Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

आरबीआई की दरों में कटौती की संभावना नगण्य : विशेषज्ञ

Published

on

आरबीआई, सीआरआर, एसएलआर, रघुराम राजन, गवर्नर

Loading

मुंबई| वित्तीय उद्योग के जानकारों ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दरों में कटौती किए जाने की संभावना को खारिज कर दिया। रिजर्व बैंक सात अप्रैल को 2015-16 की प्रथम द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा। कार्वी समूह के फंडामेंटर रिसर्च खंड के प्रमुख जगन्नाधम थुनुगुंटला ने  कहा, “इस बार गवर्नर रघुराम राजन दरों को जस का तस छोड़ सकते हैं। अभी निगाह देश के बाहर के घटनाक्रमों और ब्याज दर बढ़ाने की अमेरिकी फेडरल रिजर्व की योजना पर रहेगी।” रेपो दर अभी 7.50 फीसदी है, जिसमें इस साल दो बार निर्धारित समय से अलग हटते हुए आरबीआई ने कटौती की है। रेपो दर वह दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक आरबीआई से छोटी अवधि के लिए कर्ज लेते हैं।

जियोजीत बीएनपी पारिबास के उपाध्यक्ष गौरंग शाह ने कहा, “कटाई के समय बेमौसमी बारिश के कारण फसलों की व्यापक तबाही के कारण खाद्य महंगाई बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसके कारण भी दरों में कटौती की संभावना नहीं है।” जायफिन एडवाइजर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवेंद्र नेवगी के मुताबिक भावी परिदृश्य पर आरबीआई के बयान की भाषा से भविष्य में कटौती का अनुमान लगाना संभव होगा। नेवगी ने कहा, “आखिरी बार हुई कटौती के बाद अब तक वाणिज्यिक बैंकों ने अपनी दरें नहीं घटाई हैं।” जियोजीत बीएनपी पारिबास फाइनेंशियल सर्विसिस के फंडामेंटर रिसर्च खंड के प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि रेपो दर में कटौती की संभावना नहीं है, लेकिन आरबीआई नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) और सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में कटौती कर और भावी परिदृश्य के मूल्यांकन के जरिए बाजार को चौंका सकता है।

नायर के मुताबिक, महंगाई के ताजा आंकड़े अभी कटौती के अनुकूल नहीं है और 25 आधार अंकों की कटौती जून तक हो सकती है। नायर ने कहा, “सीआरआर में कटौती कर आरबीआई बाजार में और तरलता बढ़ा सकता है ताकि बैंक अपनी दरें घटाए। आरबीआई मुख्य दरों में कटौती करने से पहले चौथी तिमाही में एनपीए सरलीकरण के फायदे का आकलन करना चाहेगा।” 2013 के बाद से अब तक सीआरआर चार फीसदी बरकरार है। आरबीआई ने हालांकि फरवरी 2015 में एसएलआर में 50 आधार अंकों की कटौती की थी।

बिजनेस

धनतेरस के मौके पर जियो फाइनेंस की स्मार्टगोल्ड योजना लॉन्च, मात्र 10 रुपये में खरीद सकते हैं डिजिटल सोना

Published

on

By

Loading

नई दिल्ली। दिवाली से पहले धनतेरस के मौके पर जियो फाइनेंस सर्विसेज लिमिटेड ने स्मार्टगोल्ड योजना लॉन्च की है। स्मार्टगोल्ड योजना में डिजिटली सोने की खरीद के साथ सोने में किए गए निवेश को भुनाया भी जा सकता है। सोने में किए गए निवेश से मिली स्मार्टगोल्ड युनिट किसी भी वक्त नकद, सोने के सिक्कों या आभूषणों में बदला जा सकता है। दिलचस्प यह है कि स्मार्टगोल्ड में हजारों या लाखों रुपये के निवेश की जरूरत नहीं है, मात्र 10 रु में भी सोना खरीदा जा सकता है।

जियो फाइनेंस ऐप पर स्मार्टगोल्ड योजना में सोने में निवेश के दो विकल्प ग्राहक के पास उपलब्ध हैं। पहला वह निवेश की कुल राशि तय कर सकता है, दूसरा वह सोने के भार यानी ग्राम में निवेश कर सकता है। भौतिक सोने की डिलीवरी 0.5 ग्राम और उससे अधिक की होल्डिंग पर ही होगी। यह 0.5 ग्राम, 1 ग्राम, 2 ग्राम, 5 ग्राम और 10 ग्राम के मूल्यवर्ग में उपलब्ध होगी। ग्राहक चाहे तो ऐप पर सीधा सोने के सिक्के खरीद कर होम डिलिवरी की सुविधा का लाभ भी उठा सकता है।

ग्राहक का सोना सुरक्षित रखने के लिए, निवेश के बाद स्मार्टगोल्ड में निवेश के बराबर 24 कैरेट का सोना खरीदा जाएगा और उसे एक इंश्योर्ड वॉल्ट यानी तिजोरी में रखा जाएगा। इससे सोने की संभाल से तो मुक्ति मिलेगी ही, चोरी-चकारी का डर भी नहीं सताएगा। जियो फाइनेंस ऐप पर जब चाहें तब सोने की लाइव मार्किट कीमतें देखी जा सकती हैं। स्मार्टगोल्ड दरअसल डिजिटल सोना खरीदने का एक सुविधाजनक, सुरक्षित और सहज तरीका है।

Continue Reading

Trending