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उत्तर प्रदेश

आकांक्षी नगरों में उच्च गुणवत्ता वाले कार्य सुनिश्चित करने पर जोर दे रही योगी सरकार

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लखनऊ। स्थानीय नगरीय निदेशालय, लखनऊ में शनिवार को आकांक्षी नगर योजना के अंतर्गत सी.एम. अर्बन फेलोज (CM Fellows) और अधिशासी अधिकारियों के लिए एक कार्यशाला एवं समीक्षा बैठक का सफल आयोजन किया गया। इस बैठक का उद्देश्य आकांक्षी नगर योजना के तहत चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा करना और नगर विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के साथ समन्वय स्थापित करना था।

इस कार्यशाला में आकांक्षी नगरों में चल रहे विकास कार्यों की गुणवत्ता को बढ़ाने, कन्वर्जेंस योजनाओं के साथ समन्वय करने और आकांक्षी नगर योजना डैशबोर्ड के डेटा प्रबंधन की जानकारी प्रदान की गई। बैठक में प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए सभी आकांक्षी नगरों में उच्च गुणवत्ता वाले कार्य सुनिश्चित करने पर बल दिया। उन्होंने सी.एम. अर्बन फेलोज और अधिशासी अधिकारियों को प्रेरित किया कि वे शहरी क्षेत्रों में जीवन स्तर में सुधार और जनसेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए ठोस प्रयास करें।

बैठक में प्रमुख सचिव, निदेशक, अपर निदेशक, और उप निदेशक की उपस्थिति में शहरी विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी साझा की गई। इसमें विशेष रूप से आकांक्षी नगर योजना के प्रभावी कार्यान्वयन, डैशबोर्ड के उपयोग, और टेंडर प्रक्रिया से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी शामिल थी।

इस कार्यशाला में नॉलेज पार्टनर्स द्वारा योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक मार्गदर्शन भी प्रदान किया गया। प्रमुख सचिव ने अपने संबोधन में कहा कि हर अधिशासी अधिकारी और सीएम फेलो को नगर पंचायतों में योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि शहरी क्षेत्रों में विकास और जनसेवाओं की गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित किया जा सके।

यह कार्यशाला उत्तर प्रदेश के आकांक्षी नगरों में बदलाव लाने की दिशा में नगर विकास विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसमें शहरी सेवा वितरण और सतत विकास के लिए स्पष्ट रूप से एक रोडमैप निर्धारित किया गया है।

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उत्तर प्रदेश

अखिलेश यादव का योगी सरकार पर निशाना, कहा- नौकरी भाजपा के एजेंडे का हिस्सा नहीं

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पीसीएस-प्री और आरओ-एआरओ परीक्षा को लेकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने सोमवार को प्रयागराज में जमकर प्रदर्शन किया। लोकसेवा आयोग के दफ्तर के सामने हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच धक्कामुक्की भी हुई। जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए अभ्यर्थियों को खदेड़ दिया था। इस घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में का हिस्सा नहीं है।

उन्होंने कहा कि माहौल ‘योगी बनाम प्रतियोगी’ छात्र हो चुका है। आज उप्र के प्रतियोगी परीक्षाओं के हर अभ्यर्थी, हर छात्र, हर युवक-युवती की ज़ुबान पर यही है कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं। अखिलेश ने कहा कि उन्होंने चलवाया लाठी-डंडा, नौकरी नहीं जिनका एजेंडा। नहीं चाहिए अनुपयोगी सरकार। भाजपा सरकार नहीं धिक्कार है। अयोग्य लोगों का अयोग्य आयोग’ नहीं चाहिए।

सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा के लोग, जनता को रोज़ी-रोटी के संघर्ष में उलझाए रखने की राजनीति करते हैं, जिससे भाजपाई साम्प्रदायिक राजनीति की आड़ में भ्रष्टाचार करते रहें। सालों-साल वैकेंसी या तो निकलती नहीं है या फिर परीक्षा की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है। भाजपा ने छात्रों को पढ़ाई की मेज से उठाकर सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया है।

उन्होंने कहा कि यही आक्रोशित अभ्यर्थी और उनके हताश-निराश परिवार वाले अब भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन रहे हैं। नौकरीपेशा, पढ़ा-लिखा मध्यवर्ग अब भावना में बहकर भाजपा के बहलावे-फुसलावे में आनेवाला नहीं। अब तो व्हाट्सएप ग्रुप के झूठे भाजपाई प्रचार के शिकार अभिभावकों को भी समझ आ गया है कि अपनी सत्ता पाने और बचाने के लिए भाजपा ने कैसे उनका भावनात्मक शोषण किया है। अब ये लोग भी भाजपा की नकारात्मक राजनीति के झांसे में आने वाले नहीं और बांटने वाली साम्प्रदायिक राजनीति को नकारकर ‘जोड़नेवाली सकारात्मक राजनीति’ को गले लगा रहे हैं। अब कोई भाजपाइयों का मानसिक गुलाम बनने को तैयार नहीं हैं।

अखिलेश ने कहा कि अब सब समझ गये हैं, भाजपा सरकार के रहते कुछ भी नहीं होनेवाला। भाजपा के पतन में ही छात्रों का उत्थान है। भाजपा और नौकरी में विरोधाभासी संबंध है। जब भाजपा जाएगी, तभी नौकरी आएगी।

उन्होंने कहा कि अब क्या भाजपा सरकार छात्रों के हॉस्टल या लॉज पर बुलडोज़र चलाएगी। भाजपाई जिस शिद्दत से नाइंसाफ़ी का बुलडोजर चला रहे हैं, अगर उसी शिद्दत से सरकार चलाई होती तो आज भाजपाइयों को छात्र आक्रोश से डरकर, अपने घरों में छुपकर नहीं बैठना पड़ता। आंदोलनकारियों के ग़ुस्से से घबराकर भाजपाइयों के घरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों और गाड़ियों से भाजपा के झंडे उतर गये हैं। आंदोलनकारी युवा ऊँची आवाज़ में पूछ रहे हैं ‘अब कहाँ गायब हैं दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का दावा करने वाली भाजपा के नेता और कार्यकर्ता?’ क्या ये सिर्फ़ समाज को बाँटने के लिए बाहर निकलते हैं। जिस समय छात्रों की आवाज में आवाज मिलाने का समय है, उस समय ये भाजपाई, कहीं दबे-छिपे काट रहे हैं सत्ता की मलाई। सपा प्रमुख ने कहा कि नकारात्मक भाजपा और उसकी नकारात्मक झूठी राजनीति का समय पूरा हो गया है। जन-जन कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।

 

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