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उप्र : रायबरेली में मोदी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित
लखनऊ | कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली का दौरा करने पहुंचीं। भूएमउ गेस्ट हाउस में लोगों से मुलाकात करने के बाद सोनिया ने निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सदस्यों ने प्रधानमंत्री मोदी की निंदा की और उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया। बैठक के दौरान स्थानीय सपा विधायक और कैबिनेट मंत्री मनोज पांडेय ने रायबरेली के लिए केंद्रीय निधि में कटौती का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय निधि में कटौती होने से रायबरेली का विकास नहीं हो पा रहा है। इस मामले को लेकर निगरानी समिति की बैठक में सदस्यों ने प्रधानमंत्री मोदी की निंदा की और उनके खिलाफ एक निंदा प्रस्ताव पास किया। विधायक ने केंद्र को रायबरेली के विकास को लेकर चिट्ठी लिखने की बात भी कही है। स्थानीय विधायक ने बताया कि जब किसानों की फसल बर्बाद हुई थी, तब प्रधानमंत्री विदेश घूम रहे थे। उप्र के किसानों को मुआवजे का एक पैसा नहीं दिया गया। समिति ने यूपी सरकार को इसलिए धन्यवाद दिया है, क्योंकि उसने रायबरेली के किसानों के लिए 191 करोड़ रुपये बांटे हैं।
इसके आलावा बैठक में मनरेगा, राजीव आवास योजना, ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की समीक्षा हुई। वहीं, किसान मुद्दों को भी उठाया गया। बैठक में जिले के आला अधिकारी सहित सपा विधायक और कैबिनेट मंत्री मनोज पांडेय भी मौजूद रहे। सोनिया सुबह 9 बजे फुर्सतगंज एयरपोर्ट पहुंचीं और 9. 30 बजे भूएमउ गेस्ट हाउस आईं। उनसे मिलने के लिए वहां अमेठी और रायबरेली के लोगों की भीड़ लगी रही। सोनिया ने बारी-बारी से लोगों की समस्याएं सुनीं।
लोगों ने उनके सामने सड़क, बिजली और पीने के पानी की समस्याएं खासतौर पर रखी हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा भी अपनी मां के साथ मौजूद थीं। कार्यकर्ताओं ने फिर से उनसे सक्रिय राजनीति में आने की मांग की। सोनिया दोपहर 2़25 बजे फिरोज गांधी पार्क पहुंचीं। यहां उन्होंने अपनी सांसद निधि से किए गए विकास कार्यो का उद्घाटन किया। 3 करोड़ 32 लाख रुपये की इन योजनाओं में 26 सड़कें और 9 भवनों को लोकार्पण भी शामिल है। इसके बाद उन्होंने इंदिरा नगर, देवानंदपुर और बालापुर में चल रहे निर्माण कार्यो को देखा।
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लद्दाख में एशिया की सबसे बड़ी इमेजिंग चेरेनकोव दूरबीन का हुआ उद्घाटन, 4300 मीटर की ऊंचाई पर है स्थित
लद्दाख। एशिया की सबसे बड़ी इमेजिंग चेरेनकोव दूरबीन, मेजर एटमॉस्फेरिक चेरेनकोव एक्सपेरीमेंट (एमएसीई) वेधशाला का लद्दाख के हानले में उद्घाटन किया गया है। इस दूरबीन से वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया कि 4,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह दूरबीन दुनिया में इस तरह की सबसे ऊंची दूरबीन भी है। इस दूरबीन की मदद से अब वैज्ञानिक रिसर्च में और भी प्रगति होगी। इस दूरबीन को मुंबई स्थित BARC ने इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) और अन्य भारतीय उद्योग भागीदारों की मदद से बनाया है और इसे स्वदेशी तरीके से बनाया गया है।
4 अक्तूबर को हुआ उद्घाटन
MACE वेधशाला का उद्घाटन DAE के प्लेटिनम जुबली वर्ष प्रोग्राम का एक हिस्सा था। 4 अक्तूबर को लद्दाख के हनले में डॉ. अजीत कुमार मोहंती ने मेजर एटमॉस्फेरिक चेरेनकोव एक्सपेरिमेंट (MACE) वेधशाला का उद्घाटन किया। इसके उद्घाटन के बाद उन्होंने उन सभी कोशिशों की प्रशंसा भी की जिस कारण MACE दूरबीन सफल हुई।
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