनी
एनडीआरएफ -4 टीम
ए एस चेक -12 टीम
बीडीडीएस –4 टीम

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उत्तर प्रदेश

अपने इष्ट गणपति और नागा संन्यासियों को लेकर महाकुम्भ क्षेत्र पहुंचा श्री शंभू पंच दशनाम अटल अखाड़ा

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महाकुंभ नगर। प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ में जन आस्था के केंद्र सनातन धर्म के 13 अखाड़ो का अखाड़ा सेक्टर में प्रवेश जारी है। इसी क्रम में बुधवार को श्री शंभू पंचदशनाम अटल अखाड़े ने छावनी प्रवेश किया। छावनी प्रवेश को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

इष्ट देव भगवान गजानन को लेकर कुंभ क्षेत्र में हुआ प्रवेश

आदि गुरु शंकराचार्य के प्रयास से छठी शताब्दी में संगठित रूप में अस्तित्व में आये अखाड़ो की स्थापना शस्त्र और शास्त्र दोनों को आगे बढाने के लिए की गई। शास्त्र ने अगर शंकर के धार्मिक चिंतन को जन जन तक पहुचाया तो वही शस्त्र ने दूसरे धर्मो से हो रहे हमलो से इसकी रक्षा की। इन्ही अखाड़ो में शैव सन्यासी के अखाड़े श्री शंभू पञ्च दशनाम अटल अखाड़ा ने कुम्भ क्षेत्र में प्रवेश के लिए अपनी भव्य छावनी प्रवेश यात्रा निकाली। अलोपी बाग स्थिति अखाड़े के स्थानीय मुख्यालय से यह प्रवेश यात्रा निकाली गई। प्रवेश यात्रा में परम्परा, उत्साह और अनुशासन का खूबसूरत मेल देखने को मिला। आचार्य महा मंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती की अगुवाई में यह प्रवेश यात्रा निकली। सबसे आगे अखाड़े के ईष्ट देवता भगवान गजानन की सवारी और उसके पीछे अखाड़े के परंपरागत देवता रहे।

नागा संन्यासियों की फौज बनी आकर्षण और आस्था का केंद्र

स्थानीय मुख्यालय से शुरू हुए अटल अखाड़े के छावनी प्रवेश में नागा संन्यासियों की फौज को देखने के लिए शहर में स्थानीय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इष्ट देवता गणपति के पीछे चल रहे अखाड़े के पूज्य देवता भालो के बाद कतार में नागा सन्यासी चल रहे थे। यह पहला अखाड़ा था जिसमें नागा संन्यासिनियों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज की। छावनी प्रवेश में एक बाल नागा भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती का कहना है कि छावनी में दो दर्जन से अधिक महा मंडलेश्वर और दो सौ से अधिक नागा संन्यासी शामिल थे। रथों में सवार अखाड़े के संतों का आशीर्वाद लेने के लिए लोग सड़कों के दोनो तरफ दिखे।

“सूर्य प्रकाश” भाला रहा आकर्षण का केंद्र

अटल अखाड़े के जुलुस में एक बात अलग से देखी गई और वह है अखाड़े की प्रवेश यात्रा में सबसे आगे फूलों से सजे धजे वह भाले जिन्हें अखाड़ो के इष्ट से कम सम्मान नहीं मिलता। अखाड़े की पेशवाई में अखाड़े के जुलूस में भी आगे था “सूर्य प्रकाश” नाम का वह भाला जो केवल प्रयागराज के महाकुम्भ में ही अखाड़े के आश्रम से महाकुम्भ क्षेत्र में निकलता है।

जगह जगह अखाड़े के संतों का प्रशासन ने किया स्वागत

पांच किमी का रास्ता तय कर अखाड़े की प्रवेश यात्रा महाकुंभ के सेक्टर 20 पहुंची। रास्ते में कई जगह महा कुम्भ प्रशासन की तरफ से संतों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया।

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