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नेशनल

नीतीश बोले, महाविलय का अभी नहीं आया सही समय

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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां सोमवार को कहा कि जनता परिवार में महाविलय निश्चित तौर पर होगा परंतु सही समय आने पर होगा। उन्होंने इस मौके पर कबीर का दोहा सुनाते हुए कहा कि ‘माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होए।’ पटना में ‘जनता दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि महाविलय का अभी सही समय नहीं आया है। सभी दलों का मन मिल गया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को अध्यक्ष मान लिया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि विलय की बात सकारात्मक तरीके से चल रही है। धैर्य रखने की जरूरत है। दलों में दोस्ताना रिश्ता बन चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस महाविलय से डर गई है। फिलहाल विलय नहीं होने पर भाजपा की खुशी से इस बात का पता चल रहा है कि भाजपा कितनी भयभीत है। उन्होंने मोदी सरकार के एक साल को निराशाजनक बताते हुए कहा कि भाजपा के लिए चुनाव के समय किए गए वादे निभाने के लिए नहीं होते बल्कि वह जुमला होता है।

केन्द्र सरकार को 10 में से नंबर दिए जाने के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार तो अभी परीक्षा में ही नहीं बैठी है तो अंक की बात क्या की जाए? उन्होंने कहा कि भाजपा ने एक साल गंवाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्रा पर तंज कसते हुए कहा, “देश के प्रधानमंत्री कुछ दिनों से देश में हैं। ऐसे में देश को कुछ वक्त मिला है।” नीतीश ने भूमि अधिग्रहण विधेयक पर कहा कि इस कानून को प्रधानमंत्री को प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 के कानून को अभी लागू कर देना चाहिए। बिल में इस बात का जिक्र है कि एक साल की स्थिति के अनुसार इसमें बदलाव किया जाना चाहिए। एक साल के बाद बदलाव पर विचार करना चाहिए।

नेशनल

लद्दाख में एशिया की सबसे बड़ी इमेजिंग चेरेनकोव दूरबीन का हुआ उद्घाटन, 4300 मीटर की ऊंचाई पर है स्थित

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लद्दाख। एशिया की सबसे बड़ी इमेजिंग चेरेनकोव दूरबीन, मेजर एटमॉस्फेरिक चेरेनकोव एक्सपेरीमेंट (एमएसीई) वेधशाला का लद्दाख के हानले में उद्घाटन किया गया है। इस दूरबीन से वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।

मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया कि 4,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह दूरबीन दुनिया में इस तरह की सबसे ऊंची दूरबीन भी है। इस दूरबीन की मदद से अब वैज्ञानिक रिसर्च में और भी प्रगति होगी। इस दूरबीन को मुंबई स्थित BARC ने इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) और अन्य भारतीय उद्योग भागीदारों की मदद से बनाया है और इसे स्वदेशी तरीके से बनाया गया है।

4 अक्तूबर को हुआ उद्घाटन

MACE वेधशाला का उद्घाटन DAE के प्लेटिनम जुबली वर्ष प्रोग्राम का एक हिस्सा था। 4 अक्तूबर को लद्दाख के हनले में डॉ. अजीत कुमार मोहंती ने मेजर एटमॉस्फेरिक चेरेनकोव एक्सपेरिमेंट (MACE) वेधशाला का उद्घाटन किया। इसके उद्घाटन के बाद उन्होंने उन सभी कोशिशों की प्रशंसा भी की जिस कारण MACE दूरबीन सफल हुई।

 

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