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बिजनेस

उद्यमियों से मिले शिवराज, सूबे में निवेश के कई प्रस्ताव मिले

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भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सोमवार को छह उद्यमियों और उद्योग जगत के प्रतिनिधिमंडलों ने मुलाकात की। इस दौरान निवेशकों ने राज्य में निवेश के कई प्रस्ताव दिए।

मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले स्टार एग्रीवेयर हाउसिंग एंड कोलेट्रॉल मैनेजमेंट लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अमित मुण्डावाला द्वारा प्रदेश में गेहूं उपार्जन के संबंध में नागरिक आपूर्ति निगम और राज्य विपणन संघ के साथ साझा व्यापार का प्रस्ताव दिया गया। कंपनी ने उपार्जन सेवाओं में सहयोग करने में भी रुचि दिखाई। मुख्यमंत्री चौहान ने कंपनी के प्रस्ताव का विस्तृत परीक्षण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव के परीक्षण में किसानों की सुविधा का ध्यान रखा जाए।

इसी तरह एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट वेयर हाउस के अध्यक्ष अभिनव सूर्यवंशी और प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश में वेयर हाउसिंग सेक्टर में आ रही दिक्कतों की जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिन निवेशकों ने वेयर हाउसिंग सेक्टर में निवेश किया है, उन्हें मदद के सभी प्रयास किए जाएंगे। इस संबंध में गठित राज्यस्तरीय समिति में एसोसिएशन के एक पदाधिकारी को शामिल किया जाएगा।

सीआईआई के अध्यक्ष संजय किलरेस्कर ने कृषि को लाभदायक बनाने तथा श्रम कानूनों में सुधार के लिए सीआईआई के सुझावों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सीआईआई प्रदेश में फूड एण्ड एग्रीकल्चर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करना चाहता है जो किसानों को तकनीकी जानकारी देने के साथ उनके उत्पादों में मूल्य संवर्धन करेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रस्ताव का परीक्षण करने के निर्देश दिए। सीआईआई ने प्रदेश में नए निवेश को आकर्षित करने के लिए टास्क फोर्स गठित करने का सुझाव भी दिया।

मेसर्स ग्रेसिम के प्रेसीडेंट दिनेश शुक्ला और एचईजी के प्रेसीडेंट रवि झुनझुनवाला ने प्रदेश में विद्युत ड्यूटी संरचना तथा दरों के युक्ति युक्तकरण का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि कोयले पर लगने वाले प्रवेश कर का युक्तियुक्तकरण भी किया जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने ऊर्जा विभाग को इस संबंध में विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।

मेसर्स एस्सार पवर के डायरेक्टर क़े वी़ बी़ रेड्डी ने पवर प्लांट पर लगने वाले जल शुल्क तथा कोयले पर लगने वाले प्रवेश कर से छूट की बात कही। निवेशकों की मुख्यमंत्री चौहान से हुई मुलाकात के दौरान मुख्य सचिव अंटोनी डिसा सहित कई विभागों के प्रमुख अधिकारी मौजूद थे।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 रुपये के बदले देना पड़ेगा 35,453 रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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