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एनआईए ने उड़ी आतंकी हमले की जांच की जिम्मेदारी संभाली
श्रीनगर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी स्थित सैन्य शिविर पर हुए आतंकवादी हमले की जांच की जिम्मेदारी मंगलवार को संभाल ली। इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे। एनआईए टीम का नेतृत्व एक महानिरीक्षक कर रहे हैं। टीम ने उड़ी पहुंच कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक, उड़ी शहर में सेना की बटालियन के प्रशासनिक शिविर में हुए इस हमले के सिलसिले में जम्मू एवं कश्मीर की पुलिस ने रविवार को प्राथमिकी दर्ज की थी और मुठभेड़ में मारे गए चारों आत्मघाती हमलावरों के पास से बरामद विभिन्न सामग्रियों को अपने कब्जे में लिया था। एनआईए की टीम ने इन सामग्रियों को अपने कब्जे में ले लिया है।
सूत्रों के मुताबिक, एनआईए की टीम ने जो चीजें अपने कब्जे में ली हैं उनमें दो ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम्स (जीपीएस) भी हैं। इनमें एक सही सलामत है जबकि दूसरा हमले में जलकर काला पड़ गया है।
सूत्रों ने कहा कि मारे गए दो आतंकियों का चेहरा पहचाने जाने की स्थिति में है। इनकी तस्वीरें जेल में बंद जैश-ए-मोहम्मद के कुछ आतंकियों को दिखाई जाएंगी ताकि उनकी पहचान हो सके। दो आतंकियों को चेहरे से पहचाना जा सकता है जबकि दो के चेहरे इस तरह जल गए हैं कि उनकी पहचान नहीं हो सकती।
सूत्रों ने कहा कि जो जीपीएस सही सलामत है उसकी जांच विशेषज्ञ से कराई जाएगी। इससे उस रास्ते का पता चलेगा जिससे आतंकी हमले के लिए आए थे। इससे यह भी पता चल सकेगा कि क्या इन आतंकियों की मदद करने में उनका कोई स्थानीय साथी भी शामिल था। एक सूत्र ने कहा कि मारे गए आतंकियों के डीएनए का नमूना भी एकत्र किया गया है।
नेशनल
जम्मू-कश्मीर: आतंकियों ने सेना के दो जवानों का किया अपहरण, एक भागने में कामयाब, दूसरे का गोलियों से छलनी शव मिला
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के जंगली इलाके में आतंकियों ने सेना के 2 जवानों का अपहरण कर लिया। हालांकि, एक जवान आतंकियों के चंगुल से छूटकर वापस आने में कामयाब हो गया है, लेकिन दूसरे की बेरहमी से ह्त्या कर दी गई है। उसका गोलियों से छलनी शव बरामद हुआ है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार दोनों जवान प्रादेशिक सेना की 161वीं इकाई के हैं। 8 अक्टूबर को शुरू किए गए आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान जंगली इलाके से उन्हें अगवा किया गया। इनमें से एक जवान भागने में सफल रहा। उसे दो गोली लगी है। बुधवार सुबह दूसरे जवान का शव मिला। उसके शरीर पर गोलियों के कई निशान हैं।
घायल जवान को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी स्थिति स्टेबल है। आतंकियों की तलाश के लिए पूरे इलाके की घेराबंदी की गई है। बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
बता दें कि यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब 8 अक्टूबर को ही जम्मू-कश्मीर में मतगणना संपन्न हुई है और अब यहां नई सरकार बनने जा रही है। नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन यहां सरकार बनाने जा रही है। अब राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार की भी चुनौती बढ़ जाएगी। सफल चुनाव आयोजन से पाकिस्तान और पाक परस्त संगठन खार खाए बैठे हैं। इसके बाद अब यहां आतंकी गतिविधियों में भारी इजाफा होने की आशंका है।
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